इंटरनेशनल मीडिया
भारत की छवि खराब करता रहता हैं
डॉ शोभा भारद्वाज
मेरी बेटी, अमेरिका की बेस्ट यूनिवर्सिटी में
पढ़ी सिंगापूर में उच्च पदाधकारी ,मोटे –मोटे आंसू बहाती हुई सुबक रही थी . उसने सिंगापुर टाईम्स , गार्जियन, न्यूयार्क
टाइम्स ,वाशिंगटन पोस्ट पढ़ी ,बीबीसी में
खबरे देखीं घबरा गयी हमसे प्रार्थना कर रही थी सिंगापुर में बेहतरीन मेडिकल सुविधायें हैं ‘भारतीय
मीडिया मोदी सरकार से डरता है सब झूठी खबरे आप लोगों को दी जा रही हैं . यहाँ फ्रंट
पेज पर इंडिया की खबरें हेड लाइन पर हैं .इंडिया की 130 करोड़ जनसंख्या
, न मास्क ,न शील्ड न अच्छे अस्पताल , न जाँच के साधन हैं वेंटिलेटर की कमी है और
न दवाईयाँ. ‘मैं
समझ गयी इंटरनेशनल मीडिया भारत पर टिप्पणियाँ कर देश की छवि खराब कर रहा है. कैसा बाजारवाद ?’ विकसित देशों से भी हम अधिक
समर्थ हैं .23 सितम्बर
बेटी का फोन आया मम्मा विदेशी मीडिया हैरान हैं भारत में बेहतरीन इलाज,भर्ती की
सुविधा कर्मठ डाक्टर और दवाईयां भारत विकसित देशों को भेज रहा है म्रत्यू दर कम है
लोगों में गजब की इम्यूनिटी है शुक्र है उसके अनुसार उसके माता पिता बच गये .
भारत
ने कोरोना पर दस महीने में नियन्त्रण कर कोविड के खिलाफ जंग लड़ते हुए दो वैक्सीन
भी बना लिए उन्हें हम पड़ोसी देशों को भी दे रहे हैं .
भारत
के प्रधान मंत्री मोदी जी पहली बार इंग्लैंड जा रहे थे भारत के विशाल बाजार पर
विकसित देशों की नजर है पूंजी पति भारत में निवेश के इच्छुक रहते हैं . इंग्लैंड
में मोदी जी के स्वागत की तैयारी हो रही थी भारतवंशी प्रसिद्ध मूर्तिकार ने उनके
विरुद्ध गार्जियन अखबार में जहरीला लेख लिखा हैरानी हुई. जब प्रवासी निकाले जाते
हैं अपना देश उनकी आश्रयस्थली होता है .
मेरी लन्दन
बसी भतीजा ने मेरे लेख पर प्रतिक्रिया देते लिखा वह इस बात से सहमत नहीं है देश का
तिरंगा उतारा गया था भारतीय मीडिया में फेक न्यूज है जबकि 26 जनवरी के दिन लाल
किले पर अराजक तत्व चढ़े जहरीले भाषण दिए देश के प्रधान मंत्री जहाँ तिरंगा फहराते
हैं वहाँ निशान साहब फहराया था .लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है न कि
धार्मिक झंडा भारत एक सेक्यूलर देश हैं .उसके अनुसार अमेरिका और यूके में वहाँ के
नेशनल फ्लैग के साथ- साथ निशान साहब फहराया जाता है कैसे समझा सकती हूँ गुरूद्वारे
या सिख सम्मेलनों में प्रवासी उस देश के झंडे के सम्मान में अपने धार्मिक झंडे के
साथ देश का झंडा लगा देते हैं कभी देखा न सुना अमेरिका , यूके के नेशनल डे के दिन
उनके देश के झंडे के साथ निशान साहब को स्थान दिया गया होगा देश का झंडा उस देश की
शान होता है . अमेरिका एवं यूके में
विभिन्न धर्मावलम्बी निवास करते हैं . सबके झंडे महत्व रखते हैं.
26
जनवरी के दिन लाल किले पर जो हुआ उससे दुखी होकर कुछ किसान नेता आन्दोलन से पीछे
हट गये कुछ पश्चाताप में एक दिन अनशन पर बैठे .विदेशी मीडिया अथवा भारत के एक दो मीडिया हाउस
जो दिखाते हैं वहाँ बसे प्रवासी उसी को सच समझते हैं. तर्क दिया भगतसिंह ने भी
नेशनल असेम्बली पर बम फेका था तब गुलामी की जंजीरों में जकड़ा भारत था देश में
स्वाधीनता का संघर्ष चल रहा था . लाल किले पर तोड़ फोड़ के पक्ष में तर्क देना निंदनीय
है .एक पाठिका ने मुझे चैलेंज कर दिया मैं पुरानी भाजपाई हूँ एक बार एनडीटीवी को
देख लो तुम्हारे विचार बदल जायेंगे .मेरे देश में अनेक मीडिया हाउस है . कुछ ने
आन्दोलन करना किसानों का अधिकार बताया लेकिन आम नागरिकों के अधिकारों का क्या होगा
जिनके आन्दोलन के नाम पर रास्ते रोके जाते हैं? सरदार स्वर्ण सिंह समिति ने 1976
में भारतीय संविधान के 42वें संशोधन द्वारा मौलिक कर्त्तव्यों को संविधान में जोड़ा
था .
पंजाब
में खालिस्तान मूवमेंट लगभग समाप्त हो चुका है लेकिन कनाडा में सिख समुदाय का एक
गुट खुद को खालिस्तान समर्थक कहता है. वह बैसाखी के समारोह में खालिस्तान के
समर्थन में नारे लगा कर पृथकतावादी सोच को हवा देते हैं .बैसाखी पर्व के आयोजनों
में वहाँ के स्थानीय सासंद , राजनीतिक
दलों के नेता भी हिस्सा लेते हैं वह खलिस्तान की पृथकतावादी सोच को जानते हुए भी
महत्व नहीं देते. वोट बैंक की राजनीति .पाकिस्तान में गैर मुस्लिम जिनमें
सिख भी है उन पर जुल्म
होता है उनकी बच्चियों को उठाकर ले जाते हैं बूढ़े अधेड़ों से निकाह पढ़वा देना
बेटियों का धर्म बदलना सबाब माना जाता है मन्दिरों गुरुद्वारों को तोड़ा गया उसका दर्द
इन खालिस्तानियों को नहीं होता .
26 जनवरी के दिन परेड के साथ ही दिल्ली में
तांडव मचा पुलिस को पीटा बैरिकेट तोड़ कर लाल किले तक उपद्रवी पहुंच गये, कुछ उपद्रवी ट्रैक्टरों को घुमाते हुए पुलिस बल को
मारने की कोशिश कर रहे थे. प्रजातंत्र की रक्षा की कितनी बड़ी कीमत हम देते हैं .
पुलिस ने अद्भुत संयम बरता 300 से अधिक पुलिस वालों को जख्मी किया महिला पुलिस
कर्मियों को भी नहीं बक्शा लाल किले पर तोड़फोड़ सब आन्दोलन के नाम पर एक निहंग
लालकिले पर ऐसे पटेबाजी कर रहा था जैसे लाल किला जीत लिया .अब इतिहास के पन्नों
में काले अक्षरों में दर्ज हो गया .अमेरिका की संसद पर जब ट्रम्प समर्थक चरम
पंथियों की भीड़ ने हमला किया वहाँ के सुरक्षा बलों ने गोली चलाई थी . हमारे यहाँ
अद्भुत संयम देखिये .
पैसे
के बल पर भारत के विरुद्ध मार्किटिंग हो रही है हमारे देश को बदनाम करने की कोशिश
की जा रही है . विश्व के अनेक देश भारत में निवेश करना चाहते हैं देश में रोजगार
के अवसर बढ़ेंगे लेकिन अराजक तत्व ?रेहाना पौप सिंगर ने ट्विटर पर खलिस्तान समर्थक प्रवासी
भारतियों द्वारा भारत के विरुद्ध लिखे लेख का समर्थन उसने किस हक से किया .मिया
खलीफा पोर्न कलाकार हमारे मानवाधिकार पर प्रश्न उठाती है .स्वीडन वासी ग्रेटा थुमवर्ग
पर्यावरण की समर्थक ने भारत पर प्रश्न उठाये साथ ही किसानों को किस दिन कैसे विरोध
करना है इसे भी ट्विटर पर डाल दिया यही भाषा राहुल गांधी की थी .उसे यह भी नहीं
पता पंजाब एवं हरियाणा के किसान जब पराली जलाते है आसपास के शहरों में दिन में शाम
का अहसास होता है दम घुटता है .कभी यह मानवाधिकार वादी चीन , ईरान एवं तानाशाहों
के विरुद्ध जरा सवाल उठाये सबक कुछ दिन में मिल जाएगा . यह मुल्क इनको अपने देश
में घुसने भी नहीं देते .