Hello friends
आज काफी दिनों के बाद मैं आप लोगों से मिल रही हूं और आशा करती हूं की आप सब लोग ठीक होंगे ?
आज का हमारा लेख " वृद्ध आश्रम " का है , तो हमारी बातें तो जारी ही रहेंगी , फिलहाल चलिए चलते हैं अपने आज के लेख की तरफ ।
लानत है उन संतानों पर ,
जो अपने माता - पिता को ,
अपने खुद के परिवार से दूर ,
वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं ।
ये मत भूलो की ये वही मां है ,
जिसने नौ महीने तुम्हें अपनी कोख ,
में रखा और अपने खून से तुम्हारा ,
पोषण करती रही और ये वही पिता हैं ,
जिन्होंने उंगली पकड़ कर तुम्हें चलना सिखाया ,
खुद खाए आधा पेट लेकिन तुम्हें भर पेट खिलाया ,
अपने लिए कपड़े नहीं लेते लेकिन तुम्हें हर त्यौहार ,
पर नए कपड़े दिलवाते ।
सब गलतियों को माफ करने वाले और अपना ,
बड़प्पन दिखाने वाले इतने ,
महान होते हैं माता - पिता हमारे ,
ये सब प्यार दुलार भूलकर कुछ इंसान,
अपने माता - पिता को वृद्ध आश्रम में हैं छोड़ आते ।
अब बंद करो माता - पिता को वृद्ध आश्रम में ,
छोड़ना उन्हें परिवार का हिस्सा बनाओ तुम ,
उन्होंने तुम्हें 20 साल खिलाया ,
कम से कम 10 साल तो खिलाओ तुम ,
माता - पिता के कदमों में जन्नत होती है ,
ये कहने की नहीं बल्कि सत्यता है ,
एक बार उनके संरक्षण में आओ तो सही ।
🙏🙏🙏