उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने रविवार को एक नई क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जिसे वे पनडुब्बी-लॉन्च क्रूज मिसाइल (SLCM) कह रहे हैं। इसका नाम पुलह्वासल-3-31 है। यह मिसाइल उत्तर कोरियाई नौसेना के परमाणु हथियारों को मजबूत करने का एक हिस्सा है और इससे कोरियाई सशस्त्र बल की क्षमता में वृद्धि हो सकती है।
इस नई पीढ़ी की मिसाइल पुलह्वासल-3-31 ने पहले बार येलो सागर की ओर कई मिसाइलें दागीं, जिससे उत्तर कोरिया ने अपनी रक्षा तंत्र को मजबूत करने का प्रयास किया है। इस मिसाइल की विशेषता यह है कि इसका नामकरण पुलह्वासल है, जो इसे एक प्रकार की पनडुब्बी-लॉन्च मिसाइल बनाता है।
इस परीक्षण के दौरान, पुलह्वासल-3-31 मिसाइलें पनडुब्बी से लॉन्च हुईं और आसमान में दो पुलवासल-3-31 मिसाइलें दागी गईं। इन मिसाइलों ने लॉन्च के बाद 7,421 सेकेंड और 7,445 सेकेंड तक हवा में रहीं। हालांकि, यह बताया नहीं गया कि इन मिसाइलों ने कितनी दूर तक उड़ीं या इन्हें पानी के ऊपर या नीचे से लॉन्च किया गया था।
उत्तर कोरिया ने इस परीक्षण को सफल बताया है और किम जोंग ने इसे एक नई रणनीतिक क्रूज मिसाइल के परीक्षण प्रक्षेपण का निरीक्षण किया। इससे साफ होता है कि उत्तर कोरिया अपनी सुरक्षा के मामले में कदम से कदम मिलाकर बढ़ रहा है और पनडुब्बी-लॉन्च मिसाइल्स का विकास कर रहा है जो विभिन्न प्रकार की रणनीतिक उपयोगिता वाली हो सकती हैं।
पुलह्वासल-3-31 मिसाइल को रणनीतिक कहा जा रहा है, जिससे सिद्ध होता है कि इसका उपयोग रणनीतिक संबंधित कार्रवाई के लिए किया जा सकता है। इसमें प्रदूषण कम करने वाली तकनीक हो सकती है और इसकी विभिन्न लक्ष्यों पर सफलता से उड़ान भर सकती है।
इस घड़ी के संदर्भ में, दक्षिण कोरिया के समाचार एजेंसी और अखबारों ने इस घटना की सूचना दी है और उन्होंने बताया है कि मिसाइलों ने पहले बार येलो सागर की ओर मिसाइलें दागी ।