जिंदगी बड़ी जालिम
जीने नहीं देती
जहर भी खुशी से
पीने नहीं देती
मुसीबतों से जैसे
दोस्ती हो अपनी
बिना पास आए वह भी
सोने नहीं देती
जिन्दगी बडी जालिम
जीनें नही देती
एक को अलविदा
जब ही कहा है हमने
दूसरे की दस्तक
जीने नहीं देती
गम से कब तलक पीछा
छोड़ाएंगे हम
आंसुओं का सागर
कब तक बहाएंगे हम
सीख लिया हमने
गमों में मुस्कुराना जं
जख्म अपने दिल के
लबों पे न लानाशं
जख्मों को जालिम सीर्णथंयोर्यने नहीं देती
जिंदगी बड़ी जालिम जीने नहीं देते