मेरी 1970 की रचनाएँ इस पुस्तक में संग्रहित की गयी है। उस काल में मैं दशवीं कक्षा में पढता था। दशम कक्षा में मैं एक हस्त निर्मित कापी में अपनी कविताएँ फेअर करके लिखता था और वह सहेज के रखी हुई कापी इस समय लगभग 70 वर्ष की अवस्था में मेरे बहुत काम आई। उस
आत्मा से उत्सर्जित शब्दो से बनी काव्य रचनाओ का संकलन है 'नज्म-ए-आनंद' ।
मन की गठरी- ---------------- 'मन की गठरी'मेरी काव्य संग्रह की तीसरी कड़ी है।इस संग्रह में मन के कोने में पड़े विचारों को शब्दबद्ध कर उन्हें तर्कपूर्ण तथा संवेदनशील करके परोसने का प्रयास किया गया है।मन में विचार पैदा होते रहते हैं उनविचारों को लोगों क
प्रेम रस से भरी कविताएं जिसमे आज के जमाने का बेपनाह प्रेम को दर्शाया गया है। जिसमे एक निश्छल प्रेम का भाव दिखता है। जब एक लडकी को किसी लड़के से प्रेम होता हैं तो वह उस लड़के को अपना सब कुछ समझ लेती है। उसके नाम से भी प्रेम कर लेती हैं,और उसे हर जगह
मैं प्रेम में हूँ या मुझमें ही प्रेम है क्या तुम बता सकते हो किसमे प्रेम है चारो तरफ प्रेम मय जगत के मैं तन्मयता से तन्मय हूँ हाँ प्रेम मेरे भीतर ही बहता है इतर उतर पता नही किधर मगर कुछ तो है मेरे भीतर पिघलता है जमता है फिर बह जाता ममत्वय से कुछ पान
शब्दों की लड़ियां पिरो उन्हें भावों से अलंकृत कर खुबसूरत भावाभिव्यक्ति के साथ ख्वाहिशों के मुताबिक सजाती हूं और अपने पाठकों व प्रशंसकों के दिलों में जज्बातों को जगा उनके दिल को छूना चाहतीं हूं। बोलिए, आप सब मेरा साथ देंगे।अपना प्यार और दुलार हम पर लु
यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क
यह मेरी किताब कुछ प्यारी सी कहानियों का संग्रह है, जिसमें आप प्यार के अलग अलग रंग पा जायेंगे, प्यार सिर्फ एक ऐहसास है जिसमें आपको दोस्ती, मोहब्बत, करुणा और जानवरों से प्यार, जैसे कई इमोशन मिल जायेगे! आप सब लोग इसे जरुर से पढना और कुछ कमी हो मेरी कहान
भजन – दीनानाथ मेरी बात छानी कोणी तेरे से लिरिक्स दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो, श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो, बिसरावे मत बाबा, हार मानी ते
श्रीमान सादर नमस्कार मुझे बचपन से लिखने का बहुत शौक था इसलिए मैंने हमेशा खाली समय को व्यर्थ नहीं जाने दिया कुछ ना कुछ अवश्य लिखता रहा जो कि आज एक बड़ी संख्या बन चुकी हैं मैं चाहता हूं आप से जुड़कर अपनी कविताएं पब्लिक प्लेटफॉर्म में प्रमोट कर सकूं ज
सुरीली एक काव्य संग्रह है,इसमें कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है...
मन के जज़्बात मेरी कविताओं का एक संग्रह है जिसमें मैंने अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन के विभिन्न रंगों को दर्शाने की कोशिश की है।
किताब कैसे एक अल्लाउदीन का चिराग है जिससे जो भी चाहो हमें बिना मांगे ही मिल जाता है, बडी रंगीन होती है ये किताबों की दुनिया, जो नाम पहचान ही नहीं दिल में जगह भी दिलाती है!
इस किताब में केवल एक ही रचना है। उम्मीद करता हूँ सबको पसंद आएगी।
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखी गयी कविता, गज़लों एवं शेरों का सग्रह है!
प्रिय पाठकों वीर अभिमन्यु वध एक चम्पू काव्य है। जिसमें गद्य और पद्य दोनों तरह से लिखा गया है। आप इसे एक बार जरूर पढें। और अपनी टिप्पणी जरूर करें। जिससे हमें यह पता चल सके। आप ने मेरी किताब वीर अभिमन्यु वध को कितना पसंद किया। धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कठनाई रास्ते का कांटा नहीं,अपितु अवसर होता है,कुछ कर दिखाने का
अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...