shabd-logo

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 8

20 मई 2022

24 बार देखा गया 24
प्रीति ओ.पी.डी. से थक के आती है और धम्म से सोफे पर बैठ जाती है।

प्रिया- क्या हुआ तुझे? बहुत थकी हुई लग रही है।

अनीता- आज मेडम की डॉक्टर कुमार के साथ ओ. पी. डी. थी। थकान तो होगी ही। 

प्रिया- यार! तुम सब की डॉक्टर कुमार के साथ एक बार ओ.पी.डी हो गई। मेरी अब तक नहीं हुई। 

प्रीति- लो, ये तो मरे जा रही है डॉक्टर कुमार के साथ ओ.पी.डी. के लिए। तुम्हें पता है डॉक्टर कुमार के साथ सबसे ज़्यादा थकान होती है। 

तभी वसुधा बहुत सारी रिपोर्ट हाथ में लेते हुए अंदर आती है।

वसुधा- इन रिपोर्ट में से अपने मरीज़ों की रिपोर्ट निकाल लो। थोड़ी देर में डॉक्टर शायना एक मीटिंग करेंगी जिसमें रिपोर्ट डिस्कस होगीं। 

सब अपने - अपने मरीज़ों की रिपोर्ट छान रहे थे कि डॉक्टर आयुष वहां आ जाता है। सब उसे देख कर खड़े हो जाते हैं।

आयुष- डॉक्टर पाठक, सारी रिपोर्ट आपके पास हैं? मैं वहां रिसेप्शन पर ढूंढ रहा था।

वसुधा- सॉरी सर, मैंने सोचा सब यहीं निकाल लेंगे अपने मरीजों की रिपोर्ट। 

आयुष- बढ़िया सोचा आपने पर ऐसे रिपोर्ट का बॉक्स इधर-उधर घूमता रहेगा तो मुश्किल होगी। और कोई भी रिपोर्ट खो गई तो उसे ढूंढने में और मेहनत करनी पड़ेगी। इससे अच्छा आप सब रिसेप्शन से ही रिपोर्ट कलैक्ट कर लिया करें। 

वसुधा- सॉरी सर।

आयुष- (मुस्कुराते हुए) नो प्रोब्लम। ( फिर प्रीति की तरफ देखते हुए) डॉक्टर गांधी, एक सवाल था मन में, आप बुरा ना माने तो पूछूं।

प्रीति- ( घबराते हुए) येस सर।

आयुष- आज ओ. पी.डी. में मैंने एक बात महसूस की। आप सच में डॉक्टर ही बनना चाहती थीं?

प्रीति- येस सर, बचपन से। पर आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं। सर, कोई गलती हुई आज मुझसे?

आयुष- ( हंसते हुए) अरे! नहीं कोई गलती नहीं हुई। दरअसल, आज आप हर बच्चे का ध्यान भटकाने के लिए एक ही फार्मूला अपना रहीं थीं। आप सब को एअरप्लेनस के बारे में ही बता रहीं थीं। क्या गज़ब की नॉलिज है आपकी प्लेनस के बारे में। ऐसा तो नहीं आप पायलट बनना चाहती थीं और बन गयी डॉक्टर?

प्रीति- (थोड़ा हिचकिचाते हुए) नहीं सर बनना तो डॉक्टर ही था। बस प्लेन अच्छे लगते हैं। इसलिए सर।

प्रिया- ( धीरे से प्रीति के कान में फुसफुसाते हुए) और प्लेन वाला भी! 

प्रीति प्रिया को कोहनी मार चुप कराती है। 

आयुष- ( मुस्कुराते हुए) वैसे, गुड जॉब डॉक्टर गांधी। बस थोड़ा सा और ध्यान दीजिए जब मैं कोई मेडिसिन बताता हूं तो।

प्रीति- सर, वो...आप इतना...मतलब... कुछ नहीं सर। मैं ध्यान रखूंगी।

आयुष- अरे! बोलिए अगर कोई प्रोब्लम है तो। देखें, मैं यह बात आप सब से कहना चाहता हूं कि अगर आपमें से किसी को भी ऐसा लगता है कि मेरी, डॉक्टर जतिन की या फिर डॉक्टर शायना की कोई बात आपको समझ नहीं आ रही तो प्लीज़ बोलिए। कोई भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता। 

