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रूठना मनाना

14 अगस्त 2024

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थोड़ी देर बाद सागर के पापा भी ऑफिस आ जाते हैं और अनुज से पता चलता है कि प्रेम आज सागर सर के साथ उनकी कार में ऑफिस आया था। इतना सुनने के बाद वे गुस्से में सागर के पास जाते हैं, जहां प्रेम पहले से ही मौजूद होता है। सागर के पापा को देखकर प्रेम अपनी कुर्सी से उठ जाता है और "गुड मॉर्निंग" कहता है, जिसका सागर के पापा कोई जवाब नहीं देते। वे सागर से पूछते हैं:

सागर के पापा: "तुम आज प्रेम को अपने साथ कार में ऑफिस लाए हो?"

सागर: "हां।"

सागर के पापा: "मैंने तुमसे कहा था कि यह दोस्ती ऑफिस में नहीं चलेगी, तो तुम ऐसा क्यों कर रहे हो?"

सागर: "इसमें गलत क्या है पापा? अगर प्रेम मेरे साथ कार में ऑफिस आ गया, तो कोई पहाड़ तो नहीं टूट गया।"

सागर के पापा: "अगर तुम इसी तरह काम करोगे, तो एक दिन इस कंपनी को डुबा दोगे।"

सागर: "आप कैसी बे मतलब की बात को कंपनी से जोड़ रहे हैं? मेरी दोस्ती से मेरी कंपनी कैसे डूब सकती है?"

सागर के पापा: "वह तो कल की मीटिंग के बाद तुम्हें खुद पता चल जाएगा।"

सागर: "आप मेरे और प्रेम की दोस्ती को कंपनी की मीटिंग से क्यों जोड़ रहे हैं?"

सागर के पापा: "ताकि तुम्हें समझ आए कि दोस्त ऐसे बनाओ जो बिजनेस में काम आएं, न कि जिंदगी बिगाड़ने में।"

सागर: "आप कहना क्या चाहते हैं, प्रेम मेरी जिंदगी बिगाड़ रहा है, जबकि जिंदगी तो आपने बिगाड़ दी।"

सागर की यह बात सुनकर सागर के पापा सागर को प्रेम के सामने ही जोर से एक थप्पड़ मार देते हैं, जिस पर प्रेम को भी गुस्सा आ जाता है।

सागर: "बस यही तो करना आता है आपको। मेरी मां के साथ भी आपने यही किया था, जिससे तंग आकर उन्होंने खुद की जान ले ली थी।"

सागर के पापा: "सागर, तुम जिस तरीके से आज मुझे जवाब दे रहे हो, मुझे तो लगता है कि एक दिन तुम मुझे मेरे ही घर से धक्के मार कर निकाल दोगे।"

प्रेम: "जैसे आपने सागर की दादी को उनके ही घर से निकाल कर वृद्धाश्रम में भेज दिया।"

सागर के पापा: "तुम कौन होते हो मेरे परिवार के बीच में बोलने वाले?"

सागर: "गलत क्या कहा प्रेम ने? सही तो बोल रहा है। आपने अपने अलावा किसी और के बारे में कभी अच्छा सोचा ही नहीं।"

सागर के पापा: "मुझे तो लगता है कि इस प्रेम ने ही तुम्हें अपनी बातों से बहकाया है, तुम्हें मेरे खिलाफ बोलने के लिए उकसाया है। वरना इसके आने से पहले तुमने कभी मुझसे ऐसे बात नहीं की।"

सागर के पापा प्रेम का हाथ पकड़ लेते हैं और बाहर निकालने के लिए धक्का देकर कहते हैं: "आज के बाद इस कंपनी में दुबारा दिखना भी मत।"

सागर, प्रेम को संभाल लेता है और जैसे-तैसे प्रेम को गिरने से बचाता है और अपने पापा से कहता है:

सागर: "प्रेम कहीं नहीं जाएगा।"

सागर के पापा: "तुम मेरी बात के खिलाफ जा रहे हो, सागर। तुम्हें पता है इसका अंजाम क्या होगा?"

