दिनांक ---09-08-2021
स्थान ---सरौंहां
उदन्तक --जो भेंट स्मृति में रहे तो उस भेंट का आनन्द अनुपम है ऐसी ही एक भेंट लेफ्ट. कर्नल अभिषेक अग्निहोत्री जी (2002 बैच ) ने प्रयास केन्द्र पर आचार्य जी से कल की मुख्य विषय : व्यक्ति जब विचार में भ्रमित हो जाता है तो व्यवहार उद्दंड हो जाता है ऐसा ही विचारों का भ्रम जब प्रारम्भ हुआ तो शंकराचार्य अवतरित हुए, विवेक चूडामणि का सार संक्षेप यही है कि आत्मा,अनात्मा, ज्ञान, अज्ञान,भक्ति, शक्ति,संसार और असंसार का आधार क्या है इस रहस्य को समझ लिया जाए, ज्ञान प्राप्त करने के साधन हैं -श्रवण, मनन, निदिध्यासन भक्ति और ज्ञान अलग अलग नहीं हैं भक्ति ज्ञानोत्पत्ति का साधन है l षट् संपत्तियां हैं -शम दम उपरति तितिक्षा श्रद्धा समाधान परामर्श - सदाचार (इस तरह के उद्बोधन )के विषयों पर प्रश्न आने चाहिए | शंकराचार्य जी के मर्मस्पर्शी छंद पढ़ें |