सोशल मीडिया पर एक तस्वीर धकापेल फैल रही थी. तस्वीर में एक आदमी रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर खड़ा हुआ, अपने मोबाइल में मशगूल दिख रहा था. तस्वीर में जो आदमी दिखाई दे रहा था वो एकदम नरेंद्र मोदी जैसा दिख रहा था. इस फोटो को लेकर खूब हल्ला हुआ. पुलिस केस भी हो गया. लेकिन ये आदमी नरेंद्र मोदी नहीं, बल्कि एम पी रामचंद्रन हैं. जो केरल के रहने वाले हैं. लुक में पीएम नरेंद्र मोदी जैसे दिखते हैं. रामचंद्रन चाहें बस स्टॉप पर हो या फिर रेलवे स्टेशन पर, उनके साथ सेल्फी लेने वाले जुट जाते हैं. जिसको वो अपने लिए परेशनी बताते हैं, लेकिन इस परेशानी को वो अब और नहीं बढ़ाना चाहते.
रामचंद्रन की रेलवे स्टेशन वाली फोटो को जब ऑल इंडिया बकचोद (AIB) के तन्मय भट्ट ने अपने फेसबुक और ट्विटर प्रोफाइल्स पर एक मीम बनाकर डाला. तो विवाद ही हो गया. उस मीम में ये बताया गया था कि मोदी जी (नकली वाले) उस मोबाइल में झांककर क्या कर रहे थे. अगली तस्वीर में तन्मय ने दिखाया कि मोदी जी असल में स्नैपचैट फ़िल्टर लगाकर तस्वीर खींच रहे थे. उन्होंने डॉग फ़िल्टर लगाया हुआ था.
तन्मय ने जो मीम बनाया वो ये था
मीम के अपलोड होने पर मोदी के फॉलोवर्स और भाजपा समर्थक तन्मय भट्ट और ऑल इंडिया बकचोद पर पिल पड़े. गाली-गलौज से लेकर क्या कुछ नहीं हुआ. विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए मीम डिलीट कराए. तन्मय भट्ट के खिलाफ मुंबई पुलिस ने ‘पीएम मोदी का अपमान’ इल्ज़ाम में केस भी दर्ज कर लिया.
रामचंद्रन 61 साल के हैं. बेंगलुरु में जहां उनका बेटा काम करता है वहां पर हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए रामचंद्रन ने बताया,
‘वह प्रधानमंत्री जैसे न दिखाई दें, इसके लिए अब वह अगले हफ्ते दाढ़ी बनाएंगे. लोग मेरी तस्वीर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.’
मोबाइल चलाते वक़्त की वायरल फोटो के बारे में रामचंद्रन ने बताया कि वो बेंगलुरु जाने के लिए पय्यानूर (केरल) रेलवे स्टेशन पर खड़े थे. तब ये फोटो किसी ने क्लिक की थी. पय्यानूर उनका होमटाउन है.
कई साल गल्फ में काम करने के बाद रामचंद्रन अब रिटायर हैं. वो मोदी के उत्साही प्रशंसक हैं. उनका मानना है, मोदी एक सक्षम प्रशासक हैं. पहली बार हमें लगता है कि कोई शख्स इंचार्ज है.’
रामचंद्रन अपने साथ हुई घटनाओं के बारे में बताते हैं कि पहली बार लोगों ने उन्हें मोदी तब समझा था, जब दो साल पहले वो जम्मू जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. उनका कहना है, ‘एक लड़के ने मुझे देखा और फोटो खिंचवाने की बात करने लगा. वहां आर्मी के जवान भी थे. और फिर फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ लग गई. मुझे अब भी याद है कि उस वक़्त मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगे थे. लोगों ने मुझे नरेंद्र मोदी समझ लिया था.’
रामचंद्रन ही नरेंद्र मोदी के अकेले हमशक्ल नहीं हैं. मुंबई के मलाद इलाके के विकास महंत, वाराणसी के अभिनंदन पाठक भी मोदी जैसे ही दिखते हैं. नागपुर में तो पीएम मोदी के 66वें बर्थडे पर एक हमशक्ल ने केक काट दया था.
साभार : The Lallantop