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ऑफिस में वापसी

4 अक्टूबर 2024

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सुबह सात बजे तक दोनों प्रेम के घर वापस आ जाते हैं। प्रेम देखता है कि उसकी मां खाना बना रही थी, और चाची पूजा करके तुलसी के पौधे में जल चढ़ा रही थीं। प्रेम और सागर को देख कर प्रेम की मां खुश हो जाती हैं और उन्हें अंदर आकर बैठने को कहती हैं। दोनों अंदर आकर सोफे पर बैठ जाते हैं। इतने में प्रेम की मां सागर और प्रेम की ओर देखते हुए आवाज़ लगाती हैं: "दीदी, देखो प्रेम और सागर आ गए हैं!"

प्रेम की मां जल्दी से बाहर आकर उन्हें देखती हैं और दोनों को देखकर खुश हो जाती हैं। वह पास आकर प्रेम और सागर से पूछती हैं: "कैसा रहा तुम दोनों का ट्रिप?"

प्रेम, सागर की ओर इशारा करते हुए: "ठीक था, और जिस काम के लिए गए थे, वह भी हो गया।"

प्रेम की चाची: "यह तो बहुत अच्छी बात है। लेकिन तुम दोनों में से किसी ने फोन क्यों नहीं किया?"

प्रेम की मां सागर से: "प्रेम तो है ही गैर जिम्मेदार, लेकिन सागर, तुमने भी एक बार भी कॉल नहीं किया। वो तो प्रिया ने हमें बताया था कि तुम दोनों एक दिन बाद आने वाले हो।"

सागर: "प्रेम गैर जिम्मेदार तो नहीं है। उसने वहां अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई और उसी की वजह से मीटिंग भी सफल हुई।"

प्रेम की चाची (मुस्कुराते हुए): "क्या बात है सागर, आज तो तुम प्रेम की खूब तारीफ कर रहे हो?"

सागर: "हां, नासिक में मैंने प्रेम को और अच्छे से जाना है और वह वाकई बहुत अच्छा है।"

प्रेम (मजाक में): "बस, इतना मक्खन मत लगाओ।"

प्रेम की मां: "चलो, जल्दी जाओ और नहा कर आओ, फिर नाश्ता कर लो।"

प्रेम: "प्रिया कहां है?"

प्रेम की चाची: "वो महारानी तो अभी अपनी शैय्या से उठी नहीं है।"

प्रेम (मजाक में): "कोई बात नहीं, सोने दो, वरना उसके उठते ही भूकंप आ जाएगा।"

(यह सुनकर सब हंसने लगते हैं। उसके बाद प्रेम और सागर, प्रेम के कमरे में चले जाते हैं।)

प्रेम बिस्तर पर लेट जाता है।

सागर: "अभी सोने का समय नहीं है। उठो, ऑफिस भी जाना है।"

प्रेम (बिस्तर पर लेटे हुए): "मुझे आज ऑफिस नहीं जाना।"

सागर: "अरे चलो यार, आज पापा से भी बात करनी है और यह भी जान लो कि तुम अपने बॉस के सामने ऑफिस आने से मना नहीं कर सकते।"

(प्रेम बिस्तर से उठता है और सागर को अपनी ओर खींचते हुए बड़े प्यार से कहता है।)

प्रेम: "मैंने अपने बॉस से नहीं, सागर से कहा है।"

सागर (मुस्कुराते हुए): "अब तुम कितना भी प्यार दिखाओ, लेकिन काम तो काम है।"

प्रेम: "अगर मैं मना करूं तो?"

सागर (मजाक में): "तो मैं तुम्हारे साथ कुछ ऐसा करूंगा कि तुम खुद ऑफिस चले जाओगे।"

प्रेम: "तुम्हारे इरादे ठीक नहीं लग रहे हैं। चलो, तुम जाओ और नहा लो। मैं थोड़ी देर और सो लेता हूं।"

प्रेम इतना कहकर फिर से बिस्तर पर लेट जाता है और सागर नहाने चला जाता है। थोड़ी देर बाद, जब सागर नहा कर वापस आता है, तो देखता है कि प्रेम अभी भी सो रहा है। प्रेम को सोता देख, सागर को मस्ती सूझती है। इसलिए वह चुपचाप कपड़े पहनकर नीचे नाश्ता करने चला जाता है। सागर को देखकर प्रेम की मां पूछती हैं:

प्रेम की मां: "सागर, प्रेम कहां है? वो अभी तक ऑफिस के लिए तैयार नहीं हुआ क्या?"

