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खाने का बुलावा

17 जून 2024

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प्रेम की मां बाहर आकर देखती हैं कि प्रेम के साथ कोई आया है। प्रेम की मां प्रेम से पूछती हैं: "ये तुम्हारे सागर सर हैं क्या?" प्रेम: "हाँ, वही हैं।" 

सागर: "आंटी जी, नमस्ते और हाँ! आपको आपके जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई।"

प्रेम की मां: "अरे सागर जी, आप बाहर क्यों रुके हो? आप अंदर चलकर बैठो, पहले आराम से।"

सागर: "अरे आंटी, मुझे सिर्फ सागर बोलिए, मैं प्रेम की ही उम्र का हूँ और आपके बेटे जैसा हूँ।"

प्रेम: "हाँ माँ, ये बस दिखते खडूस हैं लेकिन हैं नहीं।"

प्रेम की मां: "शैतान! ऐसे बोलते हैं क्या अपने बॉस को कोई? सागर, तुम इसकी बात का बुरा मत मानना।"

सागर: "अरे नहीं आंटी जी, इसकी बात सुनता ही कौन है।"

फिर प्रेम की मां सागर और प्रेम को अंदर ले आती हैं। अंदर आकर प्रेम देखता है कि उसका सारा परिवार मिल जुलकर एक साथ रहता है। फिर प्रेम एक-एक करके सबकी मुलाकात सागर से करवाने लगता है।

प्रेम: "सागर सर, ये मेरे चाचा जी हैं और जो अभी किचन से चाय ला रही हैं वो मेरी चाची जी हैं और दादा जी तो अभी बाहर बैठे थे, उनको तुमने बाहर देखा था।"

सागर: "अच्छा, और तुम्हारे पापा?"

प्रेम: "माँ, पापा क्या आज भी देर से आएंगे?"

प्रेम की मां रसोई से बोलती हैं: "वो तो कब के घर आ गए थे लेकिन फिर किसी जरूरी काम से बाहर चले गए। बोलकर तो यही गए थे कि थोड़ी देर में आ जाऊंगा।"

प्रेम: "अच्छा, ठीक है।"

तभी एक पांच साल का बच्चा प्रेम के पास आता है और कहता है: "भैया, आज ताई जी ने खीर बनाई थी और मैंने पेट भर के खाई।"

प्रेम: "अच्छा, तुमने मेरे लिए खीर बचाई क्या?"

बच्चा: "नहीं बचाई भैया, क्योंकि मैं भूल गया था।"

प्रेम मजाकिया ढंग में सागर की तरफ देखते हुए: "कोई बात नहीं टोजो, ताई जी के हाथ की खीर होती ही ऐसी है कि कोई किसी के लिए नहीं बचाता।"

सागर टटोलते हुए ढंग में: "ये तुमने मेरे लिए बोला है क्या?"

प्रेम मचलते स्वभाव दिखाकर बोला: "नहीं तो, लेकिन तुमको लगा है तो शायद बोला होगा मैंने।"

सागर: "अच्छा, टोजो इधर आओ।"

प्रेम: "टोजो किसी के पास नहीं जाता, मैं उससे सबसे ज्यादा प्यार करता हूँ इसलिए वो मेरे साथ ही रहता है।"

टोजो: "प्रेम भैया, ये भैया कौन है?"

प्रेम: "इनका नाम सागर है, ये मेरे बॉस हैं। मैं जहां जॉब करता हूँ ये वहीं रहते हैं।"

टोजो: "ये वहीं सागर हैं, जिसको तुम खडूस बोलते हो?"

सागर मजाक करने के ढंग में: "ये क्या है प्रेम, तुम घर सबके सामने मुझे खडूस बोलते हो?"

प्रेम: "नहीं, बस टोजो के सामने।"

सागर हँसते हुए बोला: "प्रेम, तुमको तो मैं बाद में बताऊंगा, इसका बदला लूंगा जरूर।"

प्रेम और सागर ऐसे ही बातें कर रहे थे लेकिन प्रेम बार-बार दरवाजे की तरफ देख रहा था और सागर इस बात को समझ गया था। उसे लगा शायद प्रेम किसी का इंतजार कर रहा है। तभी प्रेम के पापा घर आ जाते हैं और आकर प्रेम से बोलते हैं: "ये मैं ले तो आया हूँ लेकिन क्या तुम्हारी मां को ये पसंद आएगा?"

