नमक सिर्फ खाने को स्वादिष्ट ही नहीं बनाता बल्कि नमक में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने की भी अद्भुत शक्ति होती है। वास्तु शास्त्र की मानें तो नमक में बुरी शक्तियों को दूर करने की बहुत शक्ति होती है। विस्तार से पढें
माँजिस्म से रूह तक ,एक-एक रुआँ होती है,वो तो माँ है सारी, दुनियाँ से जुदा होती है, उसकी प्यारी सी, थपक आँख सुला देतीहै,माँ तो पलकों से, भर- भर के दुआ देती है ये जो दौलत है, बेखोफ़ जिगर, शौहरत, हैमाँ के आँचल की, हल्की सी हवा होतीहै I चाहे दुनियाँ ही, रुके, सांस भले थम जाये,माँ की मम
पीड़ा में गुजरा वर्ष 2020 , विश्व के लिए 2021 अति शुभ हो डॉ शोभा भारद्वाजभारत में ग्यारह बजे थे सिंगापुर टाईम डेढ़ बजे मोबाईलकी घंटी बजी , देखा मेरी बेटी, अमेरिका की बेस्ट यूनिवर्सिटी में पढ़ी सिंगापूर में उच्च पदाधकारी ,मोटे –मोटे आंसू बहाती हुई सुबक रही थी . उसने सिंगापुर टाईम्स , गार्जियन, न्यूयार्क
अन्न दाता,पेशा – खेती ,अन्न उगाताडॉ शोभा भारद्वाज एक हिस्से में महिलाएं लाल झंडा लेकर बैठी थी किसान आन्दोलन मेंमाओवादियों का प्रदर्शन क्यों ? एकमहिला स्टेज पर रूदाली बनी मातम जिसे पंजाब में स्यापा कहते हैं करती हुई बैन भररही थी ‘ह्य - ह्य मोदी मर जा तू’ मौलिक अधिकार में अभिव्यक्ति कीस्वतन्त्रता के अ
किसान आंदोलन के 22 दिन हो गये है। लेकिन अभी तक दोनों पक्षों के अंतिम निष्कर्ष व निर्णय पर पंहुच न सकने के कारण स्थिति रबड़ के समान खिंच कर वापिस न आने के कारण पूर्वतः दो विपरीत छोरों पर (दिल्ली सीमा के दोनों पार) रुकी हुई है। लेकिन इसका यह मतलब कदापि नहीं है कि इन 21 दिनों में कुछ भी सकारात्मक व नका
16 दिसम्बर 1971भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिवस डॉ शोभा भारद्वाज गवर्नर जर्नल माउंटबेटन ने अखंड भारत के विभाजन पर टिप्पणी करते हुए कहा था (भारत, एवं पाकिस्तान,पाकिस्तान के दो हिस्से थे पश्चिमी पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान उनके बीच लगभग1600 किलोमीटर की दूरी थी) ‘24 वर्ष बाद पूर्वी पाकिस्त
पेड़ ही है, जो अपने ऊपर फल आने के इंतजार में आँधी, बारिश, तूफान सभी को झेलते है। उन्हें यह नही मालूम था कि, फल कोई और तोड़ ले जाएगा। सब कुछ लूट जाने के बाद पत्ते भी साथ छोड़ देते है। वह तो शाख है, जो साथ नही छोड़ती बस कोई कटे और तोड़े न। जमी के अंदर तो जड़े भी महफ़ूज रहती है। पेड़ किसी से कहते नही, बचपन के
जब-जब भी मैं तेरे पास आयातू अक्सर मिली मुझे छत के एक कोने मेंचटाई या फिर कुर्सी में बैठीबडे़ आराम से हुक्का गुड़गुड़ाते हुएतेरे हुक्के की गुड़गुड़ाहट सुन मैं दबे पांव सीढ़ियां चढ़कर तुझे चौंकाने तेरे पास पहुंचना चाहताउससे पहले ही तू उल्टा मुझे छक्का देती मेरे कहने पर
कनाडा केप्रधान मंत्री टूडो की वोट बैंक साधने की राजनीति डॉ शोभा भारद्वाज पंजाब केबाशिंदों में कनाडा जाने की इच्छा प्रबल रहती है .वहाँ की कुल जनसंख्या मेंभारतीयों की संख्या 16 लाख से भी अधिक है .इन प्रवासियों की संख्या में सिखों कीसंख्या सबसे ज्यादा है . कनाडा में सिख समुदाय बेहद मज़बूत हैं वह उ
