shabd-logo

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 2

6 मई 2022

20 बार देखा गया 20
प्रिया और साक्षी की कार तेज़ी से हॉस्पिटल की तरफ जा रही थीं कि अचानक उनकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया।

प्रिया- ( हड़बड़ाते हुए बोली) क्या हुआ ड्राइवर? 

ड्राइवर- प्रिया दीदी, टायर पंचर हो गया है।

प्रिया- नयी कार का टायर कैसे पंचर हो सकता है?

ड्राइवर- ( टायर को गौर से देखते हुए) दीदी, यहां सड़क पर कीलें बिखरी हुई थीं। इसलिए पंचर हुआ है। आप ऑटो कर लो इसमें समय लगेगा।

साक्षी- क्या मुसीबत है। अब क्या करें। चल रोक ऑटो को। 

काफी देर इंतज़ार के बाद भी जब कोई ऑटो नहीं मिला तो प्रिया बोली।
प्रिया- अब एक ही रास्ता है। किसी गाड़ी को रोकना पड़ेगा।

तभी उन्हें एक कार आती दिखाई दी। प्रिया ने सड़क के थोड़ा बीच में आकर कार को रोकने की कोशिश करी। कार चालक ने एकदम से ब्रेक लगाया। प्रिया भाग कर वहां पहुंची।

प्रिया- प्लीज़, एमरजेंसी है। हॉस्पिटल जाना है।

वह कार और किसी की नहीं बल्कि डॉक्टर आयुष कुमार की थी। डॉक्टर आयुष ने हैरानी से प्रिया की तरफ देखा।

आयुष- आप जानती हैं आप अभी मेरी गाड़ी के नीचे आ सकती थीं? 

प्रिया- जी, सॉरी पर किसी की जिंदगी और मौत का सवाल है। हॉस्पिटल छोड़ दीजिए।

आयुष- आइए बैठिए।

प्रिया ने साक्षी को पीछे बैठने का इशारा किया और खुद आगे बैठ गई। 

आयुष- किस हॉस्पिटल में जाना है आपको?

साक्षी- ( झट से बोली) एम. के हॉस्पिटल। और लिफ्ट के लिए थैंक्स।

आयुष- ( साक्षी की तरफ देखते हुए) कौन बिमार है ? 

प्रिया- ( साक्षी को चुप कराते हुए बोली) आप गाड़ी चलाने पर ध्यान दीजिए। 
आयुष प्रिया को इग्नोर करते हुए गाड़ी चलाने लगा। प्रिया के चेहरे पर टैंशन की लकीरें साफ छलक रही थीं। वैसे तो वह खिड़की से बाहर ही देख रही थी पर बीच-बीच में नज़र घुमा कर आयुष को भी देख लेती थी। बहुत बढ़िया पर्सनेलिटी थी उसकी। हवा से उसके बाल उड़ रहे थे जिसको वो हाथ से बार - बार ठीक कर रहा था। 

प्रिया- थोड़ा तेज़ चलाइए। लेट हो रहा है। 

आयुष- गाड़ी है, हवाईजहाज़ नहीं है जो उड़ा कर ले जाऊंगा।
प्रिया मुंह फेर कर खिड़की से बाहर देखने लगी। आयुष ने उसको एक नज़र देखा। सुंदर आंखें, प्यारा सा चेहरा, हवा में लहराते खुले बाल,कानों में छोटे-छोटे झुमके। एक अजीब सी कशिश थी उसमें। तभी आयुष ने गाड़ी रोक दी।

प्रिया- गाड़ी क्यों रोक दी। अजीब इंसान हैं आप। आपको कितना बोला कि एमरजेंसी है। फिर भी....( प्रिया बोलती चली जा रही थी)
आयुष ने अपनी उंगली से इशारा करते हुए कहा,
" आपका हॉस्पिटल आ गया। कुछ ज़्यादा ही बोलती हैं आप।"

प्रिया झट से गाड़ी का दरवाज़ा खोल कर भागी। साक्षी भी उतरी पर वह आयुष के पास आकर बोली,
" थैंक्स, आपने हमें यहां तक लिफ्ट दी।" 
तभी उसे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी, " मेडम अपनी सेटिंग बाद में कर लेना। अभी चल जल्दी।"

