धोनी को हमने जब भी देखा है ‘माही वे’ मुस्कान के साथ ‘कैप्टन कूल’ की तरह देखा है. लेकिन क्या कहीं किसी गहरे गम की वजह से तो वो शांतचित्त नहीं दिखते? धोनी जब अपने करियर की शुरूआत कर ही रहे थे, तब एक दुखद हादसे में उस लड़की का देहांत हो गया था, जिसे पहली बार धोनी ने दिल दिया था. जिसने धोनी के साथ ज़िंदगी बिताने के ख्वाब बुने थे.
झारखंड़ की उस लड़की का नाम था प्रियंका झा. धोनी को धोनी बनाने में प्रियंका का भी पूरा योगदान बताया जाता है. मैदान पर हर हाल में एक से रहने वाले धोनी पर प्रियंका की मौत की ख़बर सुनकर क्या गुज़री थी, इसका इशारा तब के कोच ग्रैग चैपल की एक बात से मिलता है,
‘हम जयपुर या शायद नागपुर में थे. धोनी के किसी पारिवारिक मित्र, एक लड़की की मौत हो गई थी. और इस पर धोनी ने जिस तरह से अपनी भावनाएं ज़ाहिर कीं, उससे मैं हिल गया. धोनी बेहद भावुक थे और अपनी किसी भी भावना को जताने से डर नहीं रहे थे.’
यानी धोनी उस वक़्त ये भूलकर कि वो कहां, किन लोगों के साथ हैं, बुरी तरह से टूट गए थे. धोनी ने अपनी ज़िंदगी को बंद किताब की तरह रखा था. 30 सितंबर को धोनी की फिल्म आ रही है, तब शायद कुछ पन्ने खुलें.
धोनी के जीवन के इस मार्मिक अध्याय की शुरुआत 2001-02 के आस-पास होती है. धोनी 21-22 साल के थे, नींद कम और भारत के लिए खेल ने के सपने ज़्यादा होने लगे थे. 2003-04 में धोनी इंडिया ‘ए’ टीम के ज़िम्बाव्वे और केन्या दौरे के लिए चुन लिए जाते हैं. इन दौरों पर धोनी कीपिंग तो शानदार करते ही हैं, बल्ले से रन भी बरसाते हैं. और धोनी पर नज़र पड़ती है उस वक़्त के कप्तान सौरव गांगुली और कोच रवि शास्त्री की. भारत उस समय विकेटकीपर की समस्या से जूझ रहा था. इस प्रदर्शन के दम पर धोनी को टीम इंडिया के 2004 बांग्लादेश दौरे के लिए बुलावा आता है. इसी दौरान कहीं धोनी-प्रियंका की मुलाक़ात होती है.
फिल्म के प्रोमो में धोनी-प्रियंका की मुलाक़ात एक फ्लाइट में होती है.
पहले मैच में धोनी 0 पर आउट हो जाते हैं, दूसरे मैच में सिर्फ 12 रन. तीसरे मैच में हमें धोनी का पहला छक्का देखने को मिलता है. 2 गेंदे खेलने को मिलीं और उसी में 7 रन बना देते हैं. लेकिन क्रिकेट की दुनिया में बड़ी दस्तक दी 5वें मैच में. पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंदों में 148 रन बनाकर.
यहां धोनी के सितारों ने चमकना शुरू किया ही था कि ख़बर आती है प्रियंका की कार का एक्सीडेंट हो गया है. कुछ समय बाद अस्पताल में प्रियंका झा की मौत हो जाती है. हालांकि ठीक-ठीक ये कब हुआ, ये पता नहीं. लेकिन हमारा अनुमान है कि ये अक्टूबर 2005 की घटना है, जब श्रीलंका भारत के दौरे पर थी. धोनी को अंदर तक तोड़ देने वाली इस घटना को जज़्ब करने में पूरा एक साल लगा.
फिल्म की शुरुआत में जो गाने हैं, वो धोनी और उनकी पत्नी साक्षी पर नहीं, धोनी और प्रियंका को ध्यान में रखकर फिल्माए गए हैं.
क्रिकेट के तीनों फॉर्मैट में कामयाबी को छूते-छूते साल 2010 आता है और धोनी अपनी मित्र साक्षी सिंह रावत से शादी कर लेते हैं. डायरेक्टर नीरज पांडेय का कहना है कि धोनी-प्रियंका की प्रेम कहानी को फिल्माने के लिए धोनी से ख़ासतौर से इजाजत ली गई.
फिल्म में प्रियंका झा की भूमिका दिशा पटानी और साक्षी की भूमिका किआरा आडवाणी निभा रही हैं. कहा तो यही जा रहा है कि धोनी प्रियंका को अभी तो क्या, कभी भी नहीं भूलेंगे. साल की सबसे ज़्यादा प्रतीक्षित फिल्म ‘धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ आने के बाद शायद धोनी की अधूरी रही प्रेम कहानी पूरी पता चले.