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हॉरर

hindi articles, stories and books related to horror


अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक मै कोई आत्मा आ जाती है और उस को परेशान करती है और उधर सरिता को कैसे वो आईने वाली औरत परेशान करने लगती है अब आगे पर आगे बढ़ने से पहिले आप सभी से अनुरोध के आज से इस कहान

अब तक आपने पढ़ा के कैसे अमन ने अपनी माँ के साथ मज़ाक किया, कैसे अमन को अपनी माँ से डांट खानी पड़ी।  उधर सार्थक के सामने पूरे बाड़े का परिवार एक साथ खड़ा था।  अब क्या होगा क्या सार्थक और बाड़े मै रह रहा एलेक

भाग 33रेशमा और नीता गायत्री के साथ इन लोगो के सामने खड़ी थी , वह गायत्री के पिता को देख कर  रेशमा गायत्री से कहती हैं ,*"  गायत्री हम भी अपने माता पिता को देख सकते हैं ,*"!!त्रिलोकी नाथ कहते

भाग 32 माधवेंद्र दास और त्रिलोकी नाथ जैसे ही हाल में पहुंचते हैं ,अचानक ढेर सारे चमगादड़ उन पर हमला कर देते हैं , बाबा त्रिलोकी नाथ थैले से भभूत निकल कर मंत्र पढ़कर उनकी ओर फेकते हैं ,तो अग्नि प्रज्व

अब तक आपने पढ़ा के सरिता और एलेक्स ने वो बाड़ा भोजवानी से खरीद लिया और वो वहां शिफ्ट भी कर गए वहां  सामान लगा रहे थे। इधर सार्थक को कुछ आवाज़े आ रही थी अब इस कहानी मोड़ लेने ही वाली थी कहानी अब दिलचस्प

कहानी अब आगे और भी रोमांचक होती जा रही है क्या आपको भी यही लगता है ,अगर हाँ तो आप लोग प्लीज रेटिंग्स जरूर दें। कहानी अब असल डर की और चल दी है जैसा अपने पढ़ा के यहाँ भोजवानी ने इस बाड़े को बेचने के बाद

उधर भोजवानी अपने सभी इन्वेस्टर फ्रेंड्स के साथ वहां पहुँच जाता है और जब बाड़े की हालत देखता है तो उन सब के पैरो से जमीन सार्क जाती है ये साइट ऐसे क्यों दिख रही है भोजवानी चिल्लाया यह तो अब तक टूट ज

इधर वो बाड़ा बन कर तैयार था उधर मिस्टर भोजवानी की चिंता बढ़ गयी थी भोजवानी परेशान था के कहीं मैंने उस जगह पर पैसा फंसा कर नुक्सान तो नहीं कर लिया। और उसकी चिंता भी जायज थी पहिले अमित और अब सार्थक भी अब

सार्थक का बचना अब बेहद मुश्किल था अब अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस बाड़े में बचने के लिए जद्दो जेहद कर रहा था पर मौत जैसे उसके सामने ऐसे खड़ी हो जाती जैसे उसने लाल कपडे पहन रखे हो और बैल उसके पीछे

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस वीरान बाड़े के तहखाने में फंस जाता है, और कैसे भी अब उधर से बाहर निकल जाना चाहता है, क्योकि वो अब पूरी रात उस तहखाने में नहीं काटना चाहता था, किसी तरह उसे एक गोल दरवाज़ा

अब तक आपने पढ़ा के सार्थक कैसे उस बाड़े में उन मृत लोगो को चीज़ो को देखने की उत्सुकता में कैसे उस अलमारी के दरवाज़े के सहारे होता हुआ उस बाड़े के नीचे छिपे हुए तहखाने में जाने लगता है पर वो वहां दरबाज़ा बंद

जब मनोज ने ऐसा कहा तो सार्थक चौंक गया क्योकि उसे एक पढ़े लिखे इंसान से इस बात की उम्मीद नहीं थी वो मन ही मन उसे पागल करार देने लगा और बोला। "ये कोई फिल्म का शो चल रहा है क्या जो मुझे इस तरह के बाहिया

अमित कहाँ होगा ?कैसा होगा ?क्या हुआ होगा उसे ऐसा जो वो जबाव नहीं दे रहा ? कोई इतना गैरजिम्मेदार तो हो नहीं सकता कुछ तो हुआ ही होगा यह सब सोचते हुए सार्थक पुलिस स्टेशन में दाखिल होता है थाना इंचार्ज

सार्थक बोला "ठीक है अंदर भेजो उनको " पल्लवी ने कहा "और एक बात सर " यस मिस पल्लवी !सार्थक  पल्लवी ने उत्तर दिया "काम के बाद मूवी का प्लान अच्छा है " दोनों एक दुसरे को देखने लगे  भोजवानी अंदर

क्या तुम बहरी हो या बोल नहीं सकती अमित चिल्लाया वो औरत बिना किसी हाव भाव के निचे सीढ़ी से जाने लगी क्या तुम बता सकती हो इसकी चाभी कहाँ है ? न जाने वो औरत क्या दिखाना चाह रही थी। अमित बस खड़ा खड़ा उसे

जब धैर्य नहीं  वृकुटी से पूछा कि तुम में है आवाज क्योंकि तो वह कहने लगा यह आवाज मैंने नहीं की उसने फिर पूछा क्या आवाज तुमने क्यों की उसने कहा मैंने नहीं की उन्होंने कहा ठीक है कोई बात नहीं लेकिन

बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक बूढ़ी मां रहती थी जिसकी उम्र लगभग 80 साल की होगी उसका नाम देवंती था उसके 5 पुत्र थे 2 बेटियां थी बड़े बेटे का नाम धैर्य था जो से छोटा था उसका नाम पवन उससे जो छोट

मदन की नयी नयी नौकरी लगी थी ।एक छोटे से कस्बे मे।उसने दलाल से कह कर अपने लिए एक कमरा किराए पर लेने की बात की।छोटे कस्बों मे घरों के अंदर ही एक कमरा किराए पर दे दिया जाता है ऐसे ही एक दलाल ने मदन को यह

■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग  48             ( पिशाचिनी सिद्धि )______________________________________________________________________________ पकड़ो.... पकड़ों..

रोमानिया के तालपा गांव के एक किसान की लड़की ईलिएनोर जुगुन अपनी दादी के घर, जो बुहाई में था, जाने के लिए रवाना हुई। रास्ते में उसे सड़क के किनारे कुछ सिक्के पड़े मिले। ग्यारह साल की उस लड़की ने वे सिक्

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