सागर: "तैयार? वो तो अभी नहाया भी नहीं है। अभी तो वो सोने में व्यस्त है।"

प्रेम की मां (हैरान होकर): "दुबारा सो गया? सागर, तुम आराम से नाश्ता करो, मैं उसे उठाने जाती हूं।"

सागर: "हां, आंटी, उसे जल्दी से उठाओ, वरना आज फिर ऑफिस के लिए देर हो जाएगी।"

(प्रेम की मां प्रेम को उठाने के लिए ऊपर उसके कमरे में जाती हैं। इधर, प्रिया की मां सागर के लिए नाश्ता लगा देती हैं।)

प्रेम की मां कमरे का दरवाजा खोलती हैं और जोर से आवाज लगाती हैं: "आज ऑफिस नहीं जाना क्या?"

प्रेम (आधी नींद में): "बस, थोड़ी देर और सोने दो।"

प्रेम की मां: "सो जाओ महाराज, हमारा क्या? नौ बजने वाले हैं और सागर तो ऑफिस के लिए निकल गया।"

(प्रेम यह सुनकर अचानक से उठकर बैठ जाता है और कहता है:)

प्रेम: "क्या? सागर ऑफिस चला गया?"

प्रेम की मां: "हां, और तुम सोते रहो।"

(प्रेम अपने आप में बड़बड़ाता है: "अकेले ही चला गया, अब मैं लेट हो जाऊंगा, मतलब आज मेरी क्लास लगेगी।" प्रेम की मां: "क्या बड़बड़ा रहा है? चल, उठ और जल्दी से नहा कर तैयार हो जा।" इतना कहकर प्रेम की मां नीचे आ जाती हैं।)

प्रेम फटाफट नहाने चला जाता है। उधर, सागर नाश्ता कर चुका होता है और ऑफिस जाने के लिए तैयार हो जाता है।

प्रेम की मां सागर से कहती हैं: "एक काम करो, लंच पैक कर दिया है, ले जाओ।"

सागर: "जी, दे दीजिए।"

प्रेम की चाची लंच पैक करके सागर को दे देती हैं, और सागर, प्रेम के तैयार होने से पहले ही ऑफिस के लिए निकल जाता है।

सागर के ऑफिस के लिए निकलते ही प्रेम भी जल्दी-जल्दी तैयार होकर नीचे आता है और बिना नाश्ता किए ऑफिस के लिए निकलने लगता है। लेकिन उसकी चाची उसे जबरदस्ती नाश्ता करके जाने के लिए कहती हैं। इस पर प्रेम कहता है: "सागर तो ऑफिस चला गया, अब अगर मैं देर से ऑफिस जाऊंगा तो उसकी बात सुननी पड़ेगी।"

प्रेम की चाची: "कोई बात नहीं, थोड़ी सी सुन लेना, लेकिन पहले नाश्ता कर ले।"

प्रेम (मुस्कुराते हुए): "चाची, तुम्हें सागर को किसी बहाने से रोकना चाहिए था। अगर वो लेट हो जाता, तो कोई परेशानी की बात नहीं होती।"

प्रेम की चाची: "बस आज तू ही संभाल ले, हमेशा से तो तेरी ही तरफ रहती हूं।"

प्रेम (मजाकिया अंदाज़ में): "बस चाची, तुम ही हो जो मुझे समझती हो। वरना मां भी सागर की ही तरफ से बोलती हैं।"

प्रेम की चाची (हंसते हुए): "पहले नाश्ता कर और जल्दी से ऑफिस जा।"

(प्रेम जल्दी-जल्दी नाश्ता करता है और फिर ऑफिस के लिए निकल जाता है।)

प्रेम ऑफिस के लिए लेट हो जाता है और जब वह वहां पहुंचता है, तो सभी लोग पहले से ही आ चुके होते हैं। वह फटाफट जाकर अपनी जगह पर बैठता है और देखता है कि उसकी टेबल पर एक चिट लगी हुई है, जिस पर लिखा था: "तुम आज फिर लेट हो गए, तो तुम्हें ओवरटाइम करना पड़ेगा।"

प्रेम यह देखकर परेशान हो जाता है और अपने आप से बड़बड़ाता है: "है तो आखिर खडूस ही।"

(थोड़ी देर बाद, मिली प्रेम से मिलने आती है और कहती है:)

मिली: "कांग्रेट्स! तुमने तो मीटिंग में कमाल कर दिया।"

प्रेम: "थैंक यू, मिली।"

मिली (मजाक में): "सिर्फ थैंक यू से काम नहीं चलेगा, पार्टी देनी पड़ेगी।"

प्रेम (चिट की ओर इशारा करते हुए): "यह देखो, इसे देखकर तो लगता है कि मुझे फेयरवेल पार्टी देनी पड़ेगी अब।"

मिली (हंसते हुए): "अरे, सागर तुमसे बस मजाक कर रहा होगा।"

प्रेम: "शायद तुम सही कह रही हो।"

मिली: "तो, नासिक में क्या-क्या किया तुमने?"