प्रेम: "अरे बिलकुल पापा, मां को उनके जन्मदिन पर इससे अच्छा गिफ्ट मिल ही नहीं सकता। अच्छा पापा, ये सागर सर हैं।"

सागर: "जी अंकल जी, नमस्ते।"

प्रेम के पापा: "आप तो प्रेम के बॉस हो न?"

सागर: "हाँ।"

प्रेम के पापा: "प्रेम आपकी बहुत तारीफ करता है घर पे।"

सागर मजाक में: "अंकल जी, मुझे सच पता है और मुझे कोई परेशानी नहीं है कि ये मुझे खडूस बोलता है।"

प्रेम के पापा: "मेरे बेटे को अभी इस बात की समझ नहीं है कि किसको क्या बोलना चाहिए, बस बिना सोचे समझे बोल देता है। लेकिन प्रेम दिल का बहुत साफ इंसान है।"

सागर: "वो तो है, इसलिए तो इतनी जल्दी मैं और प्रेम इतने अच्छे दोस्त बन गए हैं।"

प्रेम यह बात सुनकर हैरानी में पड़ जाता है।

प्रेम के पापा: "अच्छा तुम दोनों बात करो, मैं अभी आता हूँ।"

प्रेम के पापा के जाते ही प्रेम सागर से पूछता है: "हम और अच्छे दोस्त कब से?"

सागर: "क्यों, दोस्त नहीं हो मेरे? बताओ?"

प्रेम: "हाँ, हूँ।"

सागर: "तो क्या तुम अच्छे नहीं हो?"

प्रेम: "हाँ, हूँ।"

सागर: "तो हुए न हम अच्छे दोस्त।"

प्रेम: "लेकिन ये दोस्ती कुछ घंटों पहले ही हुई है।"

सागर: "कोई बात नहीं, लेकिन ये हमेशा तक चलेगी।"

प्रेम बाहर की तरफ देखते हुए: "हाँ, बिलकुल।"

सागर: "तुम बाहर क्या देख रहे हो? कोई और भी आने वाला है क्या?"

प्रेम: "हाँ।"

सागर: "कौन?"

प्रेम: "प्रिया आने वाली है, पता नहीं कहां रह गई।"

सागर प्रिया के बारे में कुछ पूछ पाता तब तक प्रेम की मां ने आवाज लगाई: "प्रेम, टोजो किचन में आ गया है, इसको अपने पास बैठा लो, थोड़ी देर चाची को खाना बनाने नहीं दे रहा।"

प्रेम: "अभी आया।"

प्रेम टोजो को अपने पास लाकर बैठा लेता है। तभी बाहर एक और कार रुकती है, उसमें से एक लड़की बाहर आती है जिसके पास दो सूटकेस होते हैं और वह लड़की दबे पांव घर के अंदर आने लगती है। प्रेम उसको देखकर खुश हो जाता है और उसको लेने भाग पड़ता है, पीछे-पीछे टोजो भी भागने लगता है। प्रेम उस लड़की को जाकर गले लगा लेता है और खुशी से दोनों सूटकेस जानबूझकर गिरा देता है। सागर को यह सब देखकर थोड़ा अजीब लग रहा था। उसे बस प्रिया के बारे में जानना था कि प्रिया प्रेम की क्या लगती है, इसलिए वह बाहर प्रेम के पास चला जाता है।

प्रेम सागर को देखकर कहता है: "सागर सर, ये प्रिया है, मैं इतनी देर से इसका ही इंतजार कर रहा था।"

सागर: "हेलो प्रिया।"

प्रिया: "हेलो सर।"

सागर: "अरे, मैं तुम्हारा सर नहीं हूँ, मुझे सागर ही बोल सकते हो।"

प्रिया: "जी।"

टोजो प्रिया के पास जाकर: "दीदी।"

प्रिया टोजो को गोद में उठा लेती है: "अरे मेरे प्यारे से बच्चे, तुम कैसे हो? मैंने तुमको बहुत मिस किया।"

