प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'हिंदुत्व के झंडाबरदार' के रूप में पेश करने की बातें कई विश्लेषकों के द्वारा की गई हैं. अयोध्या से उठी धार्मिक भावना की लहर ने देश के अधिकांश हिस्सों में महसूस की गई है. इसके चलते, विपक्ष के नेता ने आम चुनाव से कुछ महीने पहले हुए एक कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया, जिसमें कांग्रेस ने सीधे तौर पर जाने का इनकार किया.
इसके बाद, बिहार में हुए एक राजनीतिक घटना ने इंडिया गठबंधन को हिला दिया, जहां नीतीश कुमार ने गठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ हो लिए. नीतीश कुमार के इस कदम से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका मिला है. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं, और नीतीश के साथ रहते हुए इंडिया गठबंधन बीजेपी के लिए मज़बूत चुनौती बना रहा था.
नीतीश कुमार ने इस नए कदम को समर्थन में एक बड़ा कदम माना और बोले, ''सभी दलों को एक साथ हमने लाया लेकिन वहां जो भी काम चल रहा था बहुत स्लो था उससे मन में दुख था. अब हम इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है. हमने इंडिया गठबंधन छोड़ दिया है.'' यह इस बात का संकेत है कि उन्हें गठबंधन की कार्यता में दिक्कतें महसूस हो रही थीं.
इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में भी एक तीव्र राजनीतिक घटना हुई, जहां ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया कि सीटों का बंटवारा नहीं होगा और उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी ने भी इसकी पुष्टि की है, कहते हुए कि वे पंजाब में कांग्रेस के साथ सीटों का बंटवारा नहीं करेंगे और अकेले ही चुनाव लड़ेंगे ।