भारतीय शैली सामंजस्य और समन्वय स्थापित करने की शैली है, मनुष्य में मनुष्यत्व होना ही चाहिए, हम लोग वैचारिक क्षेत्र में वैश्विक सिद्धांतों का प्रतिपादन करें, रज्जु भैया का एक संस्मरण, आने वाले दिनों में विवेक चूडामणि राम चरित मानस का संस्पर्श करते हुए कल्याण पत्रिका से प्राप्त तत्व की चीजें आचार्य जी बताये |