दो अक्टूबर को महात्मा गांधी के अलावा भारत रत्न और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था।
. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें,,,,,
लेकिन इतनी समझदारी और सादगी ने उन्होंने देश के कामकाज को संभाला कि उनका योगदान सराहनीय है. किसनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके महत्व को दर्शाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने 'जय जवान-जय किसान' का नारा दिया.
आजादी के समय लाल बहादुर शास्त्री ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और वह कई बार जेल भी गए. प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद लाल बहादुर शास्त्री के सामने 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग थी और दूसरी तरफ देश में सूखा और अनाज का अकाल था.
ऐसी स्थिति में पूरे। देश की एकमात्र उम्मीद शास्त्री जी थे,प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद लाल बहादुर शास्त्री के सामने 1965 में पाकिस्तान के साथ जंग थी और दूसरी तरफ देश में सूखा और अनाज का अकाल था।
. ऐसी स्थिति में पूरा देश प्रधानमंत्री से आस लगाए बैठा था. इसी दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था।
अक्टूबर को पूरा देश महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को उनकी जयंती पर याद कर रहा है. आज महात्मा गांधी की 154वीं जयंती है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) की जयंती भी है. PM ने विजय घाट पहुंचकर उन्हें भी याद किया.
इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी बापू को राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की,,,
भारत के इतिहास में दो अक्टूबर के दिन का एक खास महत्व है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह दो अक्टूबर को भी राष्ट्रीय पर्व का दर्जा हासिल है।
. यह दिन देश की दो महान विभूतियों के जन्मदिन के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था ,और उनके कार्यों एवं विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई.,,,
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक है. देश दुनिया के इतिहास में दो अक्टूबर की तारीख में दर्ज इन महापुरुषों की महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1869 : मोहनदास करमचंद गांधी का गुजरात के पोरबंदर में जन्म . देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इस संत ने अपनी नि:स्वार्थ भावना और हथियार उठाए बिना अंग्रेजों को देश से खदेड़ बाहर किया और ‘महात्मा’ कहलाए.
1904 : लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन. एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही वह अपनी सादगी और जय जवान जय किसान के नारे के साथ जन जन में लोकप्रिय हुए. 1965 के भारत पाक युद्ध के समय उन्होंने साहसिक निर्णय लेकर दुश्मन को मात दी.
1929 : गांधी जी ने नवजीवन कार्यालय को एक सार्वजनिक न्यास बनाया
1971 : बिरला सदन को भारत के राष्ट्रपति ने देश को समर्पित किया. महात्मा गांधी की हत्या इसी भवन में की गई थी और इसका नाम बदलकर गांधी सदन कर दिया गया है।
1869 : मोहनदास करमचंद गांधी का गुजरात के पोरबंदर में जन्म . देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले इस संत ने अपनी नि:स्वार्थ भावना और हथियार उठाए बिना अंग्रेजों को देश से खदेड़ बाहर किया और ‘महात्मा’ कहलाए.
1904 : लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन. एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही वह अपनी सादगी और जय जवान जय किसान के नारे के साथ जन जन में लोकप्रिय हुए. 1965 के भारत पाक युद्ध के समय उन्होंने साहसिक निर्णय लेकर दुश्मन को मात दी
1929 : गांधी जी ने नवजीवन कार्यालय को एक सार्वजनिक न्यास बनाया.मेरे अल्फ़ाज़ मीनू 🙏