सागर: "तो ठीक है, अगर कल की मीटिंग हमारे हिसाब से हुई तो शर्त के मुताबिक प्रेम इसी ऑफिस में काम करेगा, वो भी मेरे साथ। और अगर मैं हारा तो प्रेम इस कंपनी में दुबारा कभी नहीं दिखेगा।"

सागर के पापा: "तुमने तो मेरा काम और आसान कर दिया, मतलब कल के बाद तुम्हारा यह दोस्त यहां नहीं दिखेगा।"

इतना कहकर सागर के पापा वहां से चले जाते हैं। सागर अपनी कुर्सी पर वापस बैठ जाता है। प्रेम, सागर को संभालने के लिए सागर के पास जाता है और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहता है:

प्रेम: "चिंता मत करो, जो होगा ठीक होगा, और तुमने जो किया, वो सही किया।"

सागर: "मैं जिसके भी साथ रहता हूं, उसके लिए मुसीबत बन जाता हूं।"

प्रेम: "ऐसा कुछ भी नहीं है सागर, मेरे लिए तो तुम मुसीबत नहीं हो।"

सागर: "मेरी वजह से ही तो तुम्हारी नौकरी खतरे में आ गई है, जबकि तुम्हारी कोई गलती नहीं है।"

प्रेम, सागर का हाथ पकड़ता है और उसे केबिन की बालकनी की तरफ ले जाता है और कहता है:

प्रेम: "मुझे नौकरी खोने का डर नहीं है, मुझे और भी नौकरियां मिल जाएंगी। लेकिन तुम्हारे जैसा कोई दूसरा अब मुझे नहीं मिलेगा।"

सागर: "मेरा मन रखने के लिए ऐसा बोल रहे हो?"

प्रेम: "पता है सागर, पहली बार किसी ने मुझ पर इतना भरोसा दिखाया है, और तुमने तो मेरे लिए अपनों तक से लड़ाई कर ली। तो तुम्हारे जैसा कोई दूसरा मुझे नहीं मिल सकता।"

सागर: "मां के जाने के बाद किसी ने मेरी इतनी फिक्र नहीं की, जितनी तुम करते हो।"

प्रेम: "मैं तुम्हारी फिक्र नहीं करता, बल्कि मैं तो तुम्हें परेशान ही करता हूं और तुमसे लड़ता रहता हूं।"

सागर: "अगर फिक्र नहीं करते, तो अभी मेरे साथ नहीं होते।"

प्रेम: "वो तो मैं एक दोस्त के नाते तुम्हारे साथ हूं।"

सागर: "कब तक खुद से झूठ बोलोगे? अगर सिर्फ दोस्त मानते हो, तो क्यों सुबह मुझे उम्मीद दी?"

प्रेम: "वो तो..."

सागर, प्रेम से बात करते-करते भावुक हो जाता है और प्रेम से पूछता है:

सागर: "तुम मुझे आज आखिरी बार बता दो कि तुम मेरे बारे में क्या सोचते हो? और हां, इसके बाद मैं दुबारा कभी नहीं पूछूंगा तुमसे।"

प्रेम थोड़ी देर तक सोचता रहता है, लेकिन कोई जवाब नहीं देता।

सागर: "जवाब दो मुझे। अगर तुम्हें दोस्त बन कर रहना है, तो भी बता दो। मैं दोस्त की तरह ही रहूंगा आज से।"

प्रेम: "ऐसी कोई बात नहीं है, तुम मुझे पसंद हो और मैं तुम्हारे प्यार की इज्जत भी करता हूं। लेकिन मैं तुम्हें सच्चे दिल से अपनाना चाहता हूं, और उसके लिए मुझे थोड़ा समय चाहिए। क्योंकि मैं जानता हूं कि तुम मुझे सच्चे दिल से अपनाने के लिए तैयार हो, इसलिए मैं भी यही चाहता हूं। बस जब मुझे ऐसा लगेगा कि मैं तुम्हारे प्यार के लायक हूं, तो मैं खुद आकर तुमसे बोलूंगा।"

सागर: "मतलब मैं अभी भी यही सोचूं कि तुम अभी मुझसे प्यार नहीं करते।"

प्रेम: "ऐसा मैंने कब कहा? मैं करता हूं। बस ये जानना चाहता हूं कि समय के साथ-साथ मेरा प्यार कम तो नहीं हो जाएगा। और अगर ऐसा हुआ तो उस समय हमारे पास उसे ठीक करने का कोई रास्ता नहीं होगा।"