अभी हाल में ही मैंने बिहार विधानसभा के आम चुनाव और मध्य प्रदेश के उपचुनावों के संबंध में यह लिखा था कि ‘‘अंकगणित की जीत‘‘ के साथ ही उससे उत्पन्न ‘‘परसेप्शन‘‘ को जीतने पर ही ‘‘जीत पूर्ण‘‘ कहलाती है। किसान आंदोलन को देखते हुए परसेप्शन का उक्त सिद्धांत संसद एवं सरकार द्वारा लागू अधिनियम एवं लि
वरिष्ठो के आक्रोश ने पार्टी में सोच पैदा कीएक साल से ददक रही चिंगारी अब आग का रूप लेने लगीक्या आपस में लडकर पार्टी दो फाड होगी?क्या देश से कांग्रेस का अस्तित्व मिटाने का सपना साकार होने वाला है? “सोनिया जी, पार्टी को महज इतिहास का हिस्सा बनकर रह जाने से बचा लें: परिव
एक दिया वीर सैनिकों के नाम डॉ शोभा भारद्वाजदीपावली से एक दिन पहले बार्डर पर आतंकियों को भारत की सरहद के अंदर भेजने उनके द्वारा कश्मीर की धरती को रक्त रंजित करने के लिए निरंतर गोले एवं मोर्टार दागे गये हमारे इस गोलाबारी में भारतीय सेना के चार जवान और बीएसएफ के एक एसआई शहीद हो गए. सेना के कुल पांच जवा
आतंकवाद, निर्दोषों की हत्याडॉ शोभाभारद्वाज ईराक अफगानिस्तानएवं बर्बाद होते सीरिया से जान बचा कर भागते शरणार्थी योरप के दरवाजे पर शरण केलिए दस्तक दे रहे थे ईराक में सद्दाम रिजीम के पतन के बाद अस्थिरता , सीरिया में गृह युद्ध यहाँके बाशिंदों अपना सोने जैसा देश बर्बाद
पाकिस्तान की कश्मीर पर सदैव बुरी नजर रही है डॉ शोभा भारद्वाज 31 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया पाकिस्तान केविश्वास घात की कहानी लेख के लेखक राघवेन्द्र सिंह ने पाकिस्तान प्रायोजित सैन्यबल के साथ कश्मीर पर कब्जा करने की पाकिस्तानी चाल की विवेचना विस्तार से की हैंलेकिन तत्कालीन
विधाता छन्द1222 1222 1222 1222सुनो माता महागौरी, यही अरदास लाया हूँ।मिले दर्शन मुझे मैया, लिए इक आस आया हूँ।करूँ गुणगान मैं तेरा, चढ़ाऊँ पुष्प माला माँ।करो उद्धार अब मेरा, कृपा कर दृष्टि डालो माँ।तुम्हीं लक्ष्मी तुम्हीं दुर्गा, तुम्हीं तो मात! काली हो।दुखी जो द्वार पर आये, न जाए हाथ खाली वो।करे जो मा
प्रकृति को समझने में चूक संकट की सबसे बडी वजह !अगर कोई यह दावा करें कि उसने प्रकृति को समझ लिया है तो इसपर आसानी से विश्वास नहीं किया जा सकता: वर्तमान समय में इस सत्यता को समझना काफी है कि जब यह कहा जाता है कि आज बारिश होगी या खबू गर्मी पडेगी तो उसका निष्कर्ष भी अक्सर उन भविष्यवाणियों की तरह हो
शी जिंगपिंग ( चीन के राष्ट्रपति ) विश्व एक बाजार नहीं है डॉ शोभा भारद्वाज जरूरत है आने वाली जेनरेशन में चीनी सामान के विरोध की भावना जगनी चाहिए |.“चीन ने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा हमने विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी अपने चरखे और हथकरघे का मोटा कपड़ा गर्व से पहन
अपराधों के बाद लोकप्रिय नारा... सीबीआई जांच!सीबीआई की जांच पहले अत्यन्त जरूरी होने पर ही की जाती थी, इसके परिणाम भी अच्छे निकलते थे लेकिन अब सीबीआई जांच की मांग प्राय: मामलों में होने लगी लेकिन इससे पहले सरकारों द्वारा पीडित परिवारों को भारी मुआवजा देने का प्चलन भ
विधा-लावड़ी महंगाई की इस दुनिया में, दुःखित कृषक है बेचाराबदल गयी ये दुनियां देखो, बदला है जीवन सारा उठे अंधेरे प्रात सवेरे डोर हाँथ ले बैलों कीफसल उगाने की चाहत मेंचाल लगा दी खेतों कीन धूप से वो विचलित होतेन छांव की चाहत भरतेकरे परिश्रम कठिन हमेशासदा सभी ऋतुएँ सहतेकठिन परस्थिति में किसान तो, कर लेता