!!ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग.......!!
फोन की घंटी बजती है प्रिया कहती है किस का फोन आ गया। उधर से भाभी आप मेरा काम कर दी pleas बोलो न......
जल्दी से अरे नही अभी तेरे भैया सोये हैं..... जब जगेगें तो बता दूंगी अच्छा बाबा.....
!!ओह नो......
आप भी न जाओ मेरी प्यारी भाभी......
"अच्छा आज पक्का मेरा काम हो जायेगा न टाइम नही है मेरी स्वीटी भाभी..".....
ओ मेरी मक्खन वाली ननद जी चलो मैं चली
मुझे काम है अपना काम अपने भाई से करा लेना।
नही..... मुझे डर लगता है आप कर दो न......
"इतना छोटू सा काम में इतने नखरे दिखा रही हो"।
!अच्छा बाबा...... कर दूंगी पर मुझे क्या मिलेगा!
"मूवी की टिकट भैया के साथ देखने के लिए.....
अच्छा वैसे मैं किसी और के साथ जाने वाली थी क्या?.....
हाहाहा..... ऐसा सोचना भी नही दोनों हँसते हुए
अच्छा बाद में कॉल करती हूँ।
प्रिया फोन रखते ही कहती है।हे भगवान दोनों भाई बहन को बस मुझे ही परेशान करना है।
अपने से कोई काम नही करना है. बस मेरे पीछे पीछे लगे रहेंगे, अपने काम के लिए।
प्रिया कमरे में आती है और,रवि को अरे बाबा अब जग तो जाओ
छुट्टी मिलने पर बस तुम्हें सो कर गुजरना है....
!!ओहो क्या? हुआ
क्यों मुझे परेशान कर रही हो?
!!सोने भी नही देती है मेरी गोलगप्पा 😄😄!!
अच्छा जी एक तो दिन भर सोये रहे हो और,कहते हो मुझे क्यों परेशान कर रही हो। .....
हद हो गई जाओ मुझे नही करनी बात....
"ओय मेरी गोलपप्पा तू भी न बात बात पर मुँह गोल गप्पे सा बना लेती हो।"
अरे सोने दो न चलो हटो......
बड़ा मशका मार रहे हो........
अरे आ जाओ न रवि प्रिया को खींच लेता है।
हट..... हटो मैं तेरी तरह कुम्भकरण की नानी नही हूँ।
जब छुटी मिली तो बस सोने की सोचूंगी।
हाहाहा......रवि हँसते हुए अच्छा मैं तुझे कुम्भकरण लग रहा हूँ।
जी हाँ कोई शक।
नही जब तूने कहा तो सच ही कहा होगा मेरी प्राणों से प्रिय घर की बॉस जो हो।
"घर में बीबी और ऑफिस में बॉस अगर अच्छा हो न तो नींद का मजा दुगना छोड़ चौगुना हो जाता है"।......
हाहाहा मेरी गोलगप्पा ❤❤
चलो हटो सुबह से शाम आ गई, पर मेरे कुम्भकरण को नींद की दुनिया से वापस आने का दिल करता नही है।
हाहाहा...…" जिंदगी में नींद और नखरे वाली बीबी हो तो कुम्भकरण बनने में हर्ज क्या छुट्टी में"।
!!अच्छा ये नाम तूने कहाँ से सोचा रवि न पूछा....
!तुम्हारी नींद ने आईडिया दिया!
हँसते हुए प्रिया कहती है।
अच्छा अब चलो न मेरे बेड को छोड़ कर.....
फिर रवि प्रिया को पास खींच लेता है। अरे छोडो मुझे
बेड पर बस तुम्हें मस्ती और काम हो तो बस काम....
हाहाहा बीच में क्या करूँ मेरी मेरी गोलगप्पा
तू बता दे।.....
हट मुझे क्या पता तुम जानो......
अरे सुनो न मुझे कुछ कहना था।
रवि अभी मुझे याद आया है।
अरे बताने आई तो थी तुम मसका लगा रहे थे मैं भूल गई। अभी याद आ गया मैं तो भूल ही गई थी।
क्या हुआ बोलो तो सही?