अनीता- सर, प्रीति यह कहना चाहती है कि आप जब मेडिसिन लिखते या बताते हैं तो आप इतना धीरे बोलते हैं कि समझ नहीं आता। दोबारा पूछने पर आप डांट देते हैं।

तब तक अंकुर, साक्षी और गगन भी वहां आ गए थे। सबने अनीता की बात से सहमत हो सिर हिलाया। 

आयुष- ( ज़ोर से हंसते हुए) तो मतलब आप सब को मेरे साथ यह प्रोब्लम आई। तो पहले ही बता देते। खैर, सॉरी, आगे से मैं ख्याल रखूंगा। 

अंकुर- सर, हमने तो प्लेन कर लिया था कि आपके साथ ओ.पी.डी. के वक्त हियरिंग मशीन लगाएंगे। शायद हम लोग ही ऊंचा सुनते हैं। 

आयुष- ( अंकुर की बात पर हंसते हुए) आप लोगों को कभी भी कोई प्रोब्लम होती है तो प्लीज़ बात कीजिए। अपने मन की बात करने पर कोई पाबंदी नहीं है। 

आयुष वहां से चला जाता है। सब लोग गहरी सांस लेते हैं। 

साक्षी- ये आज शेर के पिंजरे में हाथ किसने डाला?

प्रिया- अनीता और प्रीति ने। 

सब उनके लिए तालियां बजाते हैं। तभी नर्स गगन, वसुधा और अनीता को बुलाने आती है। 

प्रिया- ( अंकुर और साक्षी की तरफ देखते हुए) और लव बर्डस। आजकल कहां गायब रहते हो दोनों। अंकुर, आपने हमारी दोस्त को छीन लिया हमसे।

साक्षी- चल पागल, ऐसा कुछ नहीं है। हम तो बस यूं ही कैन्टीन तक गये थे। 

प्रिया- बस बहन, सब दिख रहा है। तू छुपा मत।

साक्षी- छुपाना और वो भी तुझसे? यार बस एक दूसरे के साथ थोड़ा वक़्त बिता रहे हैं। 

यह कह साक्षी उठ कर फ्रेश होने चली जाती है।

प्रिया- अंकुर, साक्षी को मैं पिछले पांच साल से जानती हूं। उसके लिए किसी को जानना मतलब लाइफ लॉन्ग कमिटमेंट। आपके लिए इसका क्या मतलब है मैं नहीं जानती। पर साक्षी का दिल मत तोड़ना। अगर आपके लिए ये टाइम पास हो तो उसे अभी साफ बता देना।

अंकुर- प्रिया, साक्षी बहुत अच्छी लड़की है। और मैं उसके लिए सच में सीरियस हूं। 

प्रीति- कैसे वाला सीरियस?

अंकुर- प्रीति, ये क्या सवाल है? कैसे वाला का क्या मतलब है। 

प्रीति- मतलब इतना सीरियस की बात दूर तक जाएगी। 

अंकुर- दूर तक ....का मतलब। एक तो आप दोनों की आधी बातें मुझे समझ नहीं आती। 

प्रिया- (हंसते हुए) दूर मतलब, मम्मी पापा तक जाएगी। 

अंकुर- (शर्माते हुए) ओह! जी बिल्कुल जाएगी। अब आप दोनों ने मेरा इंटरव्यू ले लिया हो तो मैं जाऊं। 

प्रीति- जी, बिल्कुल, आप प्रस्थान करें। 

यह कह कर दोनों हंसने लगीं। 

प्रिया- मेडम, तूने घर में बात करी हितेश के बारे में।

प्रीति- थोड़ी - थोड़ी।

प्रिया- ज़्यादा - ज़्यादा कब करेंगी आप?

प्रीति- करूंगी, हितेश अभी एक एग्ज़ाम देने वाले हैं। वो क्लीयर हो जाए फिर करती हूं।

तभी डॉक्टर जतिन वहां आ जाता है।

प्रिया- आपको तो मैं आज सुबह से ढ़ूंढ रही थी। कहां थे आप?

