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काव्य / कविता संग्रह की किताबें

अल्फाज़

यह पुस्तक एक लघुकथा संग्रह है । इस पुस्तक में मेरे द्वारा अनुभव की गई अनेक घटनाओं का जिक्र है जो आज के समाज को आईना दिखाती हैं । इस पुस्तक की सभी लघुकथाएँ सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं । हो सकता है कि आप भी कहीं न कहीं खुद को मेरी रचनाओं में खोज पाएँ क्

10 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
6 अध्याय
31 मई 2022
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42
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"निर्मल काव्य चेतना-अमृतांजलि"

मैं निर्मल गुप्ता, एक नवीन लेखक अपने जीवन के अनुभवों को शब्द रुपी मोतियों में निखार कर कुछ सुन्दर कविता रुपी मालाओं का सृजन कर ,अपने प्रिय पाठकों के ह्रदय पर विराजमान करना चाहता हूं,जहां उनकी धड़कनें बसती है । ताकि वे एक नयी चेतना को प्राप्त कर मानवी

9 पाठक
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76 अध्याय
1 अक्टूबर 2022
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स्त्री विमर्श

इक्कीसवीं सदी में भी कुछ नारियों के लिए कुछ भी नहीं बदला। बेशक कुछ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन आया है, पर आज भी कुछ मर्दों के दिमाग में पितृसत्तात्मक वाली सोच पल रही है, जिसका खामियाजा कुछ स्त्रियाँ भुगत रही है। मेरी यह किताब उन्हीं महिलाओं को समर्प

23 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
33 अध्याय
2 सितम्बर 2023
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प्रसिद्ध कविताएँ

श्रीधर पाठक (११ जनवरी १८५८ - १३ सितंबर १९२८) प्राकृतिक सौंदर्य, स्वदेश प्रेम तथा समाजसुधार की भावनाओ के हिन्दी कवि थे। वे प्रकृतिप्रेमी, सरल, उदार, नम्र, सहृदय, स्वच्छंद तथा विनोदी थे। वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापत

3 पाठक
25 अध्याय
28 अगस्त 2022
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चिन्ता

अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्

5 पाठक
161 अध्याय
28 जुलाई 2022
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अधूरा -अधूरी

यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखी गयी कविता, गज़लों एवं शेरों का सग्रह है!

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मन की गठरी

मन की गठरी- ---------------- 'मन की गठरी'मेरी काव्य संग्रह की तीसरी कड़ी है।इस संग्रह में मन के कोने में पड़े विचारों को शब्दबद्ध कर उन्हें तर्कपूर्ण तथा संवेदनशील करके परोसने का प्रयास किया गया है।मन में विचार पैदा होते रहते हैं उनविचारों को लोगों क

4 पाठक
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50 अध्याय
28 अक्टूबर 2022
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नीलाम्बरा

कवियत्री श्रीमती महादेवी वर्मा के काव्य में एक मार्मिक संवेदना है। सरल-सुथरे प्रतीकों के माध्यम से अपने भावों को जिस ढंग से महादेवीजी अभिव्यक्त करती हैं, वह अन्यत्र दुर्लभ है। वास्तव में उनका समूचा काव्य एक चिरन्तन और असीम प्रिय के प्रति निवेदित है ज

7 पाठक
5 अध्याय
24 जुलाई 2022
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किताबों की जादूई दुनिया। कवितासंग्रह

किताब कैसे एक अल्लाउदीन का चिराग है जिससे जो भी चाहो हमें बिना मांगे ही मिल जाता है, बडी रंगीन होती है ये किताबों की दुनिया, जो नाम पहचान ही नहीं दिल में जगह भी दिलाती है!

15 पाठक
64 अध्याय
29 जून 2022
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मधुरिमा

यह पुस्तक इस आशा और विश्वास के साथ लिखी गयी है कि काव्य संग्रह में निहित समस्त कविताएं हृदय की उन गहराइयों को स्पर्श करेगी जो मानव जीवन में मानवता का एहसास कराती है और लौकिक जीवन को पारलौकिक जीवन से जोड़ती है| यह सच है कि आज बदलते परिवेश में कविता क

6 पाठक
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35 अध्याय
21 मार्च 2022
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युगांत

"'युगांत' में 'पल्लव' की कोमलकांत कला का अभाव है। इसमें मैंने जिस नवीन क्षेत्र को अपनाने की चेष्टा की है, मुझे विश्वास है, भविष्य में उस मैं अधिक परिपूर्ण रूप में ग्रहण एवं प्रदान कर सकूँगा।" सुमित्रनंदन पंत छायावादी युग के प्रमुख 4 स्तंभकारों में स

8 पाठक
40 अध्याय
29 अप्रैल 2022
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कला और बूढ़ा चाँद

कला और बूढ़ा चाँद छायावादी युग के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का प्रसिद्ध कविता संग्रह है। पंत जी की कविताओं में प्रकृति और कला के सौंदर्य को प्रमुखता से जगह मिली है। इस कृति के लिए पंत जी को वर्ष 1960 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' द्वारा सम्मानित

1 पाठक
71 अध्याय
1 अगस्त 2022
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हर कुछ हीं नया नया..

नई सोच क़ी समझ, कर्तव्य..आदि इस रचना में पाये..और डूब जाये...खूबसूरत ख्यालों में।

0 पाठक
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11 अध्याय
10 जनवरी 2022
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Silent love ❤

जरुरी नहीं कि हर बात जाहिर करने के लिए लफ्जों की ही जरुरत हो, खामोशियां भी बहुत शोर करती हैं जनाब! खामोश मोहब्बत के एहसासों को अपने लफ्जों और नज्मों में समेटे हुए है यह किताब!! " ❤silent love❤" मोहब्बत शब्दों में बयाँ नहीं की

44 पाठक
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16 अध्याय
14 फरवरी 2022
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मन की कोठर से...

मन के अन्दर तरह तरह के उद्गार उठते रहते हैं जो कि मनुष्य के मन की स्वभाविक प्रक्रिया है।इन्हीं उद्गारों के शब्दों को संवेदनाओं के साथ सजाकर उन्हें काव्य के रुप में सहेज का प्रयास है'मन की कोठर से....'।इसके पहले इसी तरह की कोशिश 'शब्द कलश'(योर कोट्स स

15 पाठक
2 लोगों ने खरीदा
50 अध्याय
10 अक्टूबर 2022
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हाल ए दिल

एक प्यार ऐसा ना मिला साथी मुझे मेरा जैसा हाल ए दिल जिंदगी और इश्क दर्द है बस शामिल

42 पाठक
2 लोगों ने खरीदा
30 अध्याय
7 फरवरी 2022
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धरोहर

मनुष्य सृजन शील प्राणी है और हमेशा कुछ नया आयाम बनाने में लगा रहता है। सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज,रहन सहन, धर्म कर्म पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित करता है उसे हम उस परिवार, समाज की धरोहर कहते हैं उसी प्रकार मेरे मन में शब्द उमड़ घुमड़ कर कविता

5 पाठक
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35 अध्याय
11 मई 2022
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मन के एहसास

मन की अहसास मिलेजुले जज्बात ग़म और खुशी का सफ़र जीवन पर होता है क्या असर

87 पाठक
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25 अध्याय
8 फरवरी 2022
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नए पत्ते

राजे ने अपनी रखवाली की-सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला बड़ी-बड़ी फ़ौजें रखीं । चापलूस कितने सामन्त आए । मतलब की लकड़ी पकड़े हुए । पोथियों में जनता को बाँधे हुए

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