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काव्य / कविता संग्रह की किताबें

हज़ार-हज़ार बाहों वाली

नागार्जुन द्वारा रचित हज़ार-हज़ार बाहों वाली का काव्य संकलन।

1 पाठक
14 अध्याय
26 अप्रैल 2023
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विविध कविताएं

रामधारी सिंह दिनकर साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं। पढ़ें उनकी लिखी कविताओं में से चुनिंदा 5 प्रसिद्ध कविता

6 पाठक
19 अध्याय
25 अप्रैल 2022
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कवित्त कल्पना

ये किताब उन कविताओं का संग्रह है...जो मैंने जीवन के संघर्षों में महसूस किया है...इनमे कुछ छोटी कुछ बड़ी कविताएँ है जो निःसंकोच आपको प्रभावित करेंगी..

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साये में धूप

‘साये में धूप’ या दुष्यंत कुमार आज आधुनिक हिन्दी ग़ज़ल में पर्याय सरीखे हो चुके हैं। कालजयी कृति, सौ पचास साल बाद बने या लेखक रचयिता के जीवनकाल में ही बहुचर्चित हो जाये, इसका निर्णय पाठक-समाज करता है। मंच से ओझल हो रही हिन्दी कविता अथवा गीत विधा से आग

16 पाठक
20 अध्याय
28 जुलाई 2022
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अल्फ़ाज़-ए-अंदाज़ भाग-1

यह किताब कोई बाजार में बेचनें के लिए नहीं लिखी गई है | किताब के जरिये मैं बस आप लोगों से जुड़ना चाहता हूँ | मेरा मानना ( यें सिर्फ मेरे विचार है, इनसे किसी को कष्ट हो तो छोटा समझ के माफ कर देंना ) है कि अल्फाजों की कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है, ये भ

4 पाठक
20 अध्याय
22 जुलाई 2022
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A word come from heart.

1.ये इश्क़ नहीं हैं तो फिर क्या हैं! बिन कहें  आँखें सब कुछ बया कर जाती  बिन कहें दिल की बात उस तक पहुँच जाती  ये इश्क़ नहीं हैं, तो फिर क्या हैं। जब बातें दिल से ज्वाला की तरह निकालती  और जुबान से अधरों के ताल-मेल को  बिगाड़ देती  कहना कुछ चाहए और

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लालीराम के शब्दपुष्प हार

श्री गणेश जी की कृपा से मैंने इस किताब में अपने कुछ विचार और ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व आदि पर रचनाएं लिखी हैं...

4 पाठक
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44 अध्याय
24 अप्रैल 2023
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सूर्य का स्वागत

दुष्यंत कुमार का जन्‍म उत्तर प्रदेश में बिजनौर जनपद की तहसील नजीबाबाद के ग्राम राजपुर नवादा में हुआ था। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील शायरों ताज भोपाली तथा क़ैफ़ भोपाली का ग़ज़लों की दुनिया प

60 पाठक
50 अध्याय
28 जुलाई 2022
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अतीत के पन्ने

मेरी 1970 की रचनाएँ इस पुस्तक में संग्रहित की गयी है। उस काल में मैं दशवीं कक्षा में पढता था। दशम कक्षा में मैं एक हस्त निर्मित कापी में अपनी कविताएँ फेअर करके लिखता था और वह सहेज के रखी हुई कापी इस समय लगभग 70 वर्ष की अवस्था में मेरे बहुत काम आई। उस

18 पाठक
21 अध्याय
9 जुलाई 2022
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महादेवी वर्मा  के प्रसिद्ध लेख

श्रीमती महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। महादेवी वर्मा जी हिंदी साहित्य में 1914 से 1938 तक छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती है। आधुनिक हिंदी की सबसे सशक्त कव

20 पाठक
20 अध्याय
24 जुलाई 2022
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खूबसूरत एहसास...🌹🌹

कुछ अनकहे से एहसास.. दिल से दिल तक ❤️

15 पाठक
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42 अध्याय
22 अप्रैल 2023
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शतक में एक, मेरी कविता शाहीन बाग दिल्ली कुछ कहती है

सौ में एक मेरी कविता शाहीन बाग दिल्ली कुछ कहती है मेरा दूसरा कविता-संग्रह है. जिसमें 100 कविताएं ली गयी हैं. मेरा पहला कविता संग्रह 2019 में आधी-दुनिया प्रकाशित हो चुका है. कविता मेरे लिए एक फोटोग्राफी की तरह है-जिसमें हमारे आसपास जो घटित हो रहा है

6 पाठक
42 लोगों ने खरीदा
15 अध्याय
27 सितम्बर 2022
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" मेरा भारत महान "

सोने की चिड़िया था कभी , उन्मुक्त हवाओं का था बसेरा , नारी की जहाँ होती थी पूजा , ऐसी पावन भूमि का देश था मेरा ! हम तन से तो आज़ाद हुए है  , पर मन और विचारों से अब भी  है गुलाम  ! जब यहाँ मानवता , भाईचारा और सौहार्द्र होगा , जब नारी का यहाँ सम्मान ह

16 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
10 अध्याय
5 जून 2022
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शब्द वाटिका

शब्दों को अर्थपूर्ण ढंग से सहेजना।उनकी बोल को लोगों तक पहुचाना।

37 पाठक
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50 अध्याय
10 अक्टूबर 2022
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पुरानी जूतियों का कोरस

नागार्जुन के काव्य संग्रह पुरानी जूतियों का कोरस का संकलन।

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प्रसिद्ध कविताएँ

श्रीधर पाठक (११ जनवरी १८५८ - १३ सितंबर १९२८) प्राकृतिक सौंदर्य, स्वदेश प्रेम तथा समाजसुधार की भावनाओ के हिन्दी कवि थे। वे प्रकृतिप्रेमी, सरल, उदार, नम्र, सहृदय, स्वच्छंद तथा विनोदी थे। वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापत

3 पाठक
25 अध्याय
28 अगस्त 2022
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एकांत संगीत

हरिवंश राय बच्चन का जन्म 27 नवंबर सन् 1907 को प्रयाग के कटरा मोहल्ले में हुआ था। हरिवंश राय बच्चन के पिता का नाम प्रतापनारायण था। माता का नाम सुरसती था। इनसे ही हरिवंशराय को उर्दू व हिंदी की शिक्षा मिली थी। हरिवंश राय बच्चन ने सन् 1938 में एम.ए. और स

24 पाठक
103 अध्याय
1 अगस्त 2022
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निशा निमन्त्रण

निशा−निमन्त्रण' बच्चन जी का बहुत ही लोकप्रिय काव्य है। इसका पहला संस्करण 1938 में निकला था। निशा निमंत्रण हरिवंशराय बच्चन के गीतों का संकलन है जिसका प्रकाशन १९३८ ई० में हुआ। ये गीत १३-१३ पंक्तियों के हैं जो कि हिन्दी साहित्य की श्रेष्ठतम उपलब्धियों म

79 पाठक
102 अध्याय
28 जुलाई 2022
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मेरी अधूरी ख्वाहिश..

अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...

4 पाठक
13 अध्याय
19 फरवरी 2022
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