इस मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए हार का सामना करना कठिन होता है, खासकर जब इसमें ऑलंपिक क्वालीफायर का स्टेक होता है। यह हार न केवल मैच की हार है, बल्कि ऑलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई नहीं होने का दुखनाक संघर्ष भी है।
इस मैच में, टीम इंडिया ने मुख्यत: जापान के साथ मुकाबले में सभी पहलुओं में अच्छा प्रदर्शन किया। वे हर स्थिति में मजबूत थीं, लेकिन कुछ क्षणों में निर्णायकता की कमी ने उन्हें ओलंपिक क्वालीफायर से बाहर कर दिया।
शायद इस हार की एक मुख्य कारण था गोल की कमी, जिसमें जापान ने केवल एक गोल से जीत हासिल की। भारतीय टीम ने कुल 11 शॉट मारे, जबकि जापान ने सिर्फ 6 शॉट मारे। यह दिखाता है कि भारत ने अपनी प्रयासों में कमी नहीं की, लेकिन गोल को हासिल करने में विफल रही।
टीम इंडिया ने सर्कल में गेंद को पहुंचाने में भी अच्छा प्रदर्शन किया, और उन्होंने जापान की मुकाबले में एक्स्ट्रा शॉट्स हासिल किए। भारत ने 13 बार गेंद को सर्कल में पहुंचाया, जबकि जापान ने सिर्फ 8 बार किया। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय टीम ने बने रहने के लिए जादा प्रयास किया, लेकिन उन्हें विजय प्राप्त करने की क्षमता में कमी रही।
पेनल्टी कॉर्नर में भी टीम इंडिया ने जापान को पीछे छोड़ा, और उन्होंने 9 पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, जबकि जापान ने सिर्फ 4 किए। हालांकि, जापान ने इन 4 में से एक में गोल कर दिया, जिससे उन्होंने मैच को अपनी ओर की ओर मोड़ दिया।
इस हार से टीम इंडिया का सपना ऑलंपिक 2024 में खेलने का टूटा, जो खिलाड़ियों के लिए दुखद है। वे मुख्य रूप से इस हार को स्वीकार करने के बाद से उठकर और मजबूत होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होंगी, ताकि आने वाले टूर्नामेंट्स में उनका प्रदर्शन और भी बेहतर हो सके।