टोजो: "मैंने भी।"

प्रेम: "प्रिया, अब जल्दी अंदर जाओ, मां और चाची दोनों किचन में हैं, दोनों को सरप्राईज दे दो।"

प्रिया: "हाँ।"

फिर प्रिया, प्रेम और सागर अंदर आते हैं और प्रेम जोर से आवाज लगाता है: "चाची, देखो टोजो क्या कर रहा है।"

इतना सुनकर प्रेम की चाची किचन से बाहर आती हैं, प्रिया को देखकर बहुत खुश हो जाती हैं और प्रिया के पास दौड़कर आती हैं और प्रिया को गले से लगा लेती हैं।

प्रेम की चाची: "कितने दिन बाद आई है। अपनी मां को तो बिलकुल भूल जाती है।"

सागर को यह सुनकर राहत मिलती है, उसको समझ आ जाता है कि प्रिया प्रेम के चाचा की लड़की है।

प्रिया: "मां, तुमको तो पता है हॉस्टल में क्या हाल होता है।"

प्रेम की चाची (प्रिया की मां): "तुझे देखकर तो लता दीदी खुश हो जाएंगी।"

प्रेम: "इसलिए तो प्रिया को बुलाया है, आज इससे अच्छा गिफ्ट और क्या होता मां के लिए।"

प्रिया की मां: "हाँ, दीदी की आधी जान तो प्रिया में बस्ती है, ऐसा लगता है कि प्रिया उनकी ही लड़की है।"

प्रिया: "वो तो मैं हूँ उनकी लड़की।"

सागर, प्रेम और उसके परिवार के बीच के प्यार को देखकर खुश था। प्रेम ने प्रिया को पापा से मिलने के लिए ऊपर वाले कमरे में भेज दिया और तब तक केक काटने की तैयारी करने लगा। सागर प्रेम को काम करता देख उसकी मदद करने लगा। इसी बीच सागर प्रेम से कहता है: "मुझे लगा था कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड आने वाली है।"

प्रेम: "नहीं, ऐसा नहीं और अगर ऐसा होता तो मैं तुमको बता देता। और वैसे भी मेरी आदत देखकर कोई गर्लफ्रेंड बनती भी नहीं।"
सागर: ये अजीब बात है, लेकिन क्या कोई तुम्हें पसंद नहीं आई अभी तक?

प्रेम: अभी तक तो नहीं। 

इसके बाद प्रेम अपनी मां को बुला लाता है और परिवार के सब लोग भी आ जाते हैं। प्रेम अपनी मां से कहता है: मां, केक काटने से पहले देखो, आपसे मिलने कौन आया है।

प्रेम की मां: कौन आया है?

प्रिया ऊपर की सीढ़ियों पर खड़ी रहकर: आपकी प्रिया आ गई है।

प्रेम की मां ने प्रिया को जैसे ही देखा, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रिया नीचे उतरकर अपनी ताई से गले मिलती है।

प्रेम: प्रिया, तू अचानक कैसे?

प्रिया: आपको सरप्राइज देना था, जो प्रेम भाई का प्लान था।

प्रेम की मां प्रेम से: ये तो बहुत अच्छा सरप्राइज है मेरे लिए।

प्रेम के पापा: अभी तो और भी सरप्राइज बाकी हैं, लेकिन तुम पहले केक काट लो, लता। बच्चों ने बहुत मेहनत की है।

प्रेम की मां ने केक काटा और सबने मिलकर खुशियां मनाईं। ये सब सागर देख रहा था और उसके मन में ये चल रहा था कि प्रेम की फैमिली सिंपल से बर्थडे में भी कितनी खुशियां ढूंढ लेती है, सब मिलकर खुश रहते हैं बिना किसी रोक-टोक के। 

थोड़ी देर बाद प्रेम की मां सबको खाने के लिए बुलाती हैं और सब खाने की टेबल पर आकर बैठ जाते हैं। सब मिलकर खाना खाते हैं और प्रेम की मां के बनाए हुए खाने की तारीफ करते हैं।

सागर: आंटी, आप बहुत स्वादिष्ट खाना बनाती हो, फिर भी प्रेम इतना पतला क्यों है? अगर मैं रोज ऐसा खाना खाता, तो पक्का मोटा हो जाता।

प्रेम सागर को ताना देते हुए: तुम भी तो अपना खाना खाते हो, वो हेल्दी फूड वाला, तो तुम क्यों मोटे नहीं हुए?

