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छाया

17 नवम्बर 2023

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                            छाया 
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                     © ओंकार नाथ त्रिपाठी
  भादों के दिनों में इतनी तेज गर्मी तथा उमस ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।पूरा देश सूखे की चपेट में हैं फिर भी जीने के लिए काम धंधा तो करना ही होगा।इतनी भीषण गर्मी तथा उमस के बाद भी सड़कों पर आवाजाही पूर्ववत बना हुआ है।इसी दौरान तीन चार लड़कियां उम्र यही कोई बारह से सोलह वर्ष के बीच,मैली कुचैली गंदी फ्रांक व कच्छी पहने पीठ पर लंम्बाई के बराबर ही प्लास्टिक वाले बोरे का झोला लटकाये पालीथीन बीनती बातें करती चली जा रही हैं।फ्रांक में बटन न होने के कारण कुछ की पीठ नग्न है।देखते ही देखते वो सब सामने सड़क के किनारे पेड़ की छाया में बैठकर सुस्ताने लगती हैं।बगल में ही कबाड़ी की कबाड़ कार खड़ी है।
  "ऐ! क्या कर रही हो तुम सब?"
-इंजीनियर साहब का घूमंतु लड़का मोटर साइकिल रोक कर कड़कड़ाती आवाज में पेड़ के नीचे बैठी लड़कियों से पूछा।
 "छहांत त हंई।"-एक बोली।
 "सुस्तात हंई और का"-दुसरी लड़की बोली।
"यही जगह मिली है?भागो यहां से"
-इंजीनियर साहब का घूमंतु लड़का रोब में कड़क कर बोला।
 वो सब उठीं झोला कांधे पर डालीं और चल दीं।
  मैं सोचने लगा-"किस तरह से कब्जा कर लिया है मुट्ठी भर लोगों ने दुसरों की भी सम्पत्ति पर।शायद ऐसा ही कुछ सोच रहा था सड़क के किनारे खड़ा वह पेड़।
-"छाया मेरी।अधिकार कोई और जताये।कैसी बिडंबना है।"
             *************************
              ओंकार नाथ त्रिपाठी, अशोक नगर
                  बशारतपुर, गोरखपुर उप्र।
                          (चित्र:साभार)article-image
 

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत सुंदर लिखा है आपने 👍🙏

19 नवम्बर 2023

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रचनाएँ
समय की खिड़की
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समय की खिड़की ----------------------- © ओंकार नाथ त्रिपाठी "समय की खिड़की" मेरी प्रथम लघुकथा संग्रह है जो कि 'शब्द इन' पर आनलाइन प्रकाशित हो रही है।इस संग्रह में मेरी कई छोटी छोटी कहानियां संकलित हैं जो कि मैंने बहुत बर्षओं पहले लिखा था।इस संग्रह में मैंने समाज की ओर उनकी गतिविधियों पर झांकने का प्रयास किया है। शब्द इन पर हालांकि मेरी आठ कविता संग्रह प्रकाशित हैं लेकिन "समय की खिड़की" लघु कहानियों का पहला संग्रह है। आशा है कि यह संग्रह आप लोगों को रुचिकर लगेगा।आपके सुझाव मेरे लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे तथा समीक्षाएं मेरे लेखन में निखार लायेंगी। आभार सहित।
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