सागर: "ठीक है, मैं तुम्हारे 'हां' कहने का इंतजार करूंगा।"

प्रेम: "अच्छा, कल के लिए काम कर लो। थोड़ा ही बाकी रह गया है।"

सागर: "हां, जल्दी से खत्म करते हैं।"

प्रेम: "मुझे कल की मीटिंग के लिए डर लग रहा है।"

सागर: "तुम बेमतलब डर रहे हो, मुझे देखो, मैं तो बिल्कुल भी नहीं डर रहा हूं, क्योंकि तुम हो मेरे साथ।"

प्रेम: "मैं हूं तो?"

सागर: "तुम मेरे लकी पर्सन हो।"

प्रेम: "मतलब?"

सागर: "जबसे तुम मेरी जिंदगी में आए हो, सब अच्छा हो रहा है।"

प्रेम: "मेरी वजह से परेशानी ही हो रही है तुम्हें, और तुम कह रहे हो कि अच्छा हो रहा है।"

सागर: "और क्या, तुम देखो और सोचो। जबसे तुम मिले हो, मैं समय से ऑफिस आता हूं, तुम्हारी वजह से मुझे आंटी के हाथ का इतना अच्छा खाना खाने को मिलता है, मेरी दादी भी घर आ गई हैं, और तो और, मुझे प्यार करने को तुम मिल गए हो।"

प्रेम: "तुमसे बातों में कोई नहीं जीत सकता।"

सागर: "प्रेम, मैं सोच रहा था कि मीटिंग के बाद हम नासिक घूम भी लेंगे।"

प्रेम: "घूमने से तुम्हारा क्या मतलब है?"

सागर: "मेरा मतलब है कि नासिक में सिर्फ हम दोनों ही रहेंगे, तो हमें एक-दूसरे को करीब से जानने का मौका मिलेगा। और इस मौके को मैं ऐसे ही जाने नहीं देना चाहता, इसलिए हम दोनों एक दिन वहीं रुकेंगे।"

प्रेम: "वहीं रुकेंगे मतलब बस हम दोनों?"

सागर: "क्या कोई परेशानी है?"

प्रेम: "परेशानी तो नहीं है, लेकिन ये प्लान मीटिंग के बाद ही बनाना चाहिए।"

सागर: "प्लान बनाने की बात नहीं है, मैंने तो प्लान बना लिया है। नासिक के एक होटल में कमरा भी बुक कर दिया है। मीटिंग के बाद वहीं रुकेंगे।"

प्रेम: "पहले कल की मीटिंग पर ध्यान दो।"

सागर: "हाँ, हाँ, चलो पहले काम खत्म करते हैं।"

प्रेम और सागर दोनों मीटिंग के लिए सारी रिपोर्ट तैयार कर लेते हैं। प्रेम भी मीटिंग की प्रेजेंटेशन तैयार कर लेता है। दोपहर का समय हो जाता है, लेकिन दोनों बिना लंच किए काम करते रहते हैं, और देखते ही देखते शाम हो जाती है।

सागर के पापा सागर के केबिन में आते हैं और सागर से कहते हैं, "सागर, तुम घर चल रहे हो?"

सागर: "नहीं, मैं प्रेम के साथ काम खत्म करके आऊंगा।"

सागर के पापा: "जैसी तुम्हारी मर्ज़ी।" इतना कहकर सागर के पापा ऑफिस से निकलकर घर के लिए चले जाते हैं।

सागर के पापा के जाते ही मिली सागर के केबिन में आती है और कहती है, "आज का दिन तो बहुत बेकार था। प्रेम, तुम सुबह से यहीं हो?"

प्रेम: "हाँ, कल की मीटिंग के लिए काम कर रहे हैं।"

सागर: "मिली, तुम आज मुझसे मिलने क्यों नहीं आई?"

मिली: "तुम्हें तो पता है, बड़े सर की वजह से मैं तुम्हारे केबिन में नहीं आती हूँ।"

प्रेम: "तुमने लंच किसके साथ किया?"

