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नौकरी का पहला दिन

28 मई 2024

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प्रेम की मां : प्रेम जल्दी उठ जा ऑफिस को लेट हो जाएगा और वैसे भी आज ऑफिस का पहला दिन है उठ जा बेटा ।
प्रेम: बस मां दो मिनट और सोने दो अभी आठ भी नहीं बजे मां।
 प्रेम की मां: तू आठ बोल रहा है सही से समय देख नौ बज गए हैं। 
प्रेम ने घड़ी की तरफ देखा तो सच में नौ बज रहे थे । अब तो प्रेम सरपट ऑफिस के लिए भागा ।
प्रेम की। मां : खाना तो खाले पहले 
प्रेम: नही मां अभी बिल्कुल समय नहीं है तुम बस टिफिन देदो मैं निकलता हूं। 
प्रेम सोचते हुए : आज तो पहला दिन है और पहले दिन ही लेट आज तो वो खडूस मेरी जान ले लेगा । हे भगवान आज उससे बचा लेना मैं उससे पहले ऑफिस पहुंच जाऊं जैसे तैसे बस।  
प्रेम जैसे तैसे ऑफिस पहुंचता है और वो पंद्रह मिनट लेट हो जाता है वो भागकर ऑफिस की लिफ्ट में घुस जाता है और तभी उसको लिफ्ट की तरफ कोई आता दिखता है ।
 प्रेम देखता है की काला चश्मा लगा हुआ और मेरी तरफ कौन आ रहा है उसको पास आता देख प्रेम लिफ्ट को बंद होने से रोक लेता है लेकिन जब तक वो पहचान पाता की वो सागर यानी उसका बॉस है तब तक सागर भी लिफ्ट में आ जाता है ।article-image 
प्रेम जिझकते हुए : गुड मॉर्निंग सागर सर। 
सागर: गुड मॉर्निंग प्रेम कैसे हो? 
प्रेम: ठीक हूं सागर सर। सागर : ठीक हो तो लेट कैसे हो गए ?
 प्रेम: अब ब आ वो ट्रैफिक सागर सर आजकल ट्रैफिक बहुत होता है सस्ते में ।
 सागर : तो यह ट्रैफिक  रोजाना रहेगा क्या? 
प्रेम: नही बिलकुल भी नहीं कल से और जल्दी ऑफिस के लिए घर से निकलूंगा सागर सर। 
सागर: ओके यह बात ध्यान रखना, और हां मुझे सिर्फ सर बोला करो सागर सर नहीं।
 प्रेम फिर मन ही मन में सोचता है ये खडूस फिर से मेरे पीछे पड़ गया हे भगवान बोला था आज बचा लो लेकिन तुमने भी मुझे  परेशान करने की कसम खाई है ।
 सागर : तुमसे कितनी बार बोला है मुझे खडूस मत बोला करो। 
प्रेम फिर से चौंक गया और फिर मन में सोचने लगा कि इसको पता कैसे चलता है की मैं इसको क्या बोल रहा हूं।
तभी प्रेम का फोन बजता है "लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल" सागर की फोन की यह रिंगटोन सुनके हँसी छूट जाती है लेकिन वो खुद को रोक लेता है प्रेम जल्दी से फोन कॉल को कट कर देता है और इतने में। लिफ्ट खुलती है दोनो लिफ्ट से बाहर आते हैं। 
सागर: प्रेम जल्दी जाओ और अपना डेस्क सेटअप करके एक घंटे के बाद मेरे से मिलने आना मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है ।
 प्रेम: जी सागर सर।
 सागर :सिर्फ सर। 
प्रेम सारा काम समझकर सागर के केबिन में जाता है ।
 प्रेम: मे आई कम इन सर?
 सागर : हां अंदर आ जाओ और सुनो दरवाजा बंद कर देना।
 प्रेम अब डर चुका था उसको लगा उसको लेट आने की डांट अब पड़ेगी वो अंदर गया और देखा सागर बालकनी में खड़ा था और बाहर की तरफ देख रहा था । 
सागर : प्रेम इधर आओ ।
प्रेम सागर के पास जाता है तब सागर कहता है देखो यह आसमान देखो कितना बड़ा है और यह पंछी देखो जो इन खुले आसमान में उड़ रहे है क्या इनको किसी चीज ने रोका नहीं उड़ने से? 
प्रेम: सर आसमान बना ही है उड़ने के लिए और इन पंछी को बस सिर्फ उनको उनका डर ही रोक सकता था और डर को इन्होंने हरा दिया और इसलिए यह सब खुले आसमान में उड़ रही हैं। article-image
सागर : हम इंसान क्यूं अपने डर को नहीं हरा पाते? क्यूं इंसान आसमान में उड़ने से पहले ऊंचाई देख कर डर जाता है? 
प्रेम: इंसानों को पाने की  खुशी से ज्यादा खोने का डर ज्यादा रहता है इसलिए वो खुद उड़ान भरना ही नहीं चाहते
 सागर: बात तो तुम्हारी सही है। चलो आओ बैठो कुछ काम की बात करनी थी तुमसे दोनो अपनी जगह पे बैठ जाते हैं। प्रेम: जी सर बताइए । 
सागर : देखो प्रेम मैने तुमको इसलिए सेलेक्ट किया था क्युकी मुझे तुम्हारी सच्चाई अच्छी लगी और काबिलियत तुममें है ही लेकिन एक बात बता दूं जो इंटरव्यू मैने लिया था वो मेरे पापा लेने वाले थे और मुझे पता है और अगर वो इंटरव्यू लेते तो तुमको कभी सेलेक्ट नहीं करते इसलिए मैं तुम्हें बता देना चाहता हूं पापा एक हफ्ते में  विदेश से वापस आ रहे हैं और उससे पहले तुमको उनके हिसाब से खुद को ढालना होगा। 
प्रेम : और मैं ये कैसे कर सकता हूं?
 सागर: देखो प्रेम पापा के आते ही उनकी एक बड़े क्लाइंट के साथ मीटिंग है और मैं चाहता हूं उस मीटिंग की सारी जिम्मेदारी तुम संभालो।
प्रेम: मैं कैसे मुझे अभी सही से पता भी नहीं है। 
सागर : ये तुम्हारे लिए पहला और आखिरी मौका है खुद को साबित करने का और मुझे भरोसा है तुम यह कर सकते हो।
 प्रेम : मैं ये जरूर करूंगा लेकिन । 
सागर : लेकिन क्या ?
 प्रेम: मुझे आज लेट आने की कोई सजा नहीं मिलेगी।
 सागर (हंसते हुए): सजा तो मिलेगी और मैं सजा दूंगा।
 प्रेम : कैसी सजा? 
सागर: आज तुमको 1 घंटा  ज्यादा रुकना पड़ेगा । ये सुनके प्रेम फिर सोचने लगा कि ये नहीं सुधरेगा। 
सागर: क्या हुआ मेरे बारे में कुछ सोच रहे हो ? जाओ अब अपना काम करो कल मिलते हैं। 
प्रेम: ओके सर। सागर : जाते समय दरवाजा बंद करके जाना। 
प्रेम सोचे हुए हां हां क्यों नहीं एक तो देर से घर जाना पड़ेगा ऊपर से जनाब के हुकुम खत्म ही नही हो रहे। यह सोचते हुए प्रेम अपने काम पर वापस आ जाता है ।
पूरा दिन काम करने के बाद प्रेम ऑफिस से निकला तो देखता है की बाहर तेज बारिश हो रही है ।
 प्रेम: आज का दिन ही खराब है सुबह से कुछ अच्छा नहीं हुआ देर तक रुकना पड़ा सो अलग अब क्या अब ऐसे  ही जाना पड़ेगा। प्रेम ऑफिस से निकल जाता है वो थोड़ा आगे जाता है की पीछे से एक कार उसके सामने रुकती है जिससे प्रेम थोड़ा डर जाता है और शीशा नीचे होता है। 
प्रेम बिना देखे बोलता है : अंधे हो क्या दिखाई नहीं देता है क्या सड़क पे इतना बड़ा इंसान नहीं दिखता। हेलो मिस्टर तुमसे ही बोल रहा हूं। 
कर के अंदर से आवाज आई : प्रेम कार में बैठो। प्रेम कार से आई आवाज को सुनकर फिर चौंक जाता है वो ध्यान से देखता है की वो कोई और नही सागर है । 



