अहोई अष्टमी अहोई अष्टमी का त्यौहार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष २०२२ में आज दिनांक १७ अक्टूबर २०२२ को अहोई अष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। अहोई अष्टमी
गुरुर किस चीज़ का करुँ मैंमेरा अपना क्या है??सूरत माँ-बाप ने,संस्कार परिवार ने,ज्ञान गुरुओं ने दिया है ।मेरा अपना क्या है??समझ दुनिया ने,सबक जमाने ने,सहारा माँ ने दिया है ।मेरा अपना क्या है??हिम्मत कित
रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थी तो संयम भी था...रावण में सीता के अपहरण की ताकत थीतो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प भी था...सीता जीवित
सागर के जैसे गहरी आँखें ..👁️जिसमे मै डूबना चाहूँ ..कोयल के जैसे मिठी आवाज ...🎶जिसे मै सुनना चाहूँ ...गुलाब के पंखुडियों जैसे होठ ...💋जिसे मैं चुमना चाहूँ ...मुखड़ा हो जैसे चाँद का टुकड़ा ...🌝🌙जिस
कई दफा खत लिखा मैंने तुम्हें ,पर तुमने कभी जवाब नहीं दिया •••लिखते थे जिसमे छुपा कर तुम नाम मेरा •••तुमने कभी वो किताब नहीं दिया ।तुम्हें हमने टूट कर चाहा •••लेकिन मोहब्बत में मुझे रुसवाई मिला •
ना शिकवा है तुमसे ...ना शिक़ायत है खुद से ...जो हुआ हमारे साथ ...वो महज था एक इत्तेफाक ...चलो करते है हम एक ...नई जिंदगी की शुरूआत ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
राह मैं तेरी तकती रहीकि कभी तो तुम आवोगे ..इस इंतजार में ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
अब मुझको चाँद से जलन होने लगी हैक्योंकि मेरी चाँदनी हमेशा उस चाँद को ही देखती रहती है✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
वो कहते थे ...कि तुम मेरे दिल के बेहद करीब हो . . .कि तुम मेरे लिए बेहद खास हो ...और पता नहीं अब क्यों ...मुझे वह अजनबी समझने लग गए ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " (बिहार)
नटखट है प्यारा हैं . . .सबको हँसाता हैं . . .अच्छे - अच्छे शायरियों का ...फलूदा वो बनाता हैं ...अपनी इस चंचला सेसुबके दिलों पर राज ये करता हैंअपने चुकी को लेकर ...पोस्ट मे खुब वो रायता फैलाता है ..चुक
मेरी प्यारी सी सखी को प्यार हो गयापहली नजर में , पहला प्यार हो गयाजो कभी दो था , अब वो नजरे चार हो गयाधीरे से मेरी सखी पर , भूत प्यार का सवार हो गयाउसे अब किसी से बेइंतहा प्यार हो गया
उसके दिल में कोई घर कर गईउन्हें तो अब वो बेचैन कर गईकाली नयनों वाली ने ये कर दियाउसको खुद से ही जुदा कर दिया 😜😜अब रहना हो गया मुश्किल ...कि थोड़ा थोड़ा प्यार होने लगाके धीरे - धीरे ये एहसाए होने लगा
सोचा नहीं था मैंने ...ऐसे भी पल आयेंगे मेरे जिंदगी में ....झूठ भी नहीं बोलना होगा औरसच भी छूपना होगा ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
हमें प्यार करने का कोई शौख नही लेकिन प्यार हो गया तो हम क्या करे ?✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
जब से तुमको मैंने देखा ...तब से तुझे पाने की चाह ...मेरे में मन जागी ...दूर रहती हो तुम हमसे ...ना मिल पाया मै तुमसे ...दूर से ही देखता हूँ ... औरमिलने के लिए तड
❤️💖❣️💝💞💕🌹🌹❣️💕माँ के हाथों से बने खाना ...💕💞का अलग ही स्वाद है ...💞😘जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार है ...😘❣️इसके बीना जीना दुसवार है ....❣️❤️💖🌹🌹💕💞💝❣️💖❤️✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अना
राम अमोल पाठक जी और अमरावती का सफर ख़त्म होता है और सूरजगढ़ पहुँच जाते हैं | राम अमोल पाठक जी दोनों बैग कंधे पर लटका लेते हैं और ट्रेन से उतर अमरावती से चन्दन को अपनी गोद में ले लेते हैं |
तड़पता है दिल ये मेरा हर पलतुझसे जुदा होने के बाद ...भटकता हूँ मैं दरबदरएक तेरे ना होने के बाद ...तेरे बिना ना रहा मैं एक पल अब कैसे रहूं मैं तेरे बिन उम्र भर ...कांटो सा लगता है यह खामोश कमरा&nb
धोखा ना देनातुझपे ऐतबार बहुत हैये दिल तुम्हारी चाहत कातलबगार बहुत हैतेरी सुरत न देखूँ तोकुछ दिखाई नहीं देती हैहम क्या करें तुझसे प्यार बहुत है।
मेरी आँखे तरस गयी है आपकीएक झलक पाने को .और आप हो कि दूज के चाँद बन गये हो✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )