विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि यह धूपबत्ती 40 दिनों तक लगातार वातावरण को सुगंधित करती रहेगी, खास तौर पर जिस समय रामलला का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा होगा उस समय इसकी गति को और तेज करने के लिए देसी घी का उपयोग किया जाएगा। इस धूपबत्ती का उद्दीपन विशेष रूप से 22 जनवरी को होने वाले प्रभु राम के विराजमान होने की घड़ी में किया जाएगा।
प्रभु राम के भव्य महल में विराजमान होने की घड़ी को महत्वपूर्ण रूप से मनाने के लिए रामनगरी का सम्पूर्ण वातावरण सज गया है। इस मौके पर 108 फीट की लंबी धूपबत्ती गुजरात से अयोध्या आई है, जिससे यहाँ का माहौल अधिक सुगंधित हो गया है। इस अगरबत्ती की सुगंध से यह एहसास हो रहा है कि राम के आगमन का समय निकट आ रहा है और लोग इस शुभ क्षण को समर्थन और भक्ति से भर रहे हैं।
मंगलवार को, अयोध्या धाम बस स्टेशन पर, राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने इस विशेष धूपबत्ती को प्रज्वलित किया है, जिससे नगर में उत्साह बढ़ा है। यह पूजा-अर्चना का एक अद्वितीय तरीका है जिससे लोग अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और आगामी घड़ी को महत्वपूर्ण बना रहे हैं।
इस समय, अयोध्या ने एक सांस्कृतिक उत्सव का माहौल बना लिया है, जो सामूहिक भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। लोग एक अद्वितीय समर्पण के साथ प्रभु राम के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं और यहाँ की सारी तैयारियों में विशेष रूप से महंत नृत्य गोपाल दास जी का सामर्थ्य और संघर्ष दिख रहा है।
इस उत्सवी मौके पर अयोध्या की धरोहर, विविधता, और धार्मिकता का मिलन हो रहा है जो लोगों को एक साथ आने के लिए प्रेरित कर रहा है। रामलला के विराजमान होने की अद्वितीयता में, अयोध्या ने एक सशक्त और आत्मनिर्भर समाज की भावना को प्रकट किया है जो भगवान राम के आगमन के माध्यम से समृद्ध