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उपन्यास की किताबें

गोदान

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। गोदान एक शोषित किसान और ग्रामीण जीवन पर आधारित उन

67 पाठक
35 अध्याय
23 जुलाई 2022
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 द प्रोफेट

जब आप दुःखी होते हैं तो फिर एक बार अपने हृदय में झाँकिए और आप देखेंगे कि वास्तव में आप उस चीज के लिए रो रहे हैं, जो आपकी खुशी का स्रोत था। आपमें से कुछ लोग कहते हैं, 'दुःख से बड़ा सुख होता है,” और दूसरे लोग कहते हैं, “नहीं, दुःख उससे भी बड़ा है। लेक

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2 अध्याय
8 अप्रैल 2023
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इम्तहान ( अय्याशी बनाम इश्क़ )

ये कहानी है कृषिव चंद्रवंशी और राभ्या की ,, उनकी जिंदगी की उतार चढ़ाव की ,, कृषिव के टूटे हुए अस्तित्व की ,, राभ्या के प्यार की,, किस तरह राभ्या कृषिव को किस तरह वापस सही रास्ते पर लाई उसे फिर से एक अच्छा इंसान बनाया ,, कैसे उस अय्याश के दिल में अपने

11 पाठक
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12 अध्याय
24 जनवरी 2022
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चोटी की पकड़

उनकी प्रायः हर कथा कृति का परिवेश सामाजिक यथार्थ से अनुप्राणित है। यही कारण है कि उनके कतिपय ऐतिहासिक पात्रों को भी हम एक सुस्पष्ट सामाजिक भूमिका में देखते हैं। चोटी की पकड़ यद्यपि ऐतिहासिक उपन्यास है, लेकिन इतिहास के खण्डहर इसमें पूरी तरह मौजूद हैं।

5 पाठक
39 अध्याय
5 अगस्त 2022
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ज्ञान योग

एक रूप में ज्ञानयोगी व्यक्ति ज्ञान द्वारा ईश्वरप्राप्ति मार्ग में प्रेरित होता है। स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित ज्ञानयोग में मायावाद,मनुष्य का यथार्थ व प्रकृत स्वरूप,माया और मुक्ति,ब्रह्म और जगत, अंतर्जगत, बहिर्जगत, बहुतत्व में एकत्व, ब्रह्म दर्शन,आ

53 पाठक
17 अध्याय
7 मई 2022
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झाँसी की रानी-लक्ष्मीबाई (उपन्यास भाग 1)

वृन्दावनलाल वर्मा (०९ जनवरी, १८८९ - २३ फरवरी, १९६९) हिन्दी नाटककार तथा उपन्यासकार थे। हिन्दी उपन्यास के विकास में उनका योगदान महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने एक तरफ प्रेमचंद की सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ाया है तो दूसरी तरफ हिन्दी में ऐतिहासिक उपन्यास की धार

36 पाठक
28 अध्याय
28 जुलाई 2022
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परती परिकथा

परती परिकथा फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित हिंदी उपन्यास है। मैला आँचल के बाद यह रेणु का दूसरा आंचलिक उपन्यास था। इसमें परानपुर गाँव का अंचल ही नायक है । समाज गाँवों में बिखरा हुआ है और प्रत्येक गाँव की अपनी खास पहचान है। 'परती-परिकथा'उसका प्रमाण है। इ

3 पाठक
15 अध्याय
28 जुलाई 2022
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बहू की रिहाई

लघु उपन्यास ‘बहू की रिहाई’ मेरा तीसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा प्रथम लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हुआ, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही कॉमन बात

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1 अध्याय
2 सितम्बर 2023
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मंगलसूत्र

प्रेमचंद द्वारा लिखित 'मंगलसूत्र' उपन्यास उनका अपूर्ण उपन्यास है। 1936 ई. में अपने अंतिम दिनों में प्रेमचंद 'मंगलसूत्र' उपन्यास लिख रहे थे किंतु वे उसे पूर्ण न सके। इस उपन्यास का अंतिम रूप क्या होता, यह तो कहना कठिन है तो भी ऐसी प्रतीत होता है कि वे

2 पाठक
4 अध्याय
12 फरवरी 2022
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औघड़

‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में

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2 अध्याय
5 मई 2022
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महाराणा प्रताप का शौर्य - वीरता+शौर्य+त्याग+पराक्रम+दृढ़प्रण

महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया।

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9 नवम्बर 2022
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झील की परछाई

इस दुनिया मे बहुत कुछ ऐसा भी होता है जो मानव कि समझ से परे होता है ये कहानी पहाड़ो मे बसे हुए एक टाउन कि है जिसे हिल हाउस टाउन कहते थे हिल हाउस टाउन का नाम वहां पर बने हुए एक हिल हाउस के नाम से ही पड़ा था जो पता नहीं कितने रहस्य अपने अंदर समेटे हुए था.

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2 सितम्बर 2023
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ग़बन

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। गबन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथा

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5 अध्याय
23 जुलाई 2022
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राम वही जो सिया मन भाये

समिता - एक मिडिल क्लास पढ़ाकू और स्वाभिमानी लड़की, जिसके सपने बहुत बड़े तो है , लेकिन उसूलों के साथ। वह अपने उसूलों से कोई समझौता नही करती। और राज - एक अपर मिडिल क्लास का पढ़ाकू लड़का है, अमीर बनना चाहता है, इसलिये दायरे में रहकर जमीर से समझौता कर ही लेत

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53 अध्याय
27 जनवरी 2022
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अधखिला फूल

अधखिला फूल "अधखिला फूला उपाध्याय जी का दूसरा सामाजिक उपन्यास है है देवहूती एक विवाहित स्वी है । उसका पति देवस्वरूप संसार से विरक्त रहते के कारण कहीं बाहर चला जाता है । कहने की आवश्यकता नहीं कि आज के पाठक को यह भाषा कुछ कृत्रिम-सी लगेगी । सिर भी ऐसा न

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26 अध्याय
5 अगस्त 2022
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निरुपमा

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उनके मार्ग में बाधाएँ आती हैं, पर वे उनसे विचलित नहीं होते और संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं।''

7 पाठक
25 अध्याय
5 अगस्त 2022
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देवांगना

वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षामः और सोमनाथ जैसे सुप्रसिद्ध उपन्यासों के लेखक आचार्य चतुरसेन के इस उपन्यास की पृष्ठभूमि बारहवीं ईस्वी सदी का बिहार है जब बौद्ध धर्म कुरीतियों के कारण पतन की ओर तेज़ी से बढ़ रहा था। कहानी है बौद्ध भिक्षु दिवोदास की, जो धर्म

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18 मई 2022
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तांत्रिक लड़की और उसके बैल

यह उपन्यास मुख्यतः जादू टोना और तंत्र क्रिया पर आधारित है। दुश्मनी के कारण एक नाबालिग को किस तरह जादू टोना सिखाकर पूरे समाज को तंग किया जाता है यह आपको इस उपन्यास में पढने को मिलेगा। उपन्यास में कुल पन्द्रह अध्याय हैं।जिसमें निजी दुश्मनी

33 पाठक
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27 जनवरी 2022
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