वह दोनों भागती हुई हॉस्पिटल के अंदर चली गई। आयुष कुछ पल उन्हें देखता रहा। फिर हल्की सी मुस्कान लिए पार्किंग की तरफ चल दिया।

साक्षी- एक थैंक्स तो बोलने देती।

प्रिया- बस मेडम, हैंडसम लड़का देखा नहीं कि लगी लाइन मारने।

साक्षी- हैंडसम था ना! चल तुझे कोई तो हैंडसम लगा।

प्रिया-(चेहरे पर शरारती मुस्कान लाते हुए) हैंडसम तो था।पर साथ ही खडूस भी था। चल अब जल्दी।

प्रिया और साक्षी हॉस्पिटल के वेटिंग रूम में पहुंची। वहां उनके दो दोस्त गौरव और वसूधा पहले से ही मौजूद थे।
वह बाकी इंटर्नस से भी मिले। तभी अंकुर जो दूसरे कॉलेज का इंटर्न था भागते हुए आया और बोला,
" तुम्हें पता है हम सबकी ड्यूटी चिल्ड्रन वॉर्ड में लगी है।"

प्रिया- वाह! बच्चों के साथ कितना मज़ा आएगा।

अंकुर- ओह! हैलो! वहां का इंचार्ज कौन है पता भी है।

साक्षी- ऐसा कौन है? जिससे तुम इतना डर रहे हो।

अंकुर- डॉक्टर आयुष कुमार!

गौरव- क्या? डॉक्टर कुमार! हे भगवान! कहां फंस गए।

प्रिया- क्या हुआ भाई, तू इतना परेशान क्यों हो गया। डॉक्टर ही है कोई हिटलर थोड़ा ही हैं।

गगन- ( दूसरे कॉलेज का इंटर्न) आप जानते नहीं डॉक्टर कुमार हिटलर से भी बुरे हैं। हिटलर भी उनके आगे पानी भरता है।

प्रिया- अच्छा, अब क्या करेंगे। 

वसुधा- कुछ नहीं। चलो बुलावा आ गया। हिटलर ने बुलाया है।

सब ऊपर चिल्ड्रन वॉर्ड की तरफ चल पड़े। वहां डॉक्टर जतिन उन्हें लाइन से डॉक्टर आयुष के कैबिन में ले गया।
डॉक्टर आयुष को देखते ही प्रिया और साक्षी के होश उड़ गए।
साक्षी- अरे! यह तो वो सुबह वाला है। ये यहां कैसे?

गौरव- ( जो उनकी बातें सुन रहा था) कौन सुबह वाला? यही तो हैं डॉक्टर आयुष कुमार।

प्रिया- मेरा कैरियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।

सब लाइन में आयुष के सामने खड़े हो जाते हैं। प्रिया और साक्षी सबके पीछे को खड़ी हो जाती हैं। 

शायना- हैलो एवरीवन। मैं डॉक्टर शायना सिंह हूं। आपका एम.के. हॉस्पिटल में स्वागत है। ये हैं डॉक्टर जतिन सेठ। यहां का एडमिनिस्ट्रेशन यही संभालते हैं। और ये हैं डॉक्टर आयुष कुमार। इस वॉर्ड के इंचार्ज। अब आप सब एक-एक करके अपना परिचय दीजिए।

सबने अपना परिचय देना शुरू किया।
डॉक्टर गौरव अग्रवाल, डॉक्टर वसुधा पाठक, डॉक्टर गगन शर्मा, डॉक्टर अंकुर गुप्ता, डॉक्टर प्रीति गांधी, डॉक्टर अनीता वर्मा। 

शायना- और आप दोनों जो पीछे खड़ी हैं। प्लीज़ अपना परिचय दीजिए।
प्रिया और साक्षी पीछे से निकल कर आगे आए और लड़खड़ाती ज़ुबां में बोले।
डॉक्टर... प्रिया.. कपूर। 
डॉक्टर... साक्षी बंसल।

आयुष उन दोनों को देख पहले तो चौंक गया और फिर मंद- मंद मुस्कुराते हुए उन्हें देखते हुए बोला,
"आप बैठ सकते हैं सब"