सागर इस पर कुछ नहीं बोलता और प्रेम को एक नजर देखने लगता है। सागर को ऐसे देखकर प्रेम चुप हो जाता है। और फिर सब खाना खाकर प्रिया से बात करने लगते हैं।

प्रिया की मां: प्रिया, तुम कितने दिनों के लिए आई हो?

प्रिया: अभी तो मैं बस दो हफ्तों के लिए ही आई हूं, लेकिन एक महीने बाद मेरी पढ़ाई खत्म हो जाएगी, तब मैं हमेशा के लिए वापस आ जाऊंगी।

प्रेम की मां: प्रिया, तू हॉस्टल चली जाती है, तो मेरा बिलकुल मन नहीं लगता, लेकिन अब तुम जल्दी से हमेशा के लिए घर आ जाओ।

प्रेम: मां, कभी मुझे भी याद कर लिया करो।

प्रिया मजाक करते हुए: तुम्हें कौन याद करेगा, तुम्हें याद करने से पहले ही तुम खुद टपक जाते हो।

प्रिया की ये बात सुनकर सागर जोर से हंसने लगता है। और ये देखकर प्रेम सागर से कहता है: हां, हां, हंस लो।

सागर: अरे नहीं, मैं बस ये देखकर हंस रहा हूं कि पूरा परिवार एक साथ कितना खुश रहता है।

थोड़ी देर बाद सागर सबसे मिलकर अपने घर वापस जाने को कहता है।

प्रेम की मां: बेटा, तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लगा और दुबारा आते रहना।

सागर: जरूर, आंटी।

टोजो सागर के पास जाकर बोलता है: भैया, आप मत जाओ।

सागर: टोजो, मैं जल्दी तुमसे मिलने आऊंगा, पक्का।

सागर सबको नमस्ते बोलकर घर से निकलता है।

प्रिया की मां: प्रेम, सागर को बाहर छोड़ कर आ।

प्रेम सागर के पीछे-पीछे चला जाता है।

सागर: तुम क्यों आ गए?

प्रेम: हमारे घर से जब कोई मेहमान वापस जाता है, तो उसे छोड़ने कोई न कोई जाता है।

सागर: थोड़ी देर तुम्हारे परिवार के साथ रहकर अब मेरा मन यहां से जाने का नहीं कर रहा है, क्योंकि तुम्हारे परिवार में बहुत अपनापन है।

प्रेम: हां, ये बात सही है।

सागर अपनी कार में बैठ जाता है।

प्रेम: सागर, तुम मेरे कहने पर मेरे घर आए, मुझे और मेरे परिवार को बहुत अच्छा लगा।

सागर: तुम ये सब मत सोचो, तुम ये बताओ, कल क्या कर रहे हो?

प्रेम: कल तो ऑफिस की छुट्टी है।

सागर: तो कल शाम को मेरे साथ बाहर चलोगे?

प्रेम: हां, बिलकुल।

सागर: अच्छा, अब मैं चलता हूं, कल मिलते हैं।

इतना कहकर सागर वहां से चला जाता है और प्रेम भी अपने घर वापस आ जाता है।


बाकी अगले भाग में.......
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रचनाएँ
प्रेम का सागर
5.0
ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कहानी का उद्देश्य समलैंगिकता के प्रति गलत मानसिकता को खत्म करना है । जो भी व्यक्ति इस पुस्तक को अपनी लाइब्रेरी में जोड़े कृपया अपना नाम कॉमेंट में या समीक्षा में अवश्य लिख दे जिससे मुझे प्रोत्साहन मिले
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परिचय.....

22 जनवरी 2023
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यह कहानी है दो लडकों की एक का नाम प्रेम और दूसरे का सागर दोनो एक दूसरे से अंजान थे दोनो अपनी जिंदगी को अपने ढंग से जी रहे थे लेकिन तब तक जब तक वो मिले नहीं और जिस दिन मिले तब से दोनो की जिंदगी जीने का

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पहली मुलाकात.....

