चित्रा और सुदीप सच और सपने के बीच की छोटी-सी खाली जगह में 10 अक्टूबर 2010 को मिले और अगले 10 साल हर 10 अक्टूबर को मिलते रहे। एक साल में एक बार, बस। अक्टूबर जंक्शन के ‘दस दिन’ 10/अक्टूबर/ 2010 से लेकर 10/अक्टूबर/2020 तक दस साल में फैले हुए हैं। एक त
अमृता प्रीतम (1919-2005) पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थीं। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे अधिक चर्चित उनकी आत्मकथा 'रसीदी टिकट' रही। पद्म विभूषण व साहित्य अकादमी
बोलली नाही तू, कि मी एकटा पडतो......... वरून खुश दिसतो, पण मनातून रडतो.....
ना अर्ज किया है ना फर्ज किया है किसी ने हमें रिजेक्ट किया बाद में उसी ने हमें गूगल पर सर्च किया है अजी हार नहीं मानी हमने एक वक्त पर लोहा भी पिघल जाता है अजीब हार नहीं मानी हमने इस वक्त पर नोहा भी बिगड़ जाता है और हम से मत उलझो शेर सो रहा हूं तब भी
तेरे दो नयना, देखे मुझे ऐसे जैसे इनको है कुछ कहना | कहने को कुछ है है नहीं तेरी आंखो की भाषा, जो थी वो पहले से पड़ ही ली दिल तेरा अब है ही नहीं साया मेरा ही रहा अब सोच मत इतना भी यहीं देकर तूने एहसान ये किया जो मेरा था ही नहीं जो मेरा था ही नहीं
सिंधुताई के विषय में आप सभी लोग जानते होंगे इस सदी की महानतम महिलाओं में से एक थी । उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को मैंने अपने शब्द देने का प्रयत्न किया है आशा है आप सभी को यह पुस्तक पसंद आएगी।
मेरी मां, मेरी दुनिया मेरी मां मेरी दुनिया मेरी मां के चरणों में ,सारा ये संसार बसा मां मुझे सब कुछ देने वाली, मेरी मां मेरी विपदा हरने वाली और किसी से क्या मैं मांगू मेरी मां है। सब कुछ देने वाली मा
मेरी इस पहली कृति का नाम 'सीमांचल' है। 'सीमांचल' शब्द का अर्थ सीमा के आसपास के भूखंड या अंचल से जुड़ता है। पहले यह स्पष्ट कर दूं कि इस कृति का नामकरण 'सीमांचल' करते हुए मेरे मन में कहीं भी कोई राजनीतिक नक्शा नहीं रहा है, बल्कि इस कृति के लिए यह नाम
यह एक ऐसी कहानी है जो आपको हँसाते हुए रुला देने के मोड़ पर ले जाएगी। संजय-रफ़ीक़ की गंगा जमनी दोस्ती है। दोस्तों की छेड़ है। रफ़ीक़-उज़्मा का प्रेम है। शहर बलिया की अपनी राजनीति है। षड्यंत्र है। हत्या है। आत्महत्या है। और इन सबसे ऊपर एक ऐतिहासिक ट्विस्
राजा रानी हर कदम पर है बनना है तो इक्का बनो राजा रानी हर कदम पर है बनना है तो इक्का बनो बनना है तो इतना बनो की चाल ही पलट दे सब एक नंबर का है पगली दो नंबर का नहीं कमाते हम अजीत सब एक नंबर का है पगली तो नंबर का नहीं कमाते हम और जाकर कई और लाइन मार्ग
उपन्यास की पृष्ठभूमि में आइआइटी बीएचयू (IIT BHU) और बनारस है, वहाँ की मस्ती है, बीएचयू के विद्यार्थी, अध्यापक और उनका औघड़पन है। समकालीन परिवेश में बुनी कथा एक इंजीनियर के इश्क़, शिक्षा-व्यवस्था से उसके मोहभंग और अपनी राह ख़ुद बनाने का ताना-बाना बुनत
यह हिन्दी में लिखी गई 9 लघु कथाओं का संग्रह है। यह लेखक के जीवन और उसके आसपास के उदाहरणों, स्थानों और लोगों से बहुत अधिक प्रेरित है। कहानियाँ गहरी कल्पनाओं से लेकर बचपन की कहानियों तक हैं और एक दूसरे से कथात्मक और वैचारिक रूप से अद्वितीय हैं। लोग अपन
ये किताब सच और झूठ आप सब जरूर पढ़िएगा क्यों की आज कल लोग झूठ बोल कर बहुत खुश रहते हैं।
काव्य कलश राम के मनके । रामजी दौदेरिया द्बारा रचित एक काव्य संग्रह है। इसमें 55 अद्भुत सुंदर देश भक्ति समाज प्रेम पर आधारित कविताएं संग्रहित है ।
ए खुदा किसी एक का तो नसीब बदल दे, चाहे उसे मेरा या मुझे उसका कर दे !!
तिच्या मिठीत रात्रं, मस्त निघून जाते........ . चंद्र चांदणी लपून छपून, आमचं प्रेम पहाते......
हमारे जिंदगी में अक्सर कुछ ना कुछ बदलाव होते रहते हैं। इस बदलाव को लेकर हमारी ये पेशकश जो आपको पसंद आएगी में सायद बदल गया हूं या जमाने में परिवर्तन आया है कलतक में खुद को तलाश रहा था आज जमाने को तलाश रहा हूं यहां सबकुछ तो पहले जेसा है फिर परिवर्तन
एक आतंकिय घटना से प्रभावित कहानी। कुछ उपद्रुवियों क् कारण समाज की कैसी दशा हो जाती है और मानवता अपाहिज। अब्दुल के बहाने उसी समाज को यह कहानी सामने लाती है।