जतिन- जंगलों में शिकार करने गया था। अगर जानवरों को पकड़ कर नहीं लाता तो वो जो शेर बैठा है ना अपनी गुफा में वो मेरा शिकार कर देता।

प्रीति डॉक्टर जतिन की बात पर ज़ोर से हंस दी।

जतिन- बस, एक आप ही हैं डॉक्टर गांधी जिसे मेरी बात समझ में आती है। वरना यहां सब बुद्धू बैठे हैं।

प्रिया- समझने वाली भाषा में बात करेंगे तो समझ आएगी? ये क्या शिकार, जंगल, शेर लगा रखा है।

प्रीति- डॉक्टर जतिन ये कहना चाहते हैं कि वो हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे थे और सफाई वाले और वॉर्ड बॉय को ढूंढ रहे थे। वरना डॉक्टर कुमार उनको डांट मारते। क्यों डॉक्टर जतिन सही कहा ना मैंने।

जतिन- बिल्कुल सही। और डॉक्टर प्रिया आप सुबह से मुझे क्यों ढूंढ रहीं थीं।

प्रिया- आपने नेहा से क्या कहा है?

जतिन- कुछ भी तो नहीं। सिर्फ छोटी सी गुफ्तगू करने के लिए रेस्टोरेंट बुलाया था और क्या? 

प्रिया- और क्यों करनी है आपको ये छोटी सी गुफ्तगू?

जतिन- एक दूसरे से जान पहचान बढ़ाने के लिए और क्या!

प्रिया- और क्यों बढ़ानी है जान पहचान?

जतिन- देखें, आपकी सहेली बहुत अच्छी है। 

प्रिया- आपको तो सब अच्छी लगती हैं। कोई नयी बात नहीं है। 

जतिन- डॉक्टर प्रिया, इस बार सच में सीरियस हूं। आज तक किसी लड़की के लिए ऐसे महसूस नहीं किया। 

प्रिया- लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप की बात कर रहे हैं।

जतिन- शॉट टर्म तो वैसे भी कुछ नहीं करता मैं। 

प्रिया- आप नेहा के पापा को नहीं जानते ! हमारे हिटलर डॉक्टर से भी बड़े हिटलर हैं। 

जतिन- अब तो जंग के मैदान में उतर गये हैं। अब हिटलर क्या नेपोलियन आ जाए। वैसे आप नेहा को बोलिए ना कि एक बार मिल लें प्लीज़।

प्रिया- (हंसते हुए) उसने हां कर दी है। आज शाम आप समय पर रेस्टोरेंट पहुंच जाइएगा।

जतिन- तो मुझे क्यों नहीं फोन किया उन्होंने।

प्रिया- आपको मिलने से मतलब है ना बस बात ख़त्म।

जतिन जाने लगता है तो प्रिया उसे रोकती है।

प्रिया- जतिन, नेहा मेरी सबसे अच्छी सहेली है। कुछ ऐसा मत कीजिएगा कि उसके दिल को ठेस पहुंचे।

जतिन- ( गंभीर आवाज़ में बोला) मैं हमेशा उसका ख्याल रखूंगा।  


अगले दिन शायना गुस्से में डॉक्टर आयुष के कैबिन में आई। और आ कर सोफे पर बैठ कुछ सोचने लगी।

आयुष- ( सोफे पर शायना के पास आकर बैठते हुए बोला) क्या हुआ? क्या सोच रही हो? किसकी खबर लेने का इरादा है आज?

शायना- खबर तो तुम्हारी ही लेनी है। पर सोच रही हूं कि कहूं कि ना कहूं। कहूंगी तो भी जानती हूं कोई फायदा नहीं होगा।

आयुष- शायना....अब कह भी दो। 

शायना- आज डॉक्टर कपूर की मेरी साथ ओ.पी.डी. थी। तुम तो कहते हो कि वह बहुत परफेक्ट हैं काम करने में, बच्चों को हेंडल करने में। पर सॉरी टू से, मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगा। एक भी बच्चे को ढंग से हेंडल नहीं कर पाईं। सब को मुझे ही देखना पड़ा।

आयुष- आई एम सरप्राइज! ऐसा हो ही नहीं सकता। मैं सभी इंटर्नस को शुरू से ऑब्ज़र्व कर रहा हूं। और उन सब में से सबसे ज़्यादा प्रेक्टिकली परफेक्ट डॉक्टर कपूर ही हैं। 

शायना- ऐसा लगता है कि तुमने परफेक्शन के स्टेंडर्ड थोड़े गिरा दिए हैं। 

आयुष- कम ऑन शायना। तुम जानती हो मुझे। मेरे लिए परफेक्शन क्या है ये अच्छे से पता है तुम्हें। 

शायना-( भड़कते हुए बोली) तो मैं झूठ बोल रही हूं। 

आयुष- मैंने ऐसा तो नहीं कहा। चलो, एक काम करते हैं। जब डॉक्टर कपूर की मेरे साथ ओ.पी.डी. होगी तो देख लेंगे। वो हेंडल कर पाती हैं या नहीं। बस, अब खुश। 

शायना- ( मुस्कुराते हुए) नहीं, कॉफी पीने चलोगे तब ख़ुश होऊंगी। 

आयुष- ठीक है मैम, चलिए। 

रैस्ट रूम में प्रिया अपने सिर को सोफे के सहारे टिका कर आंखें बंद कर चुपचाप सोच में डूबी हुई थी।

गौरव- क्या हुआ प्रिया? किस सोच में डूबी है?