आयुष- (अपनी सीट से खड़े होकर अपनी टेबल के आगे आकर खड़ा हो गया) मेरे ख्याल से आपमें से बहुत से लोग मुझे जानते हैं। अपने सीनियर्स की वजह से। उन सब ने मेरी बहुत तारीफ की होगी। और जो कुछ भी उन्होंने कहा वो सौ प्रतिशत सच है। आज मैं आपको चार बातें बताने वाला हूं। ये चार बातें आप अपने ज़ेहन में अच्छी तरह बैठा लीजिए। 
पहली बात, ये जो हमारा प्रोफेशन है इसमें गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं है। आपकी एक गलती से किसी की जान भी जा सकती है। और मैं गलती बर्दाश्त नहीं कर सकता। इतना समझ लीजिए कि आपकी एक गलती और आप इस हॉस्पिटल से बाहर। 
यह सुन कर वसुधा खांसने लगी। आयुष ने उसकी तरफ एक पानी की बोतल फैंक दी। जिसे उसने लपक लिया।

आयुष - (चेहरे पर मुस्कराहट लाते हुए कहा) जिस तरह आपने यह बोतल कैच की है ना डॉक्टर पाठक, उसी तेज़ी से मैं आपकी गलती कैच कर लूंगा। अब दूसरी बात, आपकी हर महीने की प्रोग्रेस रिपोर्ट ऊपर बैठे अफसरों तक जाती है। यह रिपोर्ट पूरी तरह से आपके काम को देखकर मैं और डॉक्टर शायना तैयार करते हैं। चापलूसी, पक्षपात, जैंडर बॉयस यहां नहीं चलता। ऐसा करने की आप सोचिएगा भी नहीं।

तभी गगन ने हाथ उठाते हुए सवाल किया।
गगन- सर हमने सुना है कि जिसकी रिपोर्ट अच्छी होती है उसे एक साल की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। वो भी अच्छे स्टाइपेंड के साथ। 

आयुष- ( मुस्कुराते हुए) डॉक्टर शर्मा काफी दूर की सोच है आपकी। पहले यह पड़ाव तो पार कर लीजिए। पर, हां यह सच है। मैं तो यही चाहूंगा कि जितने लोग आप में से उस ट्रेनिंग के लिए चुने जाएंगे उतना अच्छा।
अब तीसरी बात, आपको आज आपके कोट,स्टैथौस्कोप, ग्लोव्स मिल जाएंगे। आप उन्हें हमेशा अपने साथ रखेंगे। बिना उनके वॉर्ड में क्या हॉस्पिटल में घुसने की हिम्मत मत करिएगा।
और आखिरी बात, हर रोज़ एक इंटर्न हम तीन डॉक्टरों में से किसी एक के साथ ओ.पी.डी. में ड्यूटी करेगा। अगर सच में आप अच्छे डॉक्टर बनना चाहते हैं तो ओ.पी.डी. से ज़्यादा बेहतरीन ट्रेनिंग आपको कहीं नहीं मिलेगी। इसलिए इसे सीरियसली लीजिएगा।

शायना- मैं आशा करती हूं कि आप सब अपना बैस्ट देंगे।

सब सहमति में सिर हिलाते हैं। 

आयुष- डॉक्टर जतिन, आप इन्हें बाकी सारी बातें इनके रैस्ट रूम में ले जाकर समझा दीजिए।

सब लोग वहां से जाने लगते हैं। तभी डॉक्टर आयुष प्रिया की तरफ देखते हुए कहता है- और हां, एक अहम बात, मुझे झूठ बोलने वालों से सख्त नफ़रत है।
प्रिया और साक्षी तेज़ी से बाहर निकल जाते हैं। उनके जाते ही आयुष हंसने लगता है।

शायना- क्या हुआ कुमार, क्यों हंस रहे हो?
आयुष शायना को सुबह की सारी बात बताता है।

शायना- तो तुमने उन्हें कुछ कहा क्यों नहीं?कितनी झूठी लड़कियां हैं दोनों। अभी डांट देते।
आयुष- नहीं डांटा, क्योंकि उन्होंने जो किया वो सिर्फ़ हॉस्पिटल जल्दी पहुंचने के लिए किया। 
शायना- मतलब?
आयुष- तुम नहीं समझोगे। रहने दो।

रात को प्रिया अपनी किस्मत को कोस रही थी। वह अपने आप से ही बड़बड़ा रही थी।
" क्या ज़रूरत थी मुझे लिफ्ट मांगने की। चलो मांग ली पर झूठ क्यों बोला। अब डॉक्टर कुमार मेरा जीना हराम कर देंगे। हे! भगवान! अब सब आपके हाथ में है। संभाल लेना।

