गुजरात में बाढ़ आई ये तो पता ही होगा. सड़कों में गड्ढे और गड्ढों में पानी भी देखा होगा. मुंबई में आरजे मलिस्का वाला केस भी पता होगा. उन्होंने गड्ढों के ऊपर बीएमसी की खिंचाई की तो उनको पांच सौ करोड़ का नोटिस मिल गया. लेकिन अहमदाबाद में एक भाई ने प्रोटेस्ट का अलग तरीका निकाला है. दुआ करो इनके यहां भी नोटिस न पहुंच जाए.
ये रितेश शर्मा हैं. HeyHi एनजीओ के फाउंडर हैं. मंगलवार को अपने 40 साथियों के साथ शहर में निकल गए. एक मानव मंदिर है वहां. उसके आस पास सड़कों के गड्ढे देखे. उनमें करीब 20 पेड़ लगा दिए. मिरर अखबार को बताया कि “गुरु हम 2017 में जी रहे हैं. प्रोटेस्ट के लिए 80s वाले तरीके क्यों अपनाएं? मेरी बाइक एक गड्ढे में घुस गई. हेलमेट की वजह से खोपड़ी बच गई. मेरा दोस्त इसी तरह के गड्ढे में गिरकर चोटहिल हो गया था.”
बात तो सही है गुरू. पुराने जमाने के आइडियाज काम नहीं करेंगे. ट्रेन की पटरियां उखाड़ने और बस जलाने वाला आइडिया भी बहुत घटिया है. सरकारें उससे डर तो जाती हैं लेकिन आप राक्षस बन जाते हो. ये वाले क्रिएटिव तरीके अच्छे हैं. इनसे ऊपर जूं तो रेंगती है. लेकिन कभी कभी इत्ता बुरा लग जाता है कि नोटिस आ जाता है.
साभार : The Lallantop