उस्मान खवाजा को मिला झटका :-
ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खेलने वाले बल्लेबाज उस्मान खवाजा ने इसराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के पीड़ित बच्चों की याद में काली बाजूबंद पहने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के खिलाफ की गई याचिका का अब तक का फलास्फल 7 दिसंबर को आया है। इस याचिका का नकारात्मक ठहराव उस्मान खवाजा के लिए एक बड़ी नीचे की ओर की चलने वाली कड़ी मानी जा रही है।
खवाजा को पिछले महीने दंगा-फसाद के बच्चों की श्रद्धांजलि के रूप में काली बाजूबंद पहनते हुए देख लिया गया था, जो इसराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के प्रभावित बच्चों की ओर एक साहसिक संकेत था। उसकी इस क्रिया के बाद, ICC ने उसे दंडित किया और इसके परिणामस्वरूप, खवाजा की याचिका को खारिज कर दिया गया।
खवाजा ने बाद में एक बयान में कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ एक मानवीय संदेश पहुंचाना था और उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं थी। उन्होंने अपने बयान में कहा, "मेरा लक्ष्य यह नहीं था कि किसी को ठेस पहुंचाई जाए, बल्कि मैंने इसे एक इंसानियत के मामले के रूप में देखा था।"
ICC का ठहराव उसके साथी खिलाड़ियों और क्रिकेट प्रबंधन के बीच एक बार फिर से कुछ विवाद को उत्पन्न करता है। इसके पीछे आईसीसी का तर्क यह है कि विभिन्न खेलों में एकसमय एक निर्दिष्ट रूप से तय किए गए नियमों का पालन करना खेल की नीतियों का हिस्सा है। इससे उत्पन्न होने वाले सभी विवादों को नियंत्रित करने का उद्देश्य है और सभी खिलाड़ियों को एकसमय एक ही मापदंडों पर खेलने के लिए प्रेरित करना है।
खवाजा के मामले में, उनकी भावनाओं और मानवीयता के प्रति उनके समर्थन के बावजूद, ICC ने काली बाजूबंद पहनने का कारण माना और उन्हें दंडित किया। इससे यह प्रकट होता है कि खेल की नियति और सामाजिक संदेश को लेकर किस प्रकार की सीमाएं निर्धारित होती हैं और खिलाड़ियों को कैसे चुनौती मिलती है कि वे अपनी भावनाएं साझा करें बिना नियमों का उल्लंघन क