इस बयान से साफ़ होता है कि भारत का दृष्टिकोण इस मामले में नेतृत्व की तरफ़ से सावधानीपूर्ण और विवेकपूर्ण है। भारत के विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को "जीरो टॉलरेंस" वाली बताया है, जिससे साफ होता है कि वह इस मुद्दे में सख्त खड़ा है।
भारत ने ईरान की पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद इस एक्शन का फैसला आत्मरक्षा के संदर्भ में लिया गया है, जो स्वाभाविक रूप से एक स्वराष्ट्र देश की सुरक्षा की दृष्टि से किया गया हो सकता है। भारत ने यह भी बताया है कि उसकी नीति आतंकवाद के खिलाफ है, जिसमें से कोई भी एक्शन उसकी आत्मरक्षा को मजबूती से बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।
इस मामले में भारत ने खुलकर यह बताया है कि यह विवाद ईरान और पाकिस्तान के बीच का है, और भारत ने इसमें अपनी सीधी शामिलता को नकारा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी दिखाया है कि भारत इसमें अपनी नीति को लेकर सतर्क है और वह उसे आत्मरक्षा के संदर्भ में समझ रहा है।
इस पूरे मामले के विवरण से स्पष्ट होता है कि भारत ने ईरान की एयरस्ट्राइक के परंपरागत तरीके से प्रतिक्रिया दी है और इसमें अपने स्वाभाविक स्थिति को सुरक्षित रखने का प्रयास किया है। भारत का यह बयान इस मामले की अच्छी समझ और उचितता को दर्शाता है, जिससे देश की विदेश नीति के सार्थक और सुरक्षित प्रणाली को बनाए रखने में मदद मिलेगी।