22 जनवरी 2023
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प्रेम और सागर की पहली मुलाकात सागर के ऑफिस में हुई थी। प्रेम जो एक नौकरी की तलाश कर रहा था वो उस दिन उसी कम्पनी में इन्टरव्यू के लिए जा रहा था जो सागर के पिता की थी। प्रेम सही समय पर ऑफिस पहुंच गया था

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नौकरी का पहला दिन

28 मई 2024
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प्रेम की मां : प्रेम जल्दी उठ जा ऑफिस को लेट हो जाएगा और वैसे भी आज ऑफिस का पहला दिन है उठ जा बेटा ।प्रेम: बस मां दो मिनट और सोने दो अभी आठ भी नहीं बजे मां। प्रेम की मां: तू आठ बोल रहा है सही से

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घर तक का सफर

28 मई 2024
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सागर ने मुस्कुराते हुए कहा : "क्या हुआ? अब चुप क्यों हो गए? बताओ कौन अंधा है? लेकिन पहले तुम कार में जल्दी बैठो, नहीं तो और भीग जाओगे।"प्रेम: नहीं सर आप जाओ मैं चला जाऊंगा। सागर : लगता है त

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प्रेम की पहली मीटिंग

9 जून 2024
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प्रेम घर आकर अपने कमरे में बैठा था और सागर के साथ हुई बातचीत के बारे में सोच रहा था। उसे यह अहसास हो रहा था कि सागर सिर्फ एक सख्त बॉस नहीं है, बल्कि उसके अंदर भी संवेदनशीलता और भावनाएं हैं। उधर, सागर

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खीर का स्वाद

12 जून 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और मां के पास जाकर कहता है, "मां, आपको आपके जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई! आप हमेशा खुश रहो और मेरा हमेशा ध्यान रखो।"प्रेम की मां कहती हैं, "बेटा, मैं कब तक तेरा ध्यान रखू

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खाने का बुलावा

17 जून 2024
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प्रेम की मां बाहर आकर देखती हैं कि प्रेम के साथ कोई आया है। प्रेम की मां प्रेम से पूछती हैं: "ये तुम्हारे सागर सर हैं क्या?" प्रेम: "हाँ, वही हैं।" सागर: "आंटी जी, नमस्ते और हाँ! आपको आपके जन्मदि

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मन की बात....

17 जून 2024
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अगले दिन प्रेम सुबह के नौ बजे तक सो रहा होता है कि प्रिया जोर से आवाज लगाती है: "उठ जाओ आलसी, ऑफिस को लेट हो जाओगे वरना।"प्रेम हड़बड़ाकर उठता है और प्रिया से कहता है: "अरे आज क्या मैं फिर लेट उठा हूं?

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अनकहे किस्से

18 जून 2024
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सागर: मैं डरता हूं कि अगर बता दूंगा तो तुम्हें खो दूंगा।प्रेम: मतलब?सागर: अभी इस बात का सही समय नहीं है। जब सही समय आएगा तब बता दूंगा।प्रेम: सागर, तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कोई लड़का किसी लड़की से यह

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अनकहे किस्से भाग _2

19 जून 2024
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प्रेम: इसका मतलब हुआ कि मुझे पीटी टीचर अच्छे लगते थे।सागर: मतलब तुम भी...प्रेम: नहीं, मेरा उनके प्रति बस एक खिंचाव था।सागर: मतलब?प्रेम: वो अच्छे थे, उनसे बात करना मुझे पसंद था। लेकिन उनके लिए कुछ ज़्य

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वृद्धाश्रम में दादी

23 जून 2024
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अगली सुबह होती है। प्रेम और सागर गहरी नींद में सो रहे थे। थोड़ी देर बाद प्रेम की आंख खुलती है। प्रेम सागर को अपने बगल में सोता हुआ देखता है। प्रेम लेटे हुए ही सागर को देखता रहता है और सोचता है कि सागर

