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■ पिशाचिनी का प्रतिशोध ■ भाग 49            (पिशाचिनी सिद्धि)________________________________________________________________________________आपको ,आपके मित्र अमरप्रता

अब तक कहानी में आपने पढ़ा के किस तरह से, सार्थक में घुसे मंदार ने मौत का खेल खेला, किस तरह से उसने चार लोगो की हत्या कर दी इसे हत्या नहीं दरिंदगी कहना ठीक होगा वो तो उन मासूम लोगो को जिनको यह भी जान का

भाग 36 बाबा त्रिलोकी नाथ दो नींबू को आधा कटकर  उसमे सिंदूर भरते है ,फिर हवन कुंड की थोड़ी राख डालते हैं और उसके बाद फिर उस नींबू को मंत्र पढ़कर उस काने  प्रेत के ऊपर फेकते हैं ,और फिर ग

भाग  35बाबा त्रिलोकी नाथ मंत्रोच्चार कर के us मुर्गे की गर्दन रेतने लगते है तो प्रेत करन चीखने लगता है ,उसका हाथ अगर नही मिला होता तो इतनी आसानी से यह नही आता पर हाथ मिल जाने के कारण वह फस गया और

भाग 34प्रोफेसर मंत्रोचार करना शुरू करते है , और धीरे धीरे कर एक एक कर उस पर सरसो डालने लगते हैं ,*"!! समीक्षा और प्रणय जैसे ही अंतिम झरोखे पर दिया रखने जाते हैं ,तभी उसमे से अचानक दो हाथ बाहर आते

हज्व स हेलो 

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक घर से बहार निकल जाता है।  कैसे उसके अंदर मंदार सूबेदार की आत्मा कब्ज़ा कर लेती है। और यह सब वो उस बाड़े को पाने के लिए कर रहा है। क्या राज़ छिपा था, उस बाड़े में क्यों वो पूर

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक मै कोई आत्मा आ जाती है और उस को परेशान करती है और उधर सरिता को कैसे वो आईने वाली औरत परेशान करने लगती है अब आगे पर आगे बढ़ने से पहिले आप सभी से अनुरोध के आज से इस कहान

अब तक आपने पढ़ा के कैसे अमन ने अपनी माँ के साथ मज़ाक किया, कैसे अमन को अपनी माँ से डांट खानी पड़ी।  उधर सार्थक के सामने पूरे बाड़े का परिवार एक साथ खड़ा था।  अब क्या होगा क्या सार्थक और बाड़े मै रह रहा एलेक

भाग 33रेशमा और नीता गायत्री के साथ इन लोगो के सामने खड़ी थी , वह गायत्री के पिता को देख कर  रेशमा गायत्री से कहती हैं ,*"  गायत्री हम भी अपने माता पिता को देख सकते हैं ,*"!!त्रिलोकी नाथ कहते

भाग 32 माधवेंद्र दास और त्रिलोकी नाथ जैसे ही हाल में पहुंचते हैं ,अचानक ढेर सारे चमगादड़ उन पर हमला कर देते हैं , बाबा त्रिलोकी नाथ थैले से भभूत निकल कर मंत्र पढ़कर उनकी ओर फेकते हैं ,तो अग्नि प्रज्व

अब तक आपने पढ़ा के सरिता और एलेक्स ने वो बाड़ा भोजवानी से खरीद लिया और वो वहां शिफ्ट भी कर गए वहां  सामान लगा रहे थे। इधर सार्थक को कुछ आवाज़े आ रही थी अब इस कहानी मोड़ लेने ही वाली थी कहानी अब दिलचस्प

कहानी अब आगे और भी रोमांचक होती जा रही है क्या आपको भी यही लगता है ,अगर हाँ तो आप लोग प्लीज रेटिंग्स जरूर दें। कहानी अब असल डर की और चल दी है जैसा अपने पढ़ा के यहाँ भोजवानी ने इस बाड़े को बेचने के बाद

उधर भोजवानी अपने सभी इन्वेस्टर फ्रेंड्स के साथ वहां पहुँच जाता है और जब बाड़े की हालत देखता है तो उन सब के पैरो से जमीन सार्क जाती है ये साइट ऐसे क्यों दिख रही है भोजवानी चिल्लाया यह तो अब तक टूट ज

इधर वो बाड़ा बन कर तैयार था उधर मिस्टर भोजवानी की चिंता बढ़ गयी थी भोजवानी परेशान था के कहीं मैंने उस जगह पर पैसा फंसा कर नुक्सान तो नहीं कर लिया। और उसकी चिंता भी जायज थी पहिले अमित और अब सार्थक भी अब

सार्थक का बचना अब बेहद मुश्किल था अब अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस बाड़े में बचने के लिए जद्दो जेहद कर रहा था पर मौत जैसे उसके सामने ऐसे खड़ी हो जाती जैसे उसने लाल कपडे पहन रखे हो और बैल उसके पीछे

अब तक आपने पढ़ा के कैसे सार्थक उस वीरान बाड़े के तहखाने में फंस जाता है, और कैसे भी अब उधर से बाहर निकल जाना चाहता है, क्योकि वो अब पूरी रात उस तहखाने में नहीं काटना चाहता था, किसी तरह उसे एक गोल दरवाज़ा

अब तक आपने पढ़ा के सार्थक कैसे उस बाड़े में उन मृत लोगो को चीज़ो को देखने की उत्सुकता में कैसे उस अलमारी के दरवाज़े के सहारे होता हुआ उस बाड़े के नीचे छिपे हुए तहखाने में जाने लगता है पर वो वहां दरबाज़ा बंद

जब मनोज ने ऐसा कहा तो सार्थक चौंक गया क्योकि उसे एक पढ़े लिखे इंसान से इस बात की उम्मीद नहीं थी वो मन ही मन उसे पागल करार देने लगा और बोला। "ये कोई फिल्म का शो चल रहा है क्या जो मुझे इस तरह के बाहिया

अमित कहाँ होगा ?कैसा होगा ?क्या हुआ होगा उसे ऐसा जो वो जबाव नहीं दे रहा ? कोई इतना गैरजिम्मेदार तो हो नहीं सकता कुछ तो हुआ ही होगा यह सब सोचते हुए सार्थक पुलिस स्टेशन में दाखिल होता है थाना इंचार्ज

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