डायरी आत्ममंथन भाग 1
दिन शुक्रवार
1/4/2022
तुम्हें तो पता ही है सखी की कल से नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है और हमारे भारतीय नववर्ष का भी सभी को नववर्ष और नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं चैत्र नवरात्र का अपना विशेष महत्व है चैत्र नवरात्रि में देवी अपनी विशेष कृपा और शक्ति अपने भक्तों को प्रदान करती हैं नवरात्रि में देवी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जप से ज्यादा तप अर्थात ध्यान की महत्ता है वैसे तो मां को प्रसन्न करने के लिए सच्चे मन से उनका नाम पुकारना ही प्रयाप्त होता है।
कल मुझे भी कलश स्थापना करनी है मैं नव दिनों का उपवास रखतीं हूं कल से मेरा ज्यादा समय पूजा अर्चना और ध्यान में व्यतीत होगा इसलिए तुमसे मिलने का समय बहुत मुश्किल से निकाल पाऊंगी फिर भी मैं पूरी कोशिश करूंगी की हर दिन तुमसे मिलने आऊं।
मैंने देखा है लोग अपने सुख के लिए ईश्वर की आराधना करते हैं पर कभी कभी वह अपने स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं की अपनी खुशियों को हासिल करने के लिए दूसरे के साथ बुरा करते हैं अर्थात तंत्र मंत्र का प्रयोग करते हैं पर शायद वह यह भूल जाते हैं की ईश्वर
ऐसे लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान नहीं करते ईश्वर की कृपा तो उन्हीं लोगों को मिलती है जो दूसरों की खुशियों का भी ध्यान रखते हैं ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा यही है कि, मनुष्य दूसरों को ख़ुश रखे किसी की आत्मा को कभी दुखी न करे जो ऐसा करते हैं उन पर देवी मां की कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहती है यही ईश्वर की सबसे बड़ी उपासना है।
आज इतना ही कल फिर मिलेंगे शुभरात्रि
डॉ कंचन शुक्ला
स्वरचित मौलिक
1/4/2022