ये किताब सच और झूठ आप सब जरूर पढ़िएगा क्यों की आज कल लोग झूठ बोल कर बहुत खुश रहते हैं।
काव्य कलश राम के मनके । रामजी दौदेरिया द्बारा रचित एक काव्य संग्रह है। इसमें 55 अद्भुत सुंदर देश भक्ति समाज प्रेम पर आधारित कविताएं संग्रहित है ।
ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल दे, चाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे !!
तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......
हमारे जिंदगी में अक्सर कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं। इस बदलाव को लेकर हमारी ये पेशकश जो आपको पसंद आएगी में सायद बदल गया हूं या जमाने में परिवर्तन आया है कलतक में खुद को तलाश रहा था आज जमाने को तलाश रहा हूं यहां सबकुछ तो पहले जेसा है फिर परिवर्तन
एक आतंकिय घटना से प्रभावित कहानी। कुछ उपद्रुवियों क् कारण समाज की कैसी दशा हो जाती है और मानवता अपाहिज। अब्दुल के बहाने उसी समाज को यह कहानी सामने लाती है।
यह कहानी है विदुषी और नवीन के प्यार की जो अपने प्यार में आने वाली मुसीबतों से किस तरह संघर्ष करते है और अंतिम सांस तक एक दूसरे का साथ देते हैं।ये कहानी है विदुषी के दर्द की जो उसे अपने प्रेम को पाने में सहने पड़ते हैं।विदुषी जो नवीन से 12th class me
कि तू बस छोड़ दे साथ मेरे , मुझे तुझसे कोई गिला नहीं । और दोबारा सताने लगी है तू मुझे, ऐ जिन्दगी तुझे कोई और मिला नहीं ।
‘यार जादूगर’ हिंदी साहित्य की मुख्य धारा के उपन्यासों में विषय-वस्तु के लिहाज से एकदम नया और चौंकाने वाली कहानी है। कल्पना की जमीन पर बोया गया ऐसा यथार्थ जो मानवीय संबंधों और उसके मनोविज्ञान पर दार्शनिकता की गाँठ खोलता रेशा-रेशा उघाड़ते हुए एक प्राकृ
This book is the Research on The Lalit Nibandh by Dr. Shailendra Nath Mishra, Head & Associate Professor in Department of Hindi, Shree Lal Bahadur Shastri Degree College, Gonda, UP, 271001 Read more
सरस्वती एक गांव में रहने वाली महिला ने अपने बेटे को शांति पूर्वक किसी भी बात को कैसे सहन है यह बताती है
ये कहानी है एक बहु की नजर से उसकी सास "अम्मा" की ...या कह सकते है मेरी दादी की.. मेरी माँ की नजर से.. मैंने कहने की कोशिश की है जो मैने देखा, सुना, समझा... ये मेरी ओर से मेरी दादी के लिए एक श्रद्धांजलि हैं l 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 सुबह के छह बज रहे थे..
जब बुराई एक महाकाय रूप धारण कर लेती है, जब ऐसा प्रतीत होता है कि सबकुछ लुप्त हो चुका है, जब आपके शत्रु विजय प्राप्त कर लेंगे, तब एक महानायक अवतरित होगा।क्या वह रूखा एवं खुरदुरा तिब्बती प्रवासी शिव सचमुच ही महानायक है? और क्या वह महानायक बनना भी चाहता
लड़की होना मेरे लक्ष्य पर पड़ा था भारी जिस स्याही से मेरी किस्मत लिखी वह थी काली । आंखें बंद कर जिन अपनों पर विश्वास किया उन्हीं ने तो मेरी सभी ख्वाहिशों का गला घोटा । जो बोलते थे कि लड़का लड़क
लेकिन आदर्शवाद की एक कीमत होती है. उसे वह कीमत चुकानी पड़ी. ३4०० ईसापूर्व, भारत. अलगावों से अयोध्या कमज़ोर हो चुकी थी. एक भयंकर युद्ध अपना कर वसूल रहा था. नुक्सान बहुत गहरा था. लंका का राक्षस राजा, रावण पराजित राज्यों पर अपना शासन लागू नहीं करता
बुंदेलखंड के आधुनिक कवि (संपादक- राजीव नामदेव राना लिधौरी',) टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड के 71कवियों की रचनाएं परिचय व फोटो सहित एक बार जरूर पढ़िएगा
तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......
कोरोना की वैक्सीन बन गयी है, किन्तु हर रोज की तरह आज भी मार्किट में भारी भीड़ लगी हुई थी। उसी भीड़-भाड़ वाले मार्किट में मैं भी था; जहाँ कोई मास्क लगाए नहीं था, वहाँ मैंने मास्क लगा रखा था ! लोग अजीब नजरों से मुझे देख रहे थे, क्योंकि मैं उन्हें 'मास्क'
बहुत समय पूर्व जब गुरुकुल शिक्षा की प्रणाली होती थी | तब हर बालक को अपने जीवन के पच्चीस वर्ष गुरुकुल में बिताना पड़ता था | उस समय एक प्रचंड पंडित राधे गुप्त हुआ करते थे जिनका गुरुकुल बहुत प्रसिद्ध था | जहाँ दूर-दूर के राज्य के शिष्य शिक्षा प्राप्त करन