अमेरिकी सरकार ने तुर्की को 40 नए एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के सौदे की मंज़ूरी देने के बारे में सूचना मिली है, जिसकी मूल्यवर्धन 23 अरब डॉलर है। यह सौदा एक लंबे समय से टाला जा रहा था, क्योंकि तुर्की ने स्वीडन को नेटो का सदस्य नहीं बनाने की इनकार किया था।
नेटो, या उत्तर अटलांटिक संघ, पश्चिमी मुल्कों का एक सैन्य गठबंधन है, जिसमें सदस्य देशों को शामिल होने के लिए अनुमति दी जाती है। तुर्की का नेटो से इनकार स्वीकारते ही अमेरिका ने एफ-16 लड़ाकू विमानों के सौदे को मंज़ूर किया है, जिसमें तुर्की 40 नए विमान प्राप्त करेगा।
इसके अलावा, तुर्की को पहले से मौजूद 79 एफ-16 विमानों के लिए आधुनिकीकरण की किटें भी प्रदान की जाएंगी। यह सौदा 23 अरब डॉलर का है और तुर्की को अपनी वायुसेना को और भी तकती देखने में मदद करेगा।
इसी सप्ताह, तुर्की की संसद ने स्वीडन को नेटो का सदस्य बनाने के लिए मंज़ूरी दी है, जिसे राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने आख़िरी मंज़ूरी दी है। इसके बाद अमेरिका ने तुर्की को एफ-16 विमानों के सौदे की मंज़ूरी दी है, जिसमें स्वीडन को नेटो में शामिल होने का अनुमति देने का एक भूमिका है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने संसद को बताया कि उसने ग्रीस को भी 40 एफ-35 लड़ाकू विमानों को खरीदने की मंज़ूरी दी है, जिसका मूल्य 8.6 अरब डॉलर है। इससे ग्रीस की रक्षा क्षमता में भी वृद्धि होगी और यह दक्षिणी यूरोप में एक महत्वपूर्ण खेत्र है।
डेमोक्रैटिक सीनेटर बेन कार्डिन, जो अमेरिकी सीनेट के विदेश मामलों की कमेटी के प्रमुख भी हैं, ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि वह तुर्की को एफ-16 विमानों को बेचने की मंज़ूरी देते हैं, लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।