इस देश में पब्लिक को सिर्फ तीन चीजों के नाम पर बेवकूफ बनाया जा सकता है, एक तो “हाईस्कूल पास कर लो फिर टेंसन खत्म.” दूसरा ‘अच्छे दिन’ और तीसरा है गुप्त रोग. गुप्त रोगों का संसार हैरी पॉटर की जादुई दुनिया से भी बड़ा है. किसी शहर की कोई दीवार गुप्त रोगों से छुटकारे वाले विज्ञापनों से बची नहीं है. ऐसा लगता है कि अब दुनिया को ऑक्सीजन या पानी की नहीं हकीम हाशमी, हकीम जुबैर, गुप्त रोगों के पितामह डॉक्टर जैन की जरूरत है. रोजाना अखबार इनके ऐड्स से भरे रहते हैं जिनका मैटर कुछ इस तरह होता है. “लिंग का टेढ़ापन, पतलापन, छोटापन, पागलपन, हरामीपन गारंटी से दूर करें. शादी से पहले या शादी के बाद..नहीं हो रही औलाद..सेक्शुअल लाइफ है बरबाद..तो चले आओ हकीम फलाने के पास. गुमटी नम्बर 13, सरकारी स्कूल के सामने, शहर का नाम. तुरंत सहायता के लिए फोन करें 9*6*3*0*1*”
कुछ सयाने लोग सोचते हैं कि कौन पागल होगा जो इन नंबर्स पर फोन करता होगा? करते हैं भैया, करते हैं. जिसको किसी टाइप का गुप्त रोग या रोग का वहम होता है वो इन नंबर्स पर फोन करता है और फंसता भी है. हमने भी फंसने की सोची और अखबार में छपे इन नंबर्स पर कॉल करके पूछा कि ये कैसे बीमारी दूर करते हैं. हमको जो पता चला वो एकदम प्रश्नोत्तरी फॉर्मेट में पेश कर दे रहे हैं.
सवाल: डाक्साब इलाज कराने क्लीनिक आना जरूरी है क्या?
जवाब: आ जाओ तो बहुत अच्छा नहीं तो दवाई घर भेज दी जाएगी. एक्स्ट्रा पइसा लगेगा बस. आपके पते पर पहुंच जाएगी दवाई.
सवाल: क्या-क्या दे रहे हैं दवाई में?
जवाब: आप अपनी दिक्कत तो बताओ.. दवाई हम करेंगे न. यहां पाउडर, पेस्ट और जेल (बंदी सुधार गृह नहीं) में दवाई देते हैं.
सवाल: इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं? जेल वगैरह..
जवाब: उससे मालिश की जाती है.
सवाल: कौन करता है?
जवाब: अपने हाथ करना पड़ता है और कौन करेगा?
सवाल: तो सिर्फ लगाने वाला दवाई है कि कुछ खाने वाला भी है?
जवाब: खाने वाला भी है, पाउडर खाने के लिए ही तो रहेगा..और कैप्सूल है, भस्म रहती है, तेल और सीरप रहता है..
सवाल: आपके ऐड में तो लिखा है कि 4 जीबी का मेमोरी कार्ड भी रहता है. खाली रहता है कि भर के देते हैं?
जवाब: अरे भर के देते हैं खाली नहीं देते..वो भी स्कीम में रहता है..पूरे कोर्स की दवाई लेंगे तो मिलेगा.
सवाल: अच्छा तो क्या भर के देते हैं. गाने वाने कि फिलम भी रहती है?
जवाब: हां वही सब रहता है.
सवाल: क्या वही सब? गाने रहते हैं कि वो वाली फिलम..अंग्रेजी वाली?
जवाब: हां हां यही सब रहता है.
सवाल: एक खुराक दवाई में कितना बड़ा कर देते हैं?
जवाब: दवाई का पूरा कोर्स करना पड़ता है..जेल भी साथ लगा लो..काफी हो जाता है..ये तो फायदा करेगा आप उसकी फिकर हम पे छोड़ दो.
सवाल: कोर्स का क्या मतलब? खर्चा लमसम कितना आता है?
जवाब: देखो हर तरह का कोर्स है..महीने भर का है, दो महीने का है और 6 महीने का है. महीने भर का कोर्स 3200 रुपए का है.
सवाल: बत्तिस सौ वाले में मेमोरी कार्ड रहेगा?
जवाब: हां सब मिलेगा..काम की पूरी गारंटी है..आप एड्रेस बताओ.
सवाल+जवाब: ठीक है डाक्साब हम देख के बताते हैं.
(दूसरे दिन पूरा दिन उन नंबर्स से फोन आते रहे और सबका एक ही सवाल होता था- आपने फोन किया था, कोर्स के लिए?)
मुझे पर्सनली उनसे डॉक्टरी सलाह नहीं सिर्फ जानकारी लेनी थी ताकि आपके सामने जस की तस परोस सकूं. बाकी सब आप पर है, अपने हिसाब से सब कर लेना.
http://www.thelallantop.com/tehkhana/what-happens-when-someone-calls-doctors-of-sexually-transmitted-diseases-like-dr-jain-and-hakeem-hashmi/