प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा और मालदीव के मंत्रियों के उनपर किए गए टिप्पणियों के बाद, भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार करने का आरंभ किया है। यह पर्यटकों के बीच मालदीव के प्रति रुचि में कमी और उससे हो रहे नुकसान की बढ़ती संभावना को दर्शाता है।
मालदीव की इकोनॉमी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटकों से आता है, और इसमें भारतीय पर्यटकों का महत्वपूर्ण योगदान है। पिछली रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव को लगभग 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसमें भारतीय पर्यटकों का बहिष्कार भी शामिल है।
मालदीव में कुल 180 होटल हैं, जिनमें भारत एक महत्वपूर्ण बाजार है। इसके लिए भारतीय पर्यटकों का योगदान विशेषकर महत्वपूर्ण है, और इसे मालदीव की इकोनॉमी में बूस्टर डोज के रूप में देखा जाता है। यहां तक कि कुछ होटल व्यवसायी भारतीय पर्यटकों के आने के मामले में संदेह व्यक्त कर रहे हैं और उन्हें इस स्थिति के नकारात्मक प्रभाव का भय है।
सोनेवा के सीईओ के अनुसार, उन्हें इस बात पर संदेह है कि आने वाले महीनों में मालदीव की यात्रा में भारतीय पर्यटकों की संख्या विवाद पूर्व लेवल पर पहुंच पाएगी। उनके अनुसार, नुकसान का मामूला होने का खतरा है और वह यह सुनिश्चित करने में संदेह कर रहे हैं कि इसका प्रभाव होटलों, मेहमानों, और होटल कर्मचारियों के लिए कैसे होगा।
इस घड़ी में, भारत और मालदीव के बीच संबंधों को सुधारने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है ताकि पर्यटकों के बीच विवाद को सुलझाया जा सके और दोनों देशों के बीच के सौहार्दपूर्ण संबंधों को बनाए रखा जा सके।