भाग 33रेशमा और नीता गायत्री के साथ इन लोगो के सामने खड़ी थी , वह गायत्री के पिता को देख कर रेशमा गायत्री से कहती हैं ,*" गायत्री हम भी अपने माता पिता को देख सकते हैं ,*"!!त्रिलोकी नाथ कहते
भाग 32 माधवेंद्र दास और त्रिलोकी नाथ जैसे ही हाल में पहुंचते हैं ,अचानक ढेर सारे चमगादड़ उन पर हमला कर देते हैं , बाबा त्रिलोकी नाथ थैले से भभूत निकल कर मंत्र पढ़कर उनकी ओर फेकते हैं ,तो अग्नि प्रज्व
जब धैर्य नहीं वृकुटी से पूछा कि तुम में है आवाज क्योंकि तो वह कहने लगा यह आवाज मैंने नहीं की उसने फिर पूछा क्या आवाज तुमने क्यों की उसने कहा मैंने नहीं की उन्होंने कहा ठीक है कोई बात नहीं लेकिन
बहुत समय पहले की बात है एक गांव में एक बूढ़ी मां रहती थी जिसकी उम्र लगभग 80 साल की होगी उसका नाम देवंती था उसके 5 पुत्र थे 2 बेटियां थी बड़े बेटे का नाम धैर्य था जो से छोटा था उसका नाम पवन उससे जो छोट
मदन की नयी नयी नौकरी लगी थी ।एक छोटे से कस्बे मे।उसने दलाल से कह कर अपने लिए एक कमरा किराए पर लेने की बात की।छोटे कस्बों मे घरों के अंदर ही एक कमरा किराए पर दे दिया जाता है ऐसे ही एक दलाल ने मदन को यह
■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 48 ( पिशाचिनी सिद्धि )______________________________________________________________________________ पकड़ो.... पकड़ों..