वो अजनबी दिल की गहराइयों में
अपना घर बना गया
दूर जाते जाते
न जाने कैसे पास आ गया
तन्हाइयों में जिसको तलाशती थी मैं
मन में उसकी सूरत तराशती थी मैं
वह अक्स उभर कर
मुझको झलक दिखा गया
एक अजनबी
मेरे दिल के करीब आ गया
अंधेरी जिंदगी में रोशनी बनकर
खुशियां आती थी
झोली में छनकर
मेरी जिंदगी में
खुशियों का अंबार लगा गया
एक अजनबी
मेरे दिल के करीब आ गया