किस पर करे हम आक्रोश
परिस्थितियों पर
या स्वयं पर
परिस्थितियां
जो हमारे बस में न थी
और खुद से लड़ने की
मुझ में हिम्मत न थी
पर अब समय आ गया है
आक्रोश करने का
खुद पर
अपनी कुंठाओं पर
अपनी कमजोरी पर
और अपनी असफलताओं पर
सीखना होगा मुझे
जिंदगी के हर रंग में ढलना
सीखना होगा मुझे
संघर्षों के संग चलना
क्योंकि
समय का इंतजार करते करते
समय गुजर जाएगा
उचित समय के इंतजार में
कुछ हाथ नहीं आएगा।