प्रिय पाठकों वीर अभिमन्यु वध एक चम्पू काव्य है। जिसमें गद्य और पद्य दोनों तरह से लिखा गया है। आप इसे एक बार जरूर पढें। और अपनी टिप्पणी जरूर करें। जिससे हमें यह पता चल सके। आप ने मेरी किताब वीर अभिमन्यु वध को कितना पसंद किया। धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सुरीली एक काव्य संग्रह है,इसमें कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत किया गया है...
कठनाई रास्ते का कांटा नहीं,अपितु अवसर होता है,कुछ कर दिखाने का
अधूरे सपने, अधूरा ख्वाब और ना मुक्कमल हुई जिंदगी को एहसासों के जरिये कोरे काग़ज़ों पर उतारने की अधूरी कोशिश की है..... टूटे सपनों में कितनी खनक होती है आप मेरी इस किताब को पढ़ के शायद महसूस कर पायेंगे...
मैं प्रेम में हूँ या मुझमें ही प्रेम है क्या तुम बता सकते हो किसमे प्रेम है चारो तरफ प्रेम मय जगत के मैं तन्मयता से तन्मय हूँ हाँ प्रेम मेरे भीतर ही बहता है इतर उतर पता नही किधर मगर कुछ तो है मेरे भीतर पिघलता है जमता है फिर बह जाता ममत्वय से कुछ पान
इस किताब में केवल एक ही रचना है। उम्मीद करता हूँ सबको पसंद आएगी।
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता",अपने ह्रदय की भावनाओं को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,अनूठी मालाओं का सृजन कर पाठकों को भेंट करना चाहता हूं । यह पुस्तक एक काब्य- संग्रह है , जिसमें जीवन के गहन अनुभवों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर पाठकों के समक्
जीवन एक मधुर संगीत की तरह है। जिसमें कभी खुशी है तो कभी गम गम और खुशी के मेल से जो बनता है वो ही है जीवन नैतिक मूल्य को बताती यह पुस्तक आपको एक खुशी देगी आशीष जैन
इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखीं हैं। कुछ प्रेरक प्रसंग है। कुछ शिक्षाप्रद कविताएँ हैं। * * * * काव्य के अंकुर को, शब्दों से सींचना है। कलम की धार से, किस्मत की लकीर खींचना है। होना है कामयाब, लेखन के
🌺 भारतीय युवक🌺 ऐसा कुछ कर दिखाओ वीरों भारतीय युवक तुम कहलाओ। जननी - अपनी जन्मभूमि है इसका कर्ज अदा करते जाओ। जीवन क्षण मात्र है, इस गप्पे-सप्पो मैं ने अब तुम बिताओ। आओ युवकों को मिलजुलकर देश को नया तुम बनाओ। जाति धर्म
नारी जीवन दर्पण सूना क्यों नारी मन शदियों से रीत रिवाज़ के दायरों में जीवन जीती है नारी वक्त बदला सोच बदली नारी जीवन अब भी कायदे है जारी अब भी कहीं बाल विवाह से बचपन मुरझाता कहीं अबला समझ अपना ज़ोर आजमाता कोई विधवा जीवन जीने को मजबूर कोई घरेलू हिंस
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता" अपनी दो पुस्तकों के प्रकाशन, "निर्मल काब्य मधु-रस" व "निर्मल काब्य चेतना-अमृतांजलि" के पश्चात एक नवीन रचना"निर्मल काब्य अर्चित-पुष्पांजलि" का शुभारंभ मां शारदे के चरणों में, अपने शब्द रुपी पुष्पों की, पुष्पांजलि मां शार
इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' की प्रेम से सराबोर समकालीन 62 हिन्दी ग़ज़लें एक बार जरूर पढ़े । झलकियां- पुस्तक से कुछ शेर - यूं ही देखते रहो प्यार हो जायेगा। नज़रों ही नज़रों में खेल हो जायेगा।। *** जब हंसी होंठो पे आई होगी। अदा वो दिल में समाई होगी।।
ये जीवन कितना अजीब होता है हर किसी के नसीब अलग अलग रंग में खिलता है जीवन की परतों में तलाशते है जिस रंग को एक वही रंग नहीं मिलता कभी कभी कोई नया रंग मिल जाता है किसी के जीवन को रंगीन तो किसी के जीवन का दाग़ बन जाता किसी को खूबसूरत लम्हों की दे जाता स
जज़्बात को कागज पर उकेरा है। अंधेरी रात के बाद आया नया सवेरा है।। काव्य भारती कविताओं का संग्रह है, जिनमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। कई मुद्दे जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना
मैं जीवन के वास्तविक अनुभवों को, कलम रुपी लेखिनी के द्वारा शब्दों के मोतियों को अनुभव रुपी धागे में पिरोकर एक निर्मल माल्यार्पण पाठकों को करना चाहता हूं । सर्वप्रथम पाठकों को सम्मान प्रदान करते हुए , मैं उन्हें जीवन की वास्तविकताओं व गूढ़ रहस्यों से
यह पुस्तक मेरे द्वारा लिखित कविताओं का एक संग्रह है । इसकी हर एक कविता किसी न किसी सामाजिक सच्चाई से रुबरु कराती है इसीलिए इस पुस्तक का नाम है " सच के राही " मैंने अपनी कलम से कडवे सच को लिखने का साहस किया है और इसमें आप सबके यथासम्भव सहयोग की उम्मीद
"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरि
🌼🌸🌺💐🍄🍄🍁🍂🎋🌷🌹🍁🍂🍃🎋🌾💐 एक किताब की तरह हूँ मैं कितनी भी पुरानी हो जाए. पर उस के अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे कभी याद आये तो पन्ने पलट कर देखना हम आज जैसे है कल भी वैसे ही मिलेंगे....