दौड़त-दौड़त सब गए, देन परीक्षा नीट,
लेकिन डर्टी पिक्चर थी, कुछ भी नहीं था ठीक,
कुछ भी नहीं था ठीक, लीक थी पूरी टंकी,
लगने लगा है कि आयोजन था सब नौटंकी,
आयोजन था सब नौटंकी, नौटंकी होती रिपीट,
और भी कई परीक्षा, लगती नहीं हैं नीट,
लगती नहीं हैं नीट जब बच्चों को परीक्षा,
लगने लगती है व्यर्थ उन्हें तब सारी शिक्षा।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"