कुछ वर्षों पहले जयपुर गया था । क्योंकि यात्रा पूर्व-निर्धारित न होकर अकस्मात् थी इसलिए कोई भी होटल बुक नहीं किया हुआ था । रेलवे स्टेशन पर बैठ कर मोबाइल पर किसी होटल की अच्छी लोकेशन देखकर बुक करने लगा। पूरा परिवार भी साथ था । तभी वहां ऑटो वाले आ गए और शोर के साथ होड़ मचाने लग गए । किराया कुछ ज्यादा ही मांग रहे थे। हमने कहा कि पहले होटल बुक हो जाए तभी चल पाएंगे । बस फिर क्या था । अब तो कई सारे ऑटो वाले आ गए। आधे किराये पर जाने को तैयार । हमने पूछा भी कि कितनी दूर हैं होटल तो उत्तर मिला कि दूर हैं । ऑटो वाले कहने लगे आप रहने दीजिये हम आपको साथ ले चलते हैं आपको होटल सिलेक्ट करवा देंगे । बाद में किराया देना आप । इतनी किचकिच करने लगे कि परेशान होकर अंततः हम अपने सामान दो ऑटो पर रखकर चल दिए। करीब बीस मिनट बाद एक होटल पर उन्होंने रोक दिया जो बहुत ही बेकार था । फिर एक दो होटल और देखे । कोई भी अच्छा नहीं लगा परन्तु इतनी थकान थी कि उनमें से एक बेहतर वाले को फाइनल कर दिया । ऑटो वाले अपना किराया लेकर चलते बने । दो दिन का प्रोग्राम था । उस दिन तो सो गए । अगले दिन किसी आवश्यक सामान की आवश्यकता पड़ी तो पैदल ही निकल लिया दुकान ढूँढने तो पाया कि वहां आस-पास कई अच्छे होटल थे जहाँ वो ऑटो वाले ले ही नहीं गए । और ये क्या रेलवे स्टेशन तो बहुत ही पास था । अब दिमाग ठनका कि ऑटो वालों ने कुछ न कुछ स्कैम तो अवश्य किया है । वापस आकर उसी होटल का ऑनलाइन होटल टैरिफ चेक किया तो पाया कि प्रत्येक कमरे का चार सौ रूपये अधिक वसूल लिया गया था । इस तरह दो कमरों का आठ सौ रूपये प्रतिदिन का चूना लगा गए थे वो ऑटो वाले । तो इसलिए जब भी किसी यात्रा पर जाएँ तो ऑनलाइन होटल ही बुक करने को प्राथमिकता दें । और स्टेशन के आस-पास के एरिया को अवश्य चेक कर लें । आपको स्कैम पता चले और आप सावधान हो जायें, इस लेख की यही सार्थकता है । जयपुर मैं एक स्कैम और हुआ था जिसे अगले लेख में बताएँगे ।