प्रिया ने आंखें खोलीं तो उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। गौरव प्रिया को ऐसे देख परेशान हो गया। 

गौरव- तू रो क्यों रही है? डॉक्टर कुमार ने कुछ कहा क्या?

प्रिया ने ना में सिर हिलाया और अपने आंसुओं को पोंछने लगी।

गौरव- फिर क्या हुआ बता ना? 

तभी गगन और वसुधा वहां आ जाते हैं। 

वसुधा- आज इसकी डॉक्टर शायना के साथ ओ.पी.ड़ी थी। पता नहीं वहां क्या हुआ पर नर्स बता रही थी कि डॉक्टर शायना बहुत नाराज़ थीं। प्रिया को बहुत डांट रहीं थीं।

गौरव और गगन हैरान हो गये। ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि प्रिया एक बहुत अच्छी डॉक्टर है।

गगन- ऐसा कैसे हो सकता है ? हम सब में प्रिया ही बच्चों को सबसे बढ़िया तरीके से हेंडल करती है। 

गौरव- ( प्रिया के पास बैठते हुए) तू बता क्या हुआ? 

प्रिया- डॉक्टर शायना मुझे हर काम पर डांट रहीं थीं। बच्चों को इंजेक्शन लगाने से पहले उनका ध्यान बंटाना पड़ता है। उसपर मुझे डांट कर कह रहीं थीं कि जल्दी करो सारा वक़्त एक ही मरीज़ को दोगी तो बाकी कितना इंतज़ार करेंगे। 
किसी मरीज़ के मां बाप को दवा कैसे लेनी है यह समझाती थी तो भी टोक देती थीं। मुझे कोई भी डाइग्नोसिस नहीं करने दे रहीं थीं। बस सारा समय मेरे ऊपर चीख रहीं थीं। 

गगन- मुझे तो लगता है कि डॉक्टर शायना को प्रिया से सच में प्रोब्लम है। मैंने नोटिस किया है कि वो कोई मौका नहीं चूकतीं इसे सर से डांट पढ़वाने का। 

वसुधा- तूने ऐसा क्या किया है यार जो वो तेरे पीछे पड़ी है। 

गौरव- इसकी गलती ये है कि ये डॉक्टर कुमार की बेस्ट इंटर्न है। और कोई, खासतौर से लेडी डॉक्टर, डॉक्टर कुमार की गुड़ बुक्स में हो यह डॉक्टर शायना को मंज़ूर नहीं। 

गगन- ऐसा क्यों भाई? उनका कुछ चल रहा है क्या डॉक्टर कुमार के साथ?

गौरव-( थोड़ा धीरे से बोलता है) भाई, पिछले दस साल से यानी कि उनके कॉलेज टाइम से वह डॉक्टर कुमार को पसंद करतीं हैं। बहुत बार उन्हें कह भी चुकीं हैं। 

प्रिया- और डॉक्टर कुमार? वो भी....

गौरव- डॉक्टर जतिन ने बताया ये सब मुझे। डॉक्टर कुमार के लिए डॉक्टर शायना सिर्फ उनकी दोस्त हैं, और कुछ नहीं। पर डॉक्टर शायना भी गिव अप करने वालों में से कहां हैं। हमेशा उनके पीछे लगी रहती हैं साए की तरह। 

वसुधा- डॉक्टर कुमार और डॉक्टर शायना.....ना, जोड़ी जम नहीं रही। क्यों प्रिया? 

