भारतीय महिला हॉकी टीम का उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन देना एक प्रेरणास्त्रोत है, जिसे उन्होंने एफ़आईएच ओलंपिक हॉकी क्वालिफ़ायर (महिला) में इटली के खिलाफ किया। इस महत्वपूर्ण मुकाबले में, भारत ने इटली को 5-1 से हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के लिए अपनी कठिनाईयों को पार किया।
अब, जब सेमीफ़ाइनल में भारत को पूल-ए की नंबर एक टीम जर्मनी के साथ मुकाबला होने वाला है, टीम को और बेहतरीन प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। जर्मनी एक मजबूत टीम है, और भारत को उनके साथ खेलने के लिए अपने गेम में सुधार करना होगा।
यदि भारत इस मुकाबले को जीतता है, तो उसे पेरिस ओलंपिक में भाग लेने का मौका मिलेगा, जो एक बड़ी उपलब्धि होगी। लेकिन यदि वह हारती है, तो उसे जापान और अमेरिका के बीच होने वाले दूसरे सेमीफ़ाइनल में खेलना होगा। इस मुकाबले की विजेता टीम भी ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई करेगी।
इस मैच में, भारत ने इटली के खिलाफ बड़ा जीत हासिल किया, लेकिन दीपिका के पेनल्टी स्ट्रोक से पहले इटली के साथ बराबरी बनाए रखने की मेहनत को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जा सकता है। इसका मतलब है कि टीम को महत्वपूर्ण क्षणों में स्थितियों को कंट्रोल करने और बड़े मैचों में दबदबा बनाए रखने की जरूरत है।
इटली के खिलाफ, भारतीय डिफेंस ने बड़ी ताकत दिखाई, विशेषकर उदिता और निक्की प्रधान जैसे डिफेंडर्स के साथ। इन खिलाड़ियों ने मुस्तैदी दिखाई और इटली को बार-बारीकी से रोका।
भारत ने इस मैच में तीसरे क्वार्टर के दसवें मिनट में बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे गोल के बाद इटली की कमजोरियों को पकड़ते ही खेल में पूरा दबदबा बन गया।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने उच्च स्तर के प्रदर्शन के माध्यम से सेमीफ़ाइनल में पहुंचना एक बड़ी कृति है, और उन्हें अब और भी मेहनत करके आगे बढ़ने की जरूरत है।