फिर वह नींद के आगोश में सो गई। कल से उसके डॉक्टरी सफर का नया अध्याय शुरू होगा। और शायद उसकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत सफर शुरू होगा।

क्रमशः
आस्था सिंघल





20
रचनाएँ
चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)
5.0
प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने कितनी नफरतों को प्यार से जीत लिया। तो नफरत प्यार के आगे हमेशा हार जाती है? शायद! पर क्या हमारे दिल में किसी के लिए इतनी नफ़रत हो सकती है कि किसी का प्यार हमें दिखाई ही ना दे? क्या नफ़रत में इतनी ताकत है कि वह सच्चे प्यार को हरा सके। ऐसी ही एक कहानी है आयुष और प्रिया की। आयुष के दिल में बसी नफ़रत को प्रिया के निश्छल प्रेम ने हराया ज़रूर पर क्या ख़त्म कर पाई? ऐसा क्या हुआ कि आयुष की नफ़रत प्रिया के मासूम प्यार पर भारी पड़ गई।
1

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 1

5 मई 2022
6
3
3

प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्म

2

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 2

6 मई 2022
2
1
0

प्रिया और साक्षी की कार तेज़ी से हॉस्पिटल की तरफ जा रही थीं कि अचानक उनकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया।प्रिया- ( हड़बड़ाते हुए बोली) क्या हुआ ड्राइवर? ड्राइवर- प्रिया दीदी, टायर पंचर हो गया है।प्रिय

3

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 3

7 मई 2022
1
1
0

हॉस्पिटल में काम का पहला दिन सब के लिए बहुत अहम था। आज सब अपना बैस्ट देना चाहते थे। जतिन- आप सब लोग जनरल वार्ड नंबर एक में पहुंचिए। डॉक्टर कुमार आपको वहीं मिलेंगे।सब लोग वहां पहुंच गए। वार्ड एकदम

4

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 4

12 मई 2022
1
1
0

अगली सुबह प्रिया समय से पहले हॉस्पिटल पहुंच गई। आज साक्षी उसके साथ नहीं आ पाई। वहां पहुंचकर देखा तो वहां अफरातफरी मची हुई थी। एक महिला रिसेप्शन पर रो रही थी कि उसके बेटे को एडमिट कर लिया जाए।प्रिया

5

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 5

12 मई 2022
0
0
0

इंटर्नस की आज की ड्यूटी खत्म होने वाली थी। सभी रूम में बैठकर बातें कर रहे होते हैं। तभी नर्स वहां आती है। नर्स- डॉक्टर गौरव, आज रात आपकी ड्यूटी थी ना?गौरव- हां मुझे पता है।नर्स- आप आज जा सकते हैं

6

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 6

20 मई 2022
0
0
0

आयुष गंभीर मुद्रा में सबके सामने आकर खड़ा हो जाता है।प्रीति-(घबरा कर पूछती है) सर, ये इतने सारे सीरिंज ? आप किसी को इंजेक्शन लगाएंगे क्या?आयुष-( गंभीर आवाज़ में बोलता है) आप सब को।सब लोग चौंक कर खड़

7

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 7

20 मई 2022
0
0
0

प्रिया के घर पर सब बैठकर रात की पार्टी की प्लेनिंग कर रहे थे।मिस्टर कपूर (प्रिया के पापा) - ऐसा है कि आप लोग बेकार ही यह सब कर रहे हैं। बेकार का खर्चा है। प्रिया- आ गये आप अपने असली कंजूस वाले रं

8

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 8

20 मई 2022
0
0
0

प्रीति ओ.पी.डी. से थक के आती है और धम्म से सोफे पर बैठ जाती है।प्रिया- क्या हुआ तुझे? बहुत थकी हुई लग रही है।अनीता- आज मेडम की डॉक्टर कुमार के साथ ओ. पी. डी. थी। थकान तो होगी ही। प्रिया- यार! तुम

9

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 9

20 मई 2022
1
1
0

प्रिया रैस्ट रूम में बैठकर अपनी फाइल और रजिस्टर पूरे कर रही थी। आज उसे घर जाने में थोड़ा देर हो गई। सब घर के लिए निकल चुके थे। तभी अंकुर वहां आता है। अंकुर- प्रिया एक एमरजेंसी आ गई है। मुझे