प्रिया हल्के से मुस्कुरा देती है पर कहीं ना कहीं उसके मन में एक सुकून सा उठा यह सुन कर। 

क्रमशः
आस्था सिंघल




20
रचनाएँ
चले ना ज़ोर इश्क पे (एक छोटी सी प्रेम-कहानी)
5.0
प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्मल और स्वच्छ भाव पैदा करता है। दुनिया में लोगों ने कितनी नफरतों को प्यार से जीत लिया। तो नफरत प्यार के आगे हमेशा हार जाती है? शायद! पर क्या हमारे दिल में किसी के लिए इतनी नफ़रत हो सकती है कि किसी का प्यार हमें दिखाई ही ना दे? क्या नफ़रत में इतनी ताकत है कि वह सच्चे प्यार को हरा सके। ऐसी ही एक कहानी है आयुष और प्रिया की। आयुष के दिल में बसी नफ़रत को प्रिया के निश्छल प्रेम ने हराया ज़रूर पर क्या ख़त्म कर पाई? ऐसा क्या हुआ कि आयुष की नफ़रत प्रिया के मासूम प्यार पर भारी पड़ गई।
1

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 1

5 मई 2022
5
2
4

प्यार - हमारे जीवन का अस्तित्व है। यह एक एहसास है जो दिमाग से नहीं दिल से होता है। सच्चा प्यार वहीं होता है जो अच्छे - बुरे सभी हालातों में हमारा साथ दे। प्यार इंसान को बदल देता है। उसके अंदर एक निर्म

2

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 2

6 मई 2022
2
1
0

प्रिया और साक्षी की कार तेज़ी से हॉस्पिटल की तरफ जा रही थीं कि अचानक उनकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया।प्रिया- ( हड़बड़ाते हुए बोली) क्या हुआ ड्राइवर? ड्राइवर- प्रिया दीदी, टायर पंचर हो गया है।प्रिय

3

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 3

7 मई 2022
1
1
0

हॉस्पिटल में काम का पहला दिन सब के लिए बहुत अहम था। आज सब अपना बैस्ट देना चाहते थे। जतिन- आप सब लोग जनरल वार्ड नंबर एक में पहुंचिए। डॉक्टर कुमार आपको वहीं मिलेंगे।सब लोग वहां पहुंच गए। वार्ड एकदम

4

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 4

12 मई 2022
1
1
0

अगली सुबह प्रिया समय से पहले हॉस्पिटल पहुंच गई। आज साक्षी उसके साथ नहीं आ पाई। वहां पहुंचकर देखा तो वहां अफरातफरी मची हुई थी। एक महिला रिसेप्शन पर रो रही थी कि उसके बेटे को एडमिट कर लिया जाए।प्रिया

5

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 5

12 मई 2022
0
0
0

इंटर्नस की आज की ड्यूटी खत्म होने वाली थी। सभी रूम में बैठकर बातें कर रहे होते हैं। तभी नर्स वहां आती है। नर्स- डॉक्टर गौरव, आज रात आपकी ड्यूटी थी ना?गौरव- हां मुझे पता है।नर्स- आप आज जा सकते हैं

6

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 6

20 मई 2022
0
0
0

आयुष गंभीर मुद्रा में सबके सामने आकर खड़ा हो जाता है।प्रीति-(घबरा कर पूछती है) सर, ये इतने सारे सीरिंज ? आप किसी को इंजेक्शन लगाएंगे क्या?आयुष-( गंभीर आवाज़ में बोलता है) आप सब को।सब लोग चौंक कर खड़

7

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 7

20 मई 2022
0
0
0

प्रिया के घर पर सब बैठकर रात की पार्टी की प्लेनिंग कर रहे थे।मिस्टर कपूर (प्रिया के पापा) - ऐसा है कि आप लोग बेकार ही यह सब कर रहे हैं। बेकार का खर्चा है। प्रिया- आ गये आप अपने असली कंजूस वाले रं

8

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 8

20 मई 2022
0
0
0

प्रीति ओ.पी.डी. से थक के आती है और धम्म से सोफे पर बैठ जाती है।प्रिया- क्या हुआ तुझे? बहुत थकी हुई लग रही है।अनीता- आज मेडम की डॉक्टर कुमार के साथ ओ. पी. डी. थी। थकान तो होगी ही। प्रिया- यार! तुम

9

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 9

20 मई 2022
1
1
0

प्रिया रैस्ट रूम में बैठकर अपनी फाइल और रजिस्टर पूरे कर रही थी। आज उसे घर जाने में थोड़ा देर हो गई। सब घर के लिए निकल चुके थे। तभी अंकुर वहां आता है। अंकुर- प्रिया एक एमरजेंसी आ गई है। मुझे