प्रेम: "बॉस के साथ घूमने जाओ तो कुछ खास कैसे हो सकता है?"

मिली: "तुम्हारे और सागर के बीच कोई लड़ाई हुई है क्या?"

प्रेम: "नहीं, बस ऐसे ही।"

मिली: "ठीक है, थोड़ी देर बाद बात करते हैं।"

इसके बाद दोनो अपने काम पर लग जाते हैं।



बाकी का अगले भाग में.......

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रचनाएँ
प्रेम का सागर
5.0
ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कहानी का उद्देश्य समलैंगिकता के प्रति गलत मानसिकता को खत्म करना है । जो भी व्यक्ति इस पुस्तक को अपनी लाइब्रेरी में जोड़े कृपया अपना नाम कॉमेंट में या समीक्षा में अवश्य लिख दे जिससे मुझे प्रोत्साहन मिले
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परिचय.....

22 जनवरी 2023
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यह कहानी है दो लडकों की एक का नाम प्रेम और दूसरे का सागर दोनो एक दूसरे से अंजान थे दोनो अपनी जिंदगी को अपने ढंग से जी रहे थे लेकिन तब तक जब तक वो मिले नहीं और जिस दिन मिले तब से दोनो की जिंदगी जीने का

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पहली मुलाकात.....

22 जनवरी 2023
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प्रेम और सागर की पहली मुलाकात सागर के ऑफिस में हुई थी। प्रेम जो एक नौकरी की तलाश कर रहा था वो उस दिन उसी कम्पनी में इन्टरव्यू के लिए जा रहा था जो सागर के पिता की थी। प्रेम सही समय पर ऑफिस पहुंच गया था

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नौकरी का पहला दिन

28 मई 2024
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प्रेम की मां : प्रेम जल्दी उठ जा ऑफिस को लेट हो जाएगा और वैसे भी आज ऑफिस का पहला दिन है उठ जा बेटा ।प्रेम: बस मां दो मिनट और सोने दो अभी आठ भी नहीं बजे मां। प्रेम की मां: तू आठ बोल रहा है सही से

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घर तक का सफर

28 मई 2024
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सागर ने मुस्कुराते हुए कहा : "क्या हुआ? अब चुप क्यों हो गए? बताओ कौन अंधा है? लेकिन पहले तुम कार में जल्दी बैठो, नहीं तो और भीग जाओगे।"प्रेम: नहीं सर आप जाओ मैं चला जाऊंगा। सागर : लगता है त

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प्रेम की पहली मीटिंग

9 जून 2024
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प्रेम घर आकर अपने कमरे में बैठा था और सागर के साथ हुई बातचीत के बारे में सोच रहा था। उसे यह अहसास हो रहा था कि सागर सिर्फ एक सख्त बॉस नहीं है, बल्कि उसके अंदर भी संवेदनशीलता और भावनाएं हैं। उधर, सागर

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खीर का स्वाद

12 जून 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और मां के पास जाकर कहता है, "मां, आपको आपके जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई! आप हमेशा खुश रहो और मेरा हमेशा ध्यान रखो।"प्रेम की मां कहती हैं, "बेटा, मैं कब तक तेरा ध्यान रखू

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खाने का बुलावा

17 जून 2024
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प्रेम की मां बाहर आकर देखती हैं कि प्रेम के साथ कोई आया है। प्रेम की मां प्रेम से पूछती हैं: "ये तुम्हारे सागर सर हैं क्या?" प्रेम: "हाँ, वही हैं।" सागर: "आंटी जी, नमस्ते और हाँ! आपको आपके जन्मदि

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मन की बात....

17 जून 2024
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अगले दिन प्रेम सुबह के नौ बजे तक सो रहा होता है कि प्रिया जोर से आवाज लगाती है: "उठ जाओ आलसी, ऑफिस को लेट हो जाओगे वरना।"प्रेम हड़बड़ाकर उठता है और प्रिया से कहता है: "अरे आज क्या मैं फिर लेट उठा हूं?

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अनकहे किस्से

18 जून 2024
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सागर: मैं डरता हूं कि अगर बता दूंगा तो तुम्हें खो दूंगा।प्रेम: मतलब?सागर: अभी इस बात का सही समय नहीं है। जब सही समय आएगा तब बता दूंगा।प्रेम: सागर, तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कोई लड़का किसी लड़की से यह

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अनकहे किस्से भाग _2

19 जून 2024
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प्रेम: इसका मतलब हुआ कि मुझे पीटी टीचर अच्छे लगते थे।सागर: मतलब तुम भी...प्रेम: नहीं, मेरा उनके प्रति बस एक खिंचाव था।सागर: मतलब?प्रेम: वो अच्छे थे, उनसे बात करना मुझे पसंद था। लेकिन उनके लिए कुछ ज़्य