10

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 10

20 मई 2022
1
1
0

आयुष अपने कैबिन में काम कर रहा था कि जतिन सब इंटर्नस को लेकर उसके कमरे में आता है। आयुष- आएं आप सब प्लीज़। डॉक्टर जतिन आप प्लीज़ डॉक्टर शायना को भी बुला लाइए। आयुष सब को सोफे पर बैठने का इशा

11

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 11

28 मई 2022
1
1
0

थोड़ी देर में आयुष प्रिया को उस बताई जगह पर ले आता है। आयुष- डॉक्टर कपूर, एक शर्त है। आप तब तक आंखें नहीं खोलेंगी जब तक मैं नहीं कहूंगा। ( गाड़ी से उतर कर वह प्रिया की तरफ का दरवाज़ा खोलता है) आइ

12

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 12

28 मई 2022
1
1
0

अगली सुबह आयुष ठीक दस बजे प्रिया के घर के बाहर पहुंच जाता है। प्रिया- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग आयुष- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग, आप तैयार हैं तो चलें।प्रिया- ( कमला ताई को आवाज़ दे

13

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 13

28 मई 2022
1
1
0

आयुष अपने कैबिन में बैठकर काम कर रहा था। तभी शायना अंदर आई और आयुष को हैरत भरी निगाहों से देखने लगी।आयुष- क्या हुआ? ऐसे क्यों देख रही हो?शायना- देख रही हूं कि कोई अचानक कैसे बदल सकता है। दोस्तों और दो

14

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 14

28 मई 2022
2
1
0

अगले दिन आयुष हॉस्पिटल जल्दी पहुंच गया। उसे लगा कि रोज़ की तरह शायद प्रिया भी जल्दी आ जाएगी। सभी इंटर्नस आ चुके थे। पर प्रिया का कहीं कोई पता नहीं था।आयुष- (अंकुर से) अभी डॉक्टर कपूर और डॉक्टर साक्षी

15

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 15

28 मई 2022
1
1
0

जतिन और नेहा, प्रिया को उसके घर से गाड़ी में लेकर जाने के लिए आते हैं। प्रिया- पर जाना कहां है? ये तो बताओ? नेहा- प्रिया, बिना सवाल पूछे चल ले बहन।प्रिया- लेकिन.... ऐसे कैसे? जतिन और ने

16

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 16

28 मई 2022
1
0
0

आयुष और प्रिया अपने व्यस्त कार्यक्रम में से चंद लम्हे निकाल लेते थे एक दूसरे के साथ बैठकर समय व्यतीत करने के। आयुष कैबिन में प्रिया और प्रीति के साथ एक केस पर बात कर रहा था कि तभी जतिन वहां आया।आ

17

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 17

28 मई 2022
1
0
0

प्रिया सोनल को घर लेकर आती है। सोनल बच्ची को अंदर रूम में सुलाने चली जाती है। प्रिया चुपचाप सोफे पर बैठ जाती है। उसकी बाहर की खामोशी से उसके अंदर चल रहे युद्ध का पता नहीं चल रहा। वह चुपचाप बैठ सोनल क

18

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 18

28 मई 2022
1
0
0

अगले दिन प्रिया थोड़ा जल्दी हॉस्पिटल पहुंच गई। इस उम्मीद में कि आयुष से अकेले में बात कर पाएगी। पर आयुष उस दिन ओ.पी.डी. शुरू होने के समय पर पहुंचा।आयुष और प्रिया दोनों अपने काम के प्रति बहुत जिम्मेदार

19

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 19

28 मई 2022
1
1
0

सुबह से ही आयुष की तबीयत ठीक नहीं थी। फिर भी वो तैयार हो हॉस्पिटल के लिए निकलने लगा। रुबीना- भाईजान आज आपकी तबीयत ठीक नहीं लग रही। आप आज मत जाएं।आयुष- भाभी, मैं ठीक हूं। आज जाना ज़रूरी है। आ

20

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 20 (आखिरी भाग)

28 मई 2022
1
1
0

कभी - कभी हम अपनी नफ़रत के चलते कुछ ऐसे फैसले कर लेते हैं जिसके लिए हमें ज़िन्दगी भर पछताना पड़ता है। आयुष भी एक ऐसा ही फैसला लेता है। आदिल उसे बहुत समझाता है पर वह कुछ सुनने और समझने को तैयार ही

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए