प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखी चिट्ठी में अपने अयोध्या यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और उनकी प्रेरणादायक चिट्ठी को कृतज्ञता चिट्ठी के माध्यम से सार्वजनिक किया।
मोदी ने अपने लिखे में व्यक्त किया कि अयोध्या का यात्रा का अनुभव सबसे अविस्मरणीय है और वह अपने मन में एक अयोध्या को लेकर लौटा है, जो कभी मुझसे दूर नहीं हो सकती है। उन्होंने राष्ट्रपति के भावनात्मक संदेश का समर्थन किया और उनके साथ हुए संवाद की महत्वपूर्णता को मान्यता दी।
चिट्ठी में उन्होंने अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान और यम-नियमों की चर्चा की, जो अपने आत्मनिर्भर जीवन के सिद्धांतों को दिखाते हैं। उन्होंने देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात्कार का महत्वपूर्ण क्षण को साझा किया और उनके साथ हुए इस अद्वितीय समय को अविस्मरणीय बताया।
चिट्ठी में मोदी ने राष्ट्रपति के साथ रामलला के दर्शन और स्वागत के क्षण को "अप्रतिम" और "सदा कृतज्ञ" बताया और उनके साक्षात्कार से होने वाले आशीर्वाद की बात की। उन्होंने राष्ट्रपति की शुभकामनाओं और स्नेह के लिए आभारी रहने का भाव व्यक्त किया और चिट्ठी को अद्भुतता और समर्पण के साथ समाप्त किया।