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प्रेम का दूसरा इंटरव्यू

30 जून 2024
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अगली सुबह हुई, सोमवार का दिन था। प्रेम समय से ऑफिस पहुंच गया। मिली भी ऑफिस पहुंच गई थी। प्रेम ने मिली को देखा और उसके पास जाकर बोला: "गुड मॉर्निंग मिली।"मिली: "वैरी गुड मॉर्निंग प्रेम।"प्रेम: "कैसी हो

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दिल की बातें....एक राज़।

9 जुलाई 2024
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सागर के पापा गुस्से में: सागर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?सागर: पापा, वो लंच कर रहा हूँ।प्रेम: वो मैंने ही जोर दिया था।सागर के पापा: प्रेम, तुमसे बात पूछी मैंने, और सागर, तुम्हें पता है मुझे ये सब पसंद नह

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प्यार की शुरुआत

10 जुलाई 2024
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प्रेम घर जाकर बाइक आंगन में खड़ी कर रहा होता है कि प्रेम की मां, जो प्रेम का इंतजार कर रही थी, उसे आता देख बाहर आ जाती है और पूछती है, "आज तुम देर से घर आ रहे हो, काम ज्यादा था क्या?"प्रेम: "हां मां।"

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रूठना मनाना

14 अगस्त 2024
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थोड़ी देर बाद सागर के पापा भी ऑफिस आ जाते हैं और अनुज से पता चलता है कि प्रेम आज सागर सर के साथ उनकी कार में ऑफिस आया था। इतना सुनने के बाद वे गुस्से में सागर के पास जाते हैं, जहां प्रेम पहले से ही मौ

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बिखरी खुशियां

14 अगस्त 2024
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प्रेम: "तो चलो मिली, आज मेरे घर चलो। मेरी माँ के हाथ का खाना खाओ, तुम्हें मज़ा आ जाएगा।"सागर: "हाँ मिली, आंटी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं, तुम्हें ज़रूर चलना चाहिए।"मिली: "लेकिन..."प्रेम: "लेकिन-वेकिन क

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मीटिंग का दिन

20 अगस्त 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और नासिक जाने के लिए तैयार होता है। उधर सागर भी तैयार होकर प्रेम को फोन करता है। प्रेम फोन उठाकर: "हां सागर, बोलो।"सागर: "नासिक चलने के लिए तैयार हो?"प्रेम: "हां, बिल्

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ख्यालों की दुनियां

21 अगस्त 2024
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होटल पहुंचकर सागर रिसेप्शन से कमरे की चाबी लेता है, जिस पर लिखा होता है "आठवीं मंजिल, कमरा नंबर 86"। सागर चाबी लेकर प्रेम से लिफ्ट में चलने को कहता है और फिर दोनों लिफ्ट से अपने कमरे तक पहुंच जाते हैं

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खेल खेल में......

25 अगस्त 2024
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दोनों ने सवालों का खेल शुरू किया।सागर: "तो, पहले तुम सवाल पूछो।"प्रेम: "ठीक है, लेकिन याद रखना, सब सच बोलना होगा। न कोई सवाल बदला जाएगा और न ही जवाब देने से मना किया जाएगा।"सागर: "चलो ठीक है, पूछो।"प्

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प्यार का इजहार

28 अगस्त 2024
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प्रेम अब अच्छे से समझ चुका था कि वह सागर के प्रति अपने प्यार को जबरदस्ती रोक रहा था, जबकि सागर उसे सच्चे दिल से प्यार करता है। इसलिए, प्रेम ने अब मन बना लिया था कि वह सागर से अपने प्यार का इज़हार करके

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नासिक का दूसरा दिन

2 अक्टूबर 2024
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अगली सुबह सागर की आँख खुलती है। वह देखता है कि प्रेम उसके पास सो रहा है। यह देखकर सागर के मन में एक अनोखी खुशी होती है। वह देखता है कि अब बारिश रुक चुकी है और खिड़की से सुबह की सूरज की किरणें प्रेम के

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ऑफिस में वापसी

4 अक्टूबर 2024
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सुबह सात बजे तक दोनों प्रेम के घर वापस आ जाते हैं। प्रेम देखता है कि उसकी मां खाना बना रही थी, और चाची पूजा करके तुलसी के पौधे में जल चढ़ा रही थीं। प्रेम और सागर को देख कर प्रेम की मां खुश हो जाती हैं

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