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काव्य / कविता संग्रह की किताबें

मेरी अधूरी ख्वाहिश..

अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...

4 पाठक
13 अध्याय
19 फरवरी 2022
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हे महादेव..

कुछ ज्यादा नहीं जानती तेरी भक्ति के बारे में बस तेरे दर पर पहुंच कर मेरा सफर खत्म हो जाता हैं।🖤

4 पाठक
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14 अध्याय
26 सितम्बर 2024
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27
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प्रेम

मैं प्रेम में हूँ या मुझमें ही प्रेम है क्या तुम बता सकते हो किसमे प्रेम है चारो तरफ प्रेम मय जगत के मैं तन्मयता से तन्मय हूँ हाँ प्रेम मेरे भीतर ही बहता है इतर उतर पता नही किधर मगर कुछ तो है मेरे भीतर पिघलता है जमता है फिर बह जाता ममत्वय से कुछ पान

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जिंदगी के बोल।

इस किताब में केवल एक ही रचना है। उम्मीद करता हूँ सबको पसंद आएगी।

1 पाठक
1 अध्याय
8 फरवरी 2022
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"अंशिमा-काव्यकुंज"

मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता",अपने ह्रदय की भावनाओं को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,अनूठी मालाओं का सृजन कर पाठकों को भेंट करना चाहता हूं । यह पुस्तक एक काब्य- संग्रह है , जिसमें जीवन के गहन अनुभवों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर पाठकों के समक्

13 पाठक
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65 अध्याय
1 अक्टूबर 2022
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जीवन एक कविता

जीवन एक मधुर संगीत की तरह है। जिसमें कभी खुशी है तो कभी गम गम और खुशी के मेल से जो बनता है वो ही है जीवन नैतिक मूल्य को बताती यह पुस्तक आपको एक खुशी देगी आशीष जैन

8 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
29 अध्याय
24 अप्रैल 2022
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26
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मन मंथन

इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखीं हैं। कुछ प्रेरक प्रसंग है। कुछ शिक्षाप्रद कविताएँ हैं। * * * * काव्य के अंकुर को, शब्दों से सींचना है। कलम की धार से, किस्मत की लकीर खींचना है। होना है कामयाब, लेखन के

123 पाठक
2 लोगों ने खरीदा
50 अध्याय
7 दिसम्बर 2022
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कविता - संग्रह( 🌺आजादी महोत्सव🌺)

🌺 भारतीय युवक🌺 ऐसा कुछ कर दिखाओ वीरों भारतीय युवक तुम कहलाओ। जननी - अपनी जन्मभूमि है इसका कर्ज अदा करते जाओ। जीवन क्षण मात्र है, इस गप्पे-सप्पो मैं ने अब तुम बिताओ। आओ युवकों को मिलजुलकर देश को नया तुम बनाओ। जाति धर्म

0 पाठक
0 अध्याय
6 अगस्त 2022
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नारी जीवन दर्पण

नारी जीवन दर्पण सूना क्यों नारी मन शदियों से रीत रिवाज़ के दायरों में जीवन जीती है नारी वक्त बदला सोच बदली नारी जीवन अब भी कायदे है जारी अब भी कहीं बाल विवाह से बचपन मुरझाता कहीं अबला समझ अपना ज़ोर आजमाता कोई विधवा जीवन जीने को मजबूर कोई घरेलू हिंस

77 पाठक
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46 अध्याय
26 अगस्त 2022
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"निर्मल काब्य अर्चित- पुष्पांजलि"

मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता" अपनी दो पुस्तकों के प्रकाशन, "निर्मल काब्य मधु-रस" व "निर्मल काब्य चेतना-अमृतांजलि" के पश्चात एक नवीन रचना"निर्मल काब्य अर्चित-पुष्पांजलि" का शुभारंभ मां शारदे के चरणों में, अपने शब्द रुपी पुष्पों की, पुष्पांजलि मां शार

14 पाठक
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76 अध्याय
1 अक्टूबर 2022
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 जिंदगी के रंग

इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।

9 पाठक
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35 अध्याय
1 मई 2022
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राना का नज़राना (ग़ज़ल संग्रह)

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' की प्रेम से सराबोर समकालीन 62 हिन्दी ग़ज़लें एक बार जरूर पढ़े । झलकियां- पुस्तक से कुछ शेर - यूं ही देखते रहो प्यार हो जायेगा। नज़रों ही नज़रों में खेल हो जायेगा।। *** जब हंसी होंठो पे आई होगी। अदा वो दिल में समाई होगी।।

7 पाठक
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2 अध्याय
6 अक्टूबर 2022
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काव्यांशी जीवन के रंग

ये जीवन कितना अजीब होता है हर किसी के नसीब अलग अलग रंग में खिलता है जीवन की परतों में तलाशते है जिस रंग को एक वही रंग नहीं मिलता कभी कभी कोई नया रंग मिल जाता है किसी के जीवन को रंगीन तो किसी के जीवन का दाग़ बन जाता किसी को खूबसूरत लम्हों की दे जाता स

253 पाठक
3 लोगों ने खरीदा
60 अध्याय
21 मई 2022
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काव्य भारती

जज़्बात को कागज पर उकेरा है। अंधेरी रात के बाद आया नया सवेरा है।। काव्य भारती कविताओं का संग्रह है, जिनमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। कई मुद्दे जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना

197 पाठक
5 लोगों ने खरीदा
51 अध्याय
9 जुलाई 2022
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"निर्मल काव्य मधु-रस"

मैं जीवन के वास्तविक अनुभवों को, कलम रुपी लेखिनी के द्वारा शब्दों के मोतियों को अनुभव रुपी धागे में पिरोकर एक निर्मल माल्यार्पण पाठकों को करना चाहता हूं । सर्वप्रथम पाठकों को सम्मान प्रदान करते हुए , मैं उन्हें जीवन की वास्तविकताओं व गूढ़ रहस्यों से

30 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
114 अध्याय
16 जून 2022
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सच के राही

यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखित कविताओं का एक संग्रह है । इसकी हर एक कविता किसी न किसी सामाजिक सच्चाई से रुबरु कराती है इसीलिए इस पुस्तक का नाम है " सच के राही " मैंने अपनी कलम से कडवे सच को लिखने का साहस किया है और इसमें आप सबके यथासम्भव सहयोग की उम्मीद

79 पाठक
5 लोगों ने खरीदा
36 अध्याय
4 फरवरी 2022
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मनुसाई (काव्य संग्रह)

"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरि

4 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
46 अध्याय
23 जून 2022
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Rishta ko bachane ka kala

🌼🌸🌺💐🍄🍄🍁🍂🎋🌷🌹🍁🍂🍃🎋🌾💐 एक किताब की तरह हूँ मैं कितनी भी पुरानी हो जाए. पर उस के अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे कभी याद आये तो पन्ने पलट कर देखना हम आज जैसे है कल भी वैसे ही मिलेंगे....

3 पाठक
1 अध्याय
15 सितम्बर 2022
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दैनिक कविता

इस किताब के माध्यम से दैनिक जीवन में होने वाली दिन-प्रतिदिन की घटनाओं और मानव के संस्कारों एवं समाज में होने वाले परिवर्तन को एक कविता के माध्यम से उकेरा जायेगा। जिसमें सभी प्रकार की कविताएं संग्रहित रहेगी।

8 पाठक
27 अध्याय
2 अक्टूबर 2022
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काव्या की काव्यांजली

प्रेम से है जीवन प्रेम से है प्यारा हर बंधन प्रेम बिन सुना लगे जहां जुदाई के दर्द से प्रेम का गुलशन वीरान शब्दों के सांचे ढालने एक छोटा सा प्रयास प्यार के खट्टे मीठे कुछ अहसास कुछ सुने कुछ अनसुने से जज्बात प्रेम के निराले रूप मेरे प्रेम का र

100 पाठक
10 लोगों ने खरीदा
60 अध्याय
4 मार्च 2022
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