मिली: "आज तुम दोनों ने मुझे बुलाया ही नहीं।"

सागर: "अगर हमने लंच किया होता, तो तुम्हें जरूर बुलाते।"

मिली: "मतलब आज हम तीनों ने खाना नहीं खाया है।


बाकी अगले भाग में.....
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रचनाएँ
प्रेम का सागर
5.0
ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कहानी का उद्देश्य समलैंगिकता के प्रति गलत मानसिकता को खत्म करना है । जो भी व्यक्ति इस पुस्तक को अपनी लाइब्रेरी में जोड़े कृपया अपना नाम कॉमेंट में या समीक्षा में अवश्य लिख दे जिससे मुझे प्रोत्साहन मिले
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परिचय.....

22 जनवरी 2023
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यह कहानी है दो लडकों की एक का नाम प्रेम और दूसरे का सागर दोनो एक दूसरे से अंजान थे दोनो अपनी जिंदगी को अपने ढंग से जी रहे थे लेकिन तब तक जब तक वो मिले नहीं और जिस दिन मिले तब से दोनो की जिंदगी जीने का

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पहली मुलाकात.....

22 जनवरी 2023
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प्रेम और सागर की पहली मुलाकात सागर के ऑफिस में हुई थी। प्रेम जो एक नौकरी की तलाश कर रहा था वो उस दिन उसी कम्पनी में इन्टरव्यू के लिए जा रहा था जो सागर के पिता की थी। प्रेम सही समय पर ऑफिस पहुंच गया था

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नौकरी का पहला दिन

28 मई 2024
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प्रेम की मां : प्रेम जल्दी उठ जा ऑफिस को लेट हो जाएगा और वैसे भी आज ऑफिस का पहला दिन है उठ जा बेटा ।प्रेम: बस मां दो मिनट और सोने दो अभी आठ भी नहीं बजे मां। प्रेम की मां: तू आठ बोल रहा है सही से

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घर तक का सफर

28 मई 2024
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सागर ने मुस्कुराते हुए कहा : "क्या हुआ? अब चुप क्यों हो गए? बताओ कौन अंधा है? लेकिन पहले तुम कार में जल्दी बैठो, नहीं तो और भीग जाओगे।"प्रेम: नहीं सर आप जाओ मैं चला जाऊंगा। सागर : लगता है त

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प्रेम की पहली मीटिंग

9 जून 2024
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प्रेम घर आकर अपने कमरे में बैठा था और सागर के साथ हुई बातचीत के बारे में सोच रहा था। उसे यह अहसास हो रहा था कि सागर सिर्फ एक सख्त बॉस नहीं है, बल्कि उसके अंदर भी संवेदनशीलता और भावनाएं हैं। उधर, सागर

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खीर का स्वाद

12 जून 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और मां के पास जाकर कहता है, "मां, आपको आपके जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई! आप हमेशा खुश रहो और मेरा हमेशा ध्यान रखो।"प्रेम की मां कहती हैं, "बेटा, मैं कब तक तेरा ध्यान रखू

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खाने का बुलावा

17 जून 2024
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प्रेम की मां बाहर आकर देखती हैं कि प्रेम के साथ कोई आया है। प्रेम की मां प्रेम से पूछती हैं: "ये तुम्हारे सागर सर हैं क्या?" प्रेम: "हाँ, वही हैं।" सागर: "आंटी जी, नमस्ते और हाँ! आपको आपके जन्मदि

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मन की बात....

17 जून 2024
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अगले दिन प्रेम सुबह के नौ बजे तक सो रहा होता है कि प्रिया जोर से आवाज लगाती है: "उठ जाओ आलसी, ऑफिस को लेट हो जाओगे वरना।"प्रेम हड़बड़ाकर उठता है और प्रिया से कहता है: "अरे आज क्या मैं फिर लेट उठा हूं?

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अनकहे किस्से

18 जून 2024
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सागर: मैं डरता हूं कि अगर बता दूंगा तो तुम्हें खो दूंगा।प्रेम: मतलब?सागर: अभी इस बात का सही समय नहीं है। जब सही समय आएगा तब बता दूंगा।प्रेम: सागर, तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कोई लड़का किसी लड़की से यह

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अनकहे किस्से भाग _2

19 जून 2024
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प्रेम: इसका मतलब हुआ कि मुझे पीटी टीचर अच्छे लगते थे।सागर: मतलब तुम भी...प्रेम: नहीं, मेरा उनके प्रति बस एक खिंचाव था।सागर: मतलब?प्रेम: वो अच्छे थे, उनसे बात करना मुझे पसंद था। लेकिन उनके लिए कुछ ज़्य

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वृद्धाश्रम में दादी

23 जून 2024
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अगली सुबह होती है। प्रेम और सागर गहरी नींद में सो रहे थे। थोड़ी देर बाद प्रेम की आंख खुलती है। प्रेम सागर को अपने बगल में सोता हुआ देखता है। प्रेम लेटे हुए ही सागर को देखता रहता है और सोचता है कि सागर

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प्रेम का दूसरा इंटरव्यू

30 जून 2024
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अगली सुबह हुई, सोमवार का दिन था। प्रेम समय से ऑफिस पहुंच गया। मिली भी ऑफिस पहुंच गई थी। प्रेम ने मिली को देखा और उसके पास जाकर बोला: "गुड मॉर्निंग मिली।"मिली: "वैरी गुड मॉर्निंग प्रेम।"प्रेम: "कैसी हो

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दिल की बातें....एक राज़।

9 जुलाई 2024
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सागर के पापा गुस्से में: सागर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?सागर: पापा, वो लंच कर रहा हूँ।प्रेम: वो मैंने ही जोर दिया था।सागर के पापा: प्रेम, तुमसे बात पूछी मैंने, और सागर, तुम्हें पता है मुझे ये सब पसंद नह

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प्यार की शुरुआत

10 जुलाई 2024
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प्रेम घर जाकर बाइक आंगन में खड़ी कर रहा होता है कि प्रेम की मां, जो प्रेम का इंतजार कर रही थी, उसे आता देख बाहर आ जाती है और पूछती है, "आज तुम देर से घर आ रहे हो, काम ज्यादा था क्या?"प्रेम: "हां मां।"

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रूठना मनाना

14 अगस्त 2024
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थोड़ी देर बाद सागर के पापा भी ऑफिस आ जाते हैं और अनुज से पता चलता है कि प्रेम आज सागर सर के साथ उनकी कार में ऑफिस आया था। इतना सुनने के बाद वे गुस्से में सागर के पास जाते हैं, जहां प्रेम पहले से ही मौ

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बिखरी खुशियां

14 अगस्त 2024
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प्रेम: "तो चलो मिली, आज मेरे घर चलो। मेरी माँ के हाथ का खाना खाओ, तुम्हें मज़ा आ जाएगा।"सागर: "हाँ मिली, आंटी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं, तुम्हें ज़रूर चलना चाहिए।"मिली: "लेकिन..."प्रेम: "लेकिन-वेकिन क

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मीटिंग का दिन

20 अगस्त 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और नासिक जाने के लिए तैयार होता है। उधर सागर भी तैयार होकर प्रेम को फोन करता है। प्रेम फोन उठाकर: "हां सागर, बोलो।"सागर: "नासिक चलने के लिए तैयार हो?"प्रेम: "हां, बिल्

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ख्यालों की दुनियां

21 अगस्त 2024
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होटल पहुंचकर सागर रिसेप्शन से कमरे की चाबी लेता है, जिस पर लिखा होता है "आठवीं मंजिल, कमरा नंबर 86"। सागर चाबी लेकर प्रेम से लिफ्ट में चलने को कहता है और फिर दोनों लिफ्ट से अपने कमरे तक पहुंच जाते हैं

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खेल खेल में......

25 अगस्त 2024
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दोनों ने सवालों का खेल शुरू किया।सागर: "तो, पहले तुम सवाल पूछो।"प्रेम: "ठीक है, लेकिन याद रखना, सब सच बोलना होगा। न कोई सवाल बदला जाएगा और न ही जवाब देने से मना किया जाएगा।"सागर: "चलो ठीक है, पूछो।"प्

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प्यार का इजहार

28 अगस्त 2024
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प्रेम अब अच्छे से समझ चुका था कि वह सागर के प्रति अपने प्यार को जबरदस्ती रोक रहा था, जबकि सागर उसे सच्चे दिल से प्यार करता है। इसलिए, प्रेम ने अब मन बना लिया था कि वह सागर से अपने प्यार का इज़हार करके

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