तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए ,फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए ....रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके ,मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए .....मिली जो आज़ादी हमको ,शरीक़ उसमे है ये भी,शाकिर हम सभी इसके फ़लक पर आज फहराए ....क़सम खाई तले इसके ,भगा देंगे फिरंगी को ,इरादों को दी मज़बू
स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बन्धनअभी बारह अगस्त को भाईचारे के प्रतीक ईद कात्यौहार सारे देश ने हर्षोल्लास के साथ मनाया, और अब कल समूचे देश के लिए एक और बहुत ही उत्साह का दिन है |कल एक ओर पन्द्रह अगस्त को सारा देश आज़ादी की तिहत्तरवीं सालगिरह मनाएगा तो कल ही भाईबहन के पावन प्रेम का प्रतीक रक्षा बन्धन का उ
विश्व पर्यावरण दिवसमनुष्य ही नहीं समस्तप्राणीमात्र – सृष्टि के समस्त जीव - इस स्वयंभू शाश्वत और विहंगम प्रकृति का अंगहै | इसी से समस्त जीवों की उत्पत्ति हुई है | प्रकृति के विकास के साथ ही हम सबकाभी विकास होता है यानी विकास यात्रा में हम प्रकृति के सहचर हैं – सहगामी हैं |प्रदूषित पर्यावरण के द्वारा
ईश्वर की अद्भुत कृति “औरत”...ख़ूबसूरती,दृढ़ इच्छाशक्ति, विद्वत्ता और सद्गुणों का एक बेहतरीन मेल “औरत”…प्रेम,स्नेह, सम्मान, उमंग, उछाह और उत्साहका एक बेहतरीन मेल “औरत”…क्योंकि ईश्वर ने अपनी इस अद्भुत कृति की रचनाही की है निर्माण के लिए,सृजन के लिए, सम्वर्धन और पोषण के लिए मानवमात्र के मार्ग दर्शन के लि
(मेरी अपनी एक सखी के जीवन की सत्य घटना पर आधारित कथा –अन्त में थोड़े से परिवर्तन के साथ)वो काटा“मेम आठ मार्च में दो महीनेसे भी कम का समय बचा है,हमें अपनी रिहर्सल वगैरा शुरू कर देनी चाहिए…” डॉ सुजाता International Women’sDay के प्रोग्राम की बात कर रही थीं |‘जी डॉ, आप फ़िक्र मत कीजिए,आराम से हो जाएगा… आ
'महिला' सृष्टि का अनमोल ख़जाना महिला है बहुत महाना त्याग, बलिदान की सच्ची मूरत नारी की है सृष्टि पर
8 मार्च को आप भीअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियों में लगे होंगे ।अब तक कुछ लोगों को मैसेज भी भेज दिया होगा और कुछ बहुत ख़ास लोगों को फ़ोन करकेबधाई भी दे दी होगी ।लेकिन क्या आप ये जानते हैं किअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और ये मनाना कब शुरू हु
सर्वप्रथमसभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ | नारी सदा से सशक्त रहीहै शारीरिक,मानसिक तथा आध्यात्मिक स्तरों पर, और आज की नारी तो आर्थिक स्तर पर भी पूर्ण रूप से इतनी सशक्त औरस्वावलम्बी है कि उसे न तो पुरुष पर निर्भर रहने की आवश्यकता है न ही वह किसी रूपमें पुरुष से कमतर है |हमसभी ज
देश भर में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज 129वीं जयंती मनायी जा रही है। 14 नवंबर 1889 को जन्मे पंडित नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और वो नेहरू को चाचा कहकर बुलाते
आज आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडितजवाहरलाल नेहरू का हैप्पी बड्डे है, मतलब देश का बाल दिवस। सोमवार, यानि 12 नवंबरको विश्व निमोनिया दिवस था। ब्रिटेन का एक गैर सरकारी संगठन है। उसने कुछ आंकड़ेपेश किए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि निमोनिया अब भी विश्व में बच्चों की मौत काएक अहम कारण है। कई देशों के
1.स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री और 6 बार कांग्रेस अध्यक्ष के पद को सुशोभित करने वाले (लाहौर 1929, लखनऊ 1936, फैजपुर 1937, दिल्ली 1951, हैदराबाद 1953 और कल्याणी 1954) पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ।2. हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 191
बहुत सी बोलियों और भाषाओं वाले हमारे देश में आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल आ खड़ा हुआ. आखिरकार 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया. हालांकि शुरू में हिंदी और अंग्रेजी दोनो को को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया और संविधान सभा ने देवनागरी लिपि वाली हिं
शिक्षक दिवसआज Teachers Day यानी शिक्षक दिवस है – सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन– जो कि राष्ट्रपति बनने से पूर्व स्वयं एक शिक्षक रह चुके थे – का जन्मदिवस...सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ कि हम सदा अपने गुरुजनों का सम्मान करतेरहें...शिक्षक – जो हमारा लक्ष्य निश्चित करने में नके
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में आत्महत्या (Suicide) से 800,000 से अधिक लोग मर जाते हैं| यह हर 40 सेकंड मे
विश्व फर्स्ट एड डे (World First Aid Day) सित
संचार एक मानवकौशल के साथबातचीत करने औरसमाज क
भारत में उत्पादोंके सकल उत्पादनका 40 प्रतिशत लघुउद्योगों द्वारा आपूर्ति कीजाती है| यह भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाताहै। 30 अगस्त 2000 को भारतीय सरकार ने छोटे पैमाने पर उद्योग का समर्थन करन
हॉकी लेजेंड ध्यान चंद का जन्म 9 अगस्त 1905 को इलाहाबाद में हुआ था। ध्यानचंद को व्यापकरूप से सबसेअच्छा हॉकी खिलाड़ीमाना जाता है।उनकी गोल स्कोरिंगक्षमता असाधारण थी | ध्यान चंद ने 1928, 1932 और 1936 में लगा
संस्कृत भाषा के महत्व को मनाने के लिए संस्कृत दिवस (sanskrit day) मनाया जाता है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओ की जननी है। यह हिंदू धर्म की पवित्र भाषा है जिसका प्रयोग बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और हिंदू धर्म के दार्शनिक प्रवचनों के लिए