प्रसिद्ध उपन्यास का मूल अर्थ है,निकट रखी गई वस्तु किंतु आधुनिक युग में इसका प्रयोग साहित्य के एक विशेष रूप के लिए होता है। जिसमें एक दीर्घ कथा का वर्णन गद्य में कहा जाता है। एक लेखक महोदय का विचार है,
दीवाली के पावन पर्व को,क्यों करते हो बदनाम,खेले जाते हैं जुए,और टकराते हैं जाम।ये है अच्छी बात नहीं!कुछ पीते मधु मधुशाला में,कुछ पीकर पड़े हैं नाली में,कुछ घर में बैठकर पीते हैं,फिर व्यस्त हुए हैं गाली
व्यसन (बुरी लत) व्यसन (बुरी लत) वो बर्बादी का रास्ता है , जिस पर आजतक जो भी चला है उसका हमेशा नुकसान ही हुआ है, चाहे वो धन दौलत का हो, घर संसार हो या हसती खेलती जिंदगी का. आसान भाषा में
व्यसन है मनुज के दुर्गुण,जो मानव का नुक़सान करें।तन-मन विचलित करते हैं जन का,जीवन पथ में व्यवधान बनें।।गुटखा,बीड़ी और मदिरा,मानव का तन चूस रहे।टी.बी. कैंसर और सिलिकोसिस,बीमारी वरदान में दे रहे।।तन को
व्यसन (बुरी लत)पृथ्वी पर जीवन के आविर्भाव के वैज्ञानिक और आध्यत्मिक दोनों ही दृष्टिकोण हैं । इसमें एक बात तो तय है कि एक जीव मात्र से जीवन के निर्माण तक का सफर मनुष्यता की सबसे महान उपलब्धियों में से
जीवन का आधा पतन – व्यसन धरती पर अगर चंदन का पेड़ उगाना हो तो वर्षों लग जाते हैं और बेशर्म का पौधा उगाने में कुछ भी श्रम नहीं लगता। उसे तो जहाँ फेंक दो, अपने आप उग आता है, इसलिए उसका नाम ही बेशर्म है।
चाहते और कहते हैं छूटती नहीं. ऐसी चीजों और भावों को गंभीरता से सोचें, चिंतन करें. हर समय कोई महापुरुष आपको शिक्षा देने भले ही मौजूद न हो लेकिन उनकी बातें हमेशा आपके साथ रहती हैं. एक बार विनोबा भावे क
बुरी आदत जो है, इतना जल्दी कहां जाती है, बाकी नशे तो सेहत खराब करते हैं पर तू तो मेरे रूह को जलाती है, बुरी आदत है ना इतनी जल्दी कहा जाती है। काश तेरी यादें भी तुझ जैसी होती , कुछ समय रुकती और चली जा
नशे का व्यापार मेरे देश के युवाओं को क्या हो गया। जिसे देखो वही नशे कि दुनिया में खो गया। कुछ लोगो ने अपनी जान गंवाई नशे की लत है बुरी है भाई मेरे देश के युवाओं को क्या हो गया। जिसे देखो वही नश
केशव एक 20 वर्ष का सुंदर स्मार्ट नवजवान लड़का है, कहने को तो पढ़ने जाता है, पर 12th क्लास में पिछले 3 साल से फेल हो रहा है,जबकि वो 10th में डिस्ट्रिक्ट टॉपर रहा है,और उसके मां बाप ने उसके बारे मे बड़े