स्थान ---सरौंहां परिवसथ
सूचना -----युगभारती लखनऊ
के कुछ सदस्य आचार्य जी से प्रयास केन्द्र पर मिलेंगे
प्रसंग ------
गीताप्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार जी (1892-1971) और मदन मोहन मालवीय जी (1861-1946) की भेंट (आचार्य जी ने अपनी research के दौरान गीता वाटिका में हनुमान प्रसाद जी की पीठ के दर्शन किये हैं ) परामर्श ----- प्रातः जल्दी जागें अन्य --- आचार्य जी ने लगभग दस वर्ष पूर्व लिखी दो कविताएं सुनाईं -
1-यह जीवन सुख दुःख लाभ हानि उत्थान पतन वैभव अभाव |
2-जागो भारत जागो महान मदन मोहन मालवीय जी ने क्या सौगात दी यह जानने के लिए यह उद्बोधन सुनें |