ज़िंदगी भीख में नहीं मिलती, ज़िंदगी बढ़ के छीनी जाती है "रंजन", कायरों का जीना भी कोई जीना है सिर्फ कुछ दिन गिनी जाती !! https://ghazalsofghalib.com https://sahityasangeet.com
तुम सुनो न सुनो हम तुम्हे आवाज़ दे बुलाते रहेंगे तुम मुझे भूल जाओ मगर हम तेरा नाम गुनगुनाते रहेंगे प्यार करके प्यार से मुकर जाओ ये तेरा धरम हम तुम्हे गीत में ढाल कर तुम्ही को गीत सुनाते रहेंगे
ज़िंदगी के मोड़उचंट खाता बन खोला है सदालकीरें उकेरने का सीख रहा हूँ कायदा💮💮💮💮💮💮💮💮💮💮💮अश्कों के संग दर्दे दिल बह जाएगा!सुकून फिर भी क्या? कभी मिल पाएगा!!मरहम छुपा उलझा रखा है-गेसुओं में अपने,आहें नज़र-अंदाज़ करने कीआदत बना डाली है!इनकार बनाया जिन्दगी का'आईन'- सवाली है!! प्यार का दस्तूर बेहिसाब,
💦 💦💦 💦 💦💦 💦दर्द तेरा सारा, काश मैं पी पाता!अश्कों को तेरे पोछ मैं जी पाता!!ताजिंदगी निभाने का वायदा किया है,जहाँ की सारी खुशियाँ तुझे मैं दे पाता!तेरी हर चाहतों पे दिल कुरवाँ हो जाता!!🐾 🐾🐾 🐾 🐾 🐾🐾 🐾🐾 शराबोर है मेरा मन!छायें हैं मेध सधन!!तिश्नगी बेहिसाब- बेताब हूँ,शराबोर हो पिधल जा
इक उम्र गुजरी अब इक उम्र में आ गए,छोड़ कर हम बचपन अब जवां शहर आ गए,यूं तो गुजरे कई शख़्स इन राहों से,मगर गुजर कर हम किस राह में आ गए,
कागज की नाव⛵⛵⛵⛵⛵⛵बाल गीत लिखते लिखतेजागतिक् विचारों में बह चलाबाल सुलभ जीवन मेरासमयान्तर- छिटक दूर हो चला★★★★★★★★★★★★★★🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂जो सोचा था, वह पा न सकाजो खोया था, न वापस ला सकातुम्हारी यादों को समेटे खुद को बहला न सका🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷टच से काम चलता है,श्याही पोतना क्याअँगुली की पोर परउझलती ह
कल तक कहते थे चेहरा मत दिखाना "रंजन",आज कल खुद चेहरा छुपा कर घूमते हैं वो !!
मेरी बही अख्ज़ फ़ितरत में मेरे नहींफ़र्माइशों की आदत है नहींफ़र्याद का शऊर तक नहींबन्दिगी करता हूँ, यह सहीफ़कीर कहते हैं लोग बागमौत की फिक्र कत्तई नहींयही कहती है हमारी बहीनिर्मल
'गजल' नहीं,महज़ ये अश्कों की बौछार है!दाद से हमको रहानहीं कभी सरोकार है!!हमदर्द बनने का हुनरतनिक भी पाया नहीं,दिल में जल-जला-मुक़म्मल जार- जार है!'गजल' नहीं ये महजअश्कों की बौछार है!!💕💕💕💕गज़ल💕💕💕💕हम तो सागर से गोमुख★ के राहीधार को पलट कर- हम बहे रहे हैंशायरी का ही दमख़म है - जिसनेबोल बोले हैं अन
रोमांस लॉकबंदी मेंघर में महफ़ूज हो,मास्क मत लगाना।कर्फ्यु सड़क पर है,गली-कूचों से गुजर-आज की रात आ जाना।।बुर्का है एक काफी-हुश्न छुपाने के लिए,चिलमन के धुँधरु बजा कर,साँप को रस्सी समझ तुमदिल में उतर बस जाना।।।💕💕💕के. के.💕💕💕
🌸🌸हुश्न ओ' सबाब🌸🌸प्रोफाइल फोटो हर शाम तुम, बदलते रहना!दिल की बात कह अगन समेटते हीं रहना!!चिलमन की क्या? औकात, हुश्न छुपा सके,दिल की लबों पे बिखेर,इकरार तुम करना!प्यार रहा अब तलक,बस प्यार करते रहना!!🌹🌹🌹🏵️🏵️🌹🌹🌹🌺डॉ. कवि कुमार निर्मल🌺
"मौत"मौत तो महज़ एक है वहम,मौत अरअसल नया जनम है।मौत हीं है अगली ज़िंदगी अगली,मौत हीं असली फलसफ़ा है।।मौत हीं खुदा ओ' है क़ुरआन,बाइबल की रोचक पैरेबल्स;ऋचाओं की विहंगम खान है।मौत से हीं है सारा यह ज़हान,मौत हीं मानो- ज़िंदगी की शान है।।डॉ. कवि कुमार निर्मल
🌺🌺🌺🌺जन्में थे जब तो बेहिसाब ज़श्न थे मने,स्वजनों के जाने के साथवसियतनामे खुले।हुनर था बहुत परवह छुपाये न छुप सका--जाने के बाद सभों केआँसुओं संग बह रहे।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बेवफ़ाई देख कविता-शायरी उमड़ बरसती है।हर हर्फ-छंद से हुश्न की दीवारें चिनी जाती है।।शायर आशिकी कीशहनाई आदतन बजाया है।'कवि' नेह समेट
🐾🐾🐾🐾🐾🐾🐾ज़िंदगी की अधुरी किताब,अश्कों की अज़िबोगरीब दॉस्ता है!🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵🌵मानो न मानो दोस्त,ये मुकम्मल बेज़ुवाँ है!!🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺उल्फ़त का यह है जनाजा,बेवफ़ाई इसका इन्तिहॉ है!🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄सिद्दतों का असर यक़िनन,फ़रिस्तों पे हीं मेहरवॉ है!!🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼खुदगर्ज- जाहील इन्सान पे,होती नहीं
कुछ अनकहे वादे तू भी निभा लिया करकब तक यू इंतज़ार में रात को गले लगाया करू
••••••••• आशिक •••••••••आंखों से नहीं दिल में डूबमदहोश होता है आशिकचाहत लुटा के किरदारबन पाता है आशिक•••••••••••••••••••••हाल यह है अपनाउकेर लेता हूं रकीरें मगरमहफ़ूज रख नहीं पातादर्द बन रिस रहा नासूरअश्क बहाता रहाजार -जार हो करअश्क देख कर मगरमैं पोंछ हूं सदा पाता•••••••के. के.•••••••
नज़र से नज़र की सिफ़ारिश न होतीतो दिल में मोहब्बत की ख़्वाहिश न होतीसभी अपनी तहज़ीब पहचानते अगरबदन की कहीं भी नुमाइश न होतीख़लल कुछ इबादत में पड़ता नहीं तबजो इन्सां की फ़ितरत में लग्ज़िश न होतीअगर तुम न मिलते हमें ज़िंदगी मेंजहां में हमारी रिहाइश न होतीछुपाए मोहब्बत कभी छुप सकी क्याकहाँ तक इन आँखों से बारिश न
रात जितनी बढ रही थी ,खामोशी उतनी ही फैल रही थी । रूठ कर तेरा ,यूं बैठना कहा मेरे दिल की पुकार सुन पा रही थी ।।😍😍😍😍😍😍😍