10

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 10

20 मई 2022
1
1
0

आयुष अपने कैबिन में काम कर रहा था कि जतिन सब इंटर्नस को लेकर उसके कमरे में आता है। आयुष- आएं आप सब प्लीज़। डॉक्टर जतिन आप प्लीज़ डॉक्टर शायना को भी बुला लाइए। आयुष सब को सोफे पर बैठने का इशा

11

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 11

28 मई 2022
1
1
0

थोड़ी देर में आयुष प्रिया को उस बताई जगह पर ले आता है। आयुष- डॉक्टर कपूर, एक शर्त है। आप तब तक आंखें नहीं खोलेंगी जब तक मैं नहीं कहूंगा। ( गाड़ी से उतर कर वह प्रिया की तरफ का दरवाज़ा खोलता है) आइ

12

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 12

28 मई 2022
1
1
0

अगली सुबह आयुष ठीक दस बजे प्रिया के घर के बाहर पहुंच जाता है। प्रिया- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग आयुष- (मुस्कुराते हुए) गुड़ मॉर्निंग, आप तैयार हैं तो चलें।प्रिया- ( कमला ताई को आवाज़ दे

13

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 13

28 मई 2022
1
1
0

आयुष अपने कैबिन में बैठकर काम कर रहा था। तभी शायना अंदर आई और आयुष को हैरत भरी निगाहों से देखने लगी।आयुष- क्या हुआ? ऐसे क्यों देख रही हो?शायना- देख रही हूं कि कोई अचानक कैसे बदल सकता है। दोस्तों और दो

14

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 14

28 मई 2022
2
1
0

अगले दिन आयुष हॉस्पिटल जल्दी पहुंच गया। उसे लगा कि रोज़ की तरह शायद प्रिया भी जल्दी आ जाएगी। सभी इंटर्नस आ चुके थे। पर प्रिया का कहीं कोई पता नहीं था।आयुष- (अंकुर से) अभी डॉक्टर कपूर और डॉक्टर साक्षी

15

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 15

28 मई 2022
1
1
0

जतिन और नेहा, प्रिया को उसके घर से गाड़ी में लेकर जाने के लिए आते हैं। प्रिया- पर जाना कहां है? ये तो बताओ? नेहा- प्रिया, बिना सवाल पूछे चल ले बहन।प्रिया- लेकिन.... ऐसे कैसे? जतिन और ने

16

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 16

28 मई 2022
1
0
0

आयुष और प्रिया अपने व्यस्त कार्यक्रम में से चंद लम्हे निकाल लेते थे एक दूसरे के साथ बैठकर समय व्यतीत करने के। आयुष कैबिन में प्रिया और प्रीति के साथ एक केस पर बात कर रहा था कि तभी जतिन वहां आया।आ

17

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 17

28 मई 2022
1
0
0

प्रिया सोनल को घर लेकर आती है। सोनल बच्ची को अंदर रूम में सुलाने चली जाती है। प्रिया चुपचाप सोफे पर बैठ जाती है। उसकी बाहर की खामोशी से उसके अंदर चल रहे युद्ध का पता नहीं चल रहा। वह चुपचाप बैठ सोनल क

18

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 18

28 मई 2022
1
0
0

अगले दिन प्रिया थोड़ा जल्दी हॉस्पिटल पहुंच गई। इस उम्मीद में कि आयुष से अकेले में बात कर पाएगी। पर आयुष उस दिन ओ.पी.डी. शुरू होने के समय पर पहुंचा।आयुष और प्रिया दोनों अपने काम के प्रति बहुत जिम्मेदार

19

चले ना ज़ोर इश्क पे!!भाग 19

28 मई 2022
1
1
0

सुबह से ही आयुष की तबीयत ठीक नहीं थी। फिर भी वो तैयार हो हॉस्पिटल के लिए निकलने लगा। रुबीना- भाईजान आज आपकी तबीयत ठीक नहीं लग रही। आप आज मत जाएं।आयुष- भाभी, मैं ठीक हूं। आज जाना ज़रूरी है। आ

20

चले ना ज़ोर इश्क पे!! भाग 20 (आखिरी भाग)

28 मई 2022
1
1
0

कभी - कभी हम अपनी नफ़रत के चलते कुछ ऐसे फैसले कर लेते हैं जिसके लिए हमें ज़िन्दगी भर पछताना पड़ता है। आयुष भी एक ऐसा ही फैसला लेता है। आदिल उसे बहुत समझाता है पर वह कुछ सुनने और समझने को तैयार ही

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए