सर्वप्रथम
सभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ | नारी सदा से सशक्त रही
है शारीरिक,
मानसिक तथा आध्यात्मिक स्तरों पर, और आज की नारी तो आर्थिक स्तर पर भी पूर्ण रूप से इतनी सशक्त और
स्वावलम्बी है कि उसे न तो पुरुष पर निर्भर रहने की आवश्यकता है न ही वह किसी रूप
में पुरुष से कमतर है |
हम
सभी जानते हैं कि सारी की सारी प्रकृति ही नारीरूपा है… न जाने कितने रहस्य इसके
गर्भ में समाए हुए हैं… शक्ति के न जाने कितने स्रोत प्रकृति ने अपने भीतर धारण
किये हुए हैं… जिनसे मानवमात्र प्रेरणा प्राप्त करता है... और जब सारी प्रकृति ही
शक्तिरूपा है तो भला नारी किस प्रकार दुर्बल या अबला हो सकती है ? और पुरुष को नारी की शक्ति और
सामर्थ्य का सम्मान करना ही होगा |
इसका
मतलब ये नहीं हुआ कि हम पुरुष को कम करके आँक रहे हैं | पुरुष और स्त्री दोनों का
ही बराबर का योगदान होता है परिवार के लिए, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए | पुरुष – पिता के रूप में नारी का अभिभावक भी है और
गुरु भी, भाई के रूप में उसका मित्र भी है और पति के रूप में उसका सहयोगी भी - लेकिन
अगर वो किसी भी रूप में नारी को अपने अधीन मानता है या उसे अपने अधिकार में आई कोई
वस्तु या चीज़ समझता तो ये तो उसका अहंकार ही कहा जाएगा | हालाँकि वक़्त के साथ
लोगों की सोच बदली है और परिस्थितियों में काफी हद तक सुधार भी हुए हैं | फिर भी
अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है | इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता तो यही है कि हम
अपने बच्चों को आरम्भ से ही नारी का सम्मान करना सिखाएँ, चाहे सम्बन्ध कोई भी
हो... और यह कार्य हमें अपने घर से ही शुरू करना होगा…
देखा
जाए तो नारी सेवा, त्याग और प्रेम का का जीता जागता उदाहरण है, इसलिए उसे अपने
सम्मान और अधिकारों की किसी से भीख माँगने की आवश्यकता नहीं... आवश्यकता है ऐसा
वातावरण बनाने की जिसमें उसके हौसलों को बुलन्दी तक पहुँचाने के लिए उसके पंखों
में साहस,
योग्यता और आत्मविश्वास की उड़ान भरी जाए… हम सब मिलकर ऐसा ही वातावरण अपने चारों
ओर निर्मित करें ताकि अपने साथ अन्य महिलाओं के पंख भी मज़बूत हो सकें, इसी आशा और विश्वास के साथ एक बार
पुनः अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ…
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2019/03/08/happy-womens-day/