नही तुम नाराज हो जाओगे।
अरे नही तुम बोलो तो सही....
वो रिद्धिमा......
रवि क्या हुआ उसे अरे बोलो तो !
अरे कुछ नही तुम ऐसे क्यों डर जाते हो?
हमसब के रहते कुछ नही होगा उसे तुम न भी......
अरे डर लग जाता है प्रिया।
तू जानती है न वो कितनी तकलीफ सह कर अब अपनी जिंदगी में थोड़ा आगे बढ़ना सीख रही है।
पता नही कहाँ से वो इतनी हिम्मत लेकर आती है।
!!मेरी बहना!!
उसे कुछ होता है तो दर्द मुझे होता है।
लगता है मेरी छुटकी हमेशा हँसते मुस्कुराते रहे बस।
किसी की फिर से नजर न लगे उसकी जिंदगी में।
अरे रिद्धिमा को ट्रिप पर जाना है, बस तुझे बताने से डर रही है की तुम जाने नही दोगे।
इसलिए वो मुझे बोल रही है, की भाई को पूछो न भाभी।
अरे प्रिया कहाँ जायगी तुम कुछ नही समझती हो उसे ऐसे अकेले कैसे जाने दूँ डर लगता है।
रवि तुम ऐसे ही परेशान हो जाते हो। उसे जाने दो न थोड़ा घूमेगी तो अच्छा लगेगा दिल बहल जाएगा।
तभी घंटी बजती है अरे कौन आया अभी तो रिद्धिमा भी नही आती है।
प्रिया दरवाजे खोलती है चौंक कर अरे तुम आज इतनी जल्दी.......
क्यों किसी और का इंतजार था।भाई तो घर में ही तो थे
प्रिया हट बदमाश.......
हाँ क्यों नही आना था क्या हँसते हुए......
अरे आज बोला था न आपको थोड़ी सी शॉपिंग करनी है,
देखो बहन भी आ गई ऑफिस से और जानब अभी तक
सो रहे हैं। कोई तुम से सीखे छुट्टी ले कर सोना.....
रवि हँसते हुए अरे दोनों क्यों मेरे सोने के पीछे पड़ी हो। अब हम जग कर काम करते हैं और तुम दोनों सो जाओ.....
प्रिया नही ये आप ही करो मुझे नही सोना है।
अरे बस जगा रही हो ये नही की गरमा गर्म चाय हो साथ में कुछ पकौड़े भी हो तो मजा आ जायेगा।
अरे भाभी मैं चाय बना लेती हूँ, तुम पकौड़े बना लो फिर मिल कर बातें करते हैं।
बीबी और बहन के रहते बेचारे को एक कप चाय भी नही मिलती है.....
ये कैसी जिंदगी मेरी......
अरे बड़ा न नाटक कर रहे हो।
लो आ गई चाय और पकौड़े भी अब हम चाय और पकौड़े खाते हैं तुम सो जाओ......
नही नही अब किस को नींद आएगी हाहाहा.......
चाय और बातें होने लगती है, फिर रिद्धिमा अरे भाई आप को कुछ बताना है।
हाँ मुझे पता है तेरी चमची भाभी बता दिया है......
पर मुझे डर लगता है पर तू जाना चाहेगी तो जा सकती है।
तेरी खुशी में मेरी खुशी......
हाँ भाई कुछ भूल कर जिंदगी में तुम सब के साथ खुश रहना अच्छा लगता है।
हाँ ये हुई न मेरी मोटी की मोटी बातें और चाय और पकौड़े में चार चाँद लग गया।
अरे जल्दी करो भाई भाभी शॉपिंग भी चलना वरना भाई कहेँगे छोड़ दो......
अरे रुक न कोई थोड़े भाग जाएगा।
आराम से चाय पी लें फिर चलेंगे, शॉपिंग करने
क्या कहती है?
ठीक है भाई हम भी आते हैं तैयार हो कर।
!!अभी आती हूँ!!
क्रमशः.......