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वृद्धाश्रम में दादी

23 जून 2024
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अगली सुबह होती है। प्रेम और सागर गहरी नींद में सो रहे थे। थोड़ी देर बाद प्रेम की आंख खुलती है। प्रेम सागर को अपने बगल में सोता हुआ देखता है। प्रेम लेटे हुए ही सागर को देखता रहता है और सोचता है कि सागर

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प्रेम का दूसरा इंटरव्यू

30 जून 2024
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अगली सुबह हुई, सोमवार का दिन था। प्रेम समय से ऑफिस पहुंच गया। मिली भी ऑफिस पहुंच गई थी। प्रेम ने मिली को देखा और उसके पास जाकर बोला: "गुड मॉर्निंग मिली।"मिली: "वैरी गुड मॉर्निंग प्रेम।"प्रेम: "कैसी हो

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दिल की बातें....एक राज़।

9 जुलाई 2024
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सागर के पापा गुस्से में: सागर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?सागर: पापा, वो लंच कर रहा हूँ।प्रेम: वो मैंने ही जोर दिया था।सागर के पापा: प्रेम, तुमसे बात पूछी मैंने, और सागर, तुम्हें पता है मुझे ये सब पसंद नह

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प्यार की शुरुआत

10 जुलाई 2024
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प्रेम घर जाकर बाइक आंगन में खड़ी कर रहा होता है कि प्रेम की मां, जो प्रेम का इंतजार कर रही थी, उसे आता देख बाहर आ जाती है और पूछती है, "आज तुम देर से घर आ रहे हो, काम ज्यादा था क्या?"प्रेम: "हां मां।"

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रूठना मनाना

14 अगस्त 2024
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थोड़ी देर बाद सागर के पापा भी ऑफिस आ जाते हैं और अनुज से पता चलता है कि प्रेम आज सागर सर के साथ उनकी कार में ऑफिस आया था। इतना सुनने के बाद वे गुस्से में सागर के पास जाते हैं, जहां प्रेम पहले से ही मौ

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बिखरी खुशियां

14 अगस्त 2024
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प्रेम: "तो चलो मिली, आज मेरे घर चलो। मेरी माँ के हाथ का खाना खाओ, तुम्हें मज़ा आ जाएगा।"सागर: "हाँ मिली, आंटी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं, तुम्हें ज़रूर चलना चाहिए।"मिली: "लेकिन..."प्रेम: "लेकिन-वेकिन क

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मीटिंग का दिन

20 अगस्त 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और नासिक जाने के लिए तैयार होता है। उधर सागर भी तैयार होकर प्रेम को फोन करता है। प्रेम फोन उठाकर: "हां सागर, बोलो।"सागर: "नासिक चलने के लिए तैयार हो?"प्रेम: "हां, बिल्

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ख्यालों की दुनियां

21 अगस्त 2024
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होटल पहुंचकर सागर रिसेप्शन से कमरे की चाबी लेता है, जिस पर लिखा होता है "आठवीं मंजिल, कमरा नंबर 86"। सागर चाबी लेकर प्रेम से लिफ्ट में चलने को कहता है और फिर दोनों लिफ्ट से अपने कमरे तक पहुंच जाते हैं

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खेल खेल में......

25 अगस्त 2024
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दोनों ने सवालों का खेल शुरू किया।सागर: "तो, पहले तुम सवाल पूछो।"प्रेम: "ठीक है, लेकिन याद रखना, सब सच बोलना होगा। न कोई सवाल बदला जाएगा और न ही जवाब देने से मना किया जाएगा।"सागर: "चलो ठीक है, पूछो।"प्

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प्यार का इजहार

28 अगस्त 2024
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प्रेम अब अच्छे से समझ चुका था कि वह सागर के प्रति अपने प्यार को जबरदस्ती रोक रहा था, जबकि सागर उसे सच्चे दिल से प्यार करता है। इसलिए, प्रेम ने अब मन बना लिया था कि वह सागर से अपने प्यार का इज़हार करके

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नासिक का दूसरा दिन

2 अक्टूबर 2024
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अगली सुबह सागर की आँख खुलती है। वह देखता है कि प्रेम उसके पास सो रहा है। यह देखकर सागर के मन में एक अनोखी खुशी होती है। वह देखता है कि अब बारिश रुक चुकी है और खिड़की से सुबह की सूरज की किरणें प्रेम के

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ऑफिस में वापसी

4 अक्टूबर 2024
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सुबह सात बजे तक दोनों प्रेम के घर वापस आ जाते हैं। प्रेम देखता है कि उसकी मां खाना बना रही थी, और चाची पूजा करके तुलसी के पौधे में जल चढ़ा रही थीं। प्रेम और सागर को देख कर प्रेम की मां खुश हो जाती हैं

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