  शेष अगले भाग में........
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

कहानी पढ़कर आगे पढ़ने का कौतूहल बना हुआ है बहुत सुंदर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏

30 मई 2024

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रचनाएँ
प्रेम का सागर
5.0
ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कहानी का उद्देश्य समलैंगिकता के प्रति गलत मानसिकता को खत्म करना है । जो भी व्यक्ति इस पुस्तक को अपनी लाइब्रेरी में जोड़े कृपया अपना नाम कॉमेंट में या समीक्षा में अवश्य लिख दे जिससे मुझे प्रोत्साहन मिले
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परिचय.....

22 जनवरी 2023
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यह कहानी है दो लडकों की एक का नाम प्रेम और दूसरे का सागर दोनो एक दूसरे से अंजान थे दोनो अपनी जिंदगी को अपने ढंग से जी रहे थे लेकिन तब तक जब तक वो मिले नहीं और जिस दिन मिले तब से दोनो की जिंदगी जीने का

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पहली मुलाकात.....

22 जनवरी 2023
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प्रेम और सागर की पहली मुलाकात सागर के ऑफिस में हुई थी। प्रेम जो एक नौकरी की तलाश कर रहा था वो उस दिन उसी कम्पनी में इन्टरव्यू के लिए जा रहा था जो सागर के पिता की थी। प्रेम सही समय पर ऑफिस पहुंच गया था

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नौकरी का पहला दिन

28 मई 2024
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प्रेम की मां : प्रेम जल्दी उठ जा ऑफिस को लेट हो जाएगा और वैसे भी आज ऑफिस का पहला दिन है उठ जा बेटा ।प्रेम: बस मां दो मिनट और सोने दो अभी आठ भी नहीं बजे मां। प्रेम की मां: तू आठ बोल रहा है सही से

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घर तक का सफर

28 मई 2024
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सागर ने मुस्कुराते हुए कहा : "क्या हुआ? अब चुप क्यों हो गए? बताओ कौन अंधा है? लेकिन पहले तुम कार में जल्दी बैठो, नहीं तो और भीग जाओगे।"प्रेम: नहीं सर आप जाओ मैं चला जाऊंगा। सागर : लगता है त

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प्रेम की पहली मीटिंग

9 जून 2024
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प्रेम घर आकर अपने कमरे में बैठा था और सागर के साथ हुई बातचीत के बारे में सोच रहा था। उसे यह अहसास हो रहा था कि सागर सिर्फ एक सख्त बॉस नहीं है, बल्कि उसके अंदर भी संवेदनशीलता और भावनाएं हैं। उधर, सागर

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खीर का स्वाद

12 जून 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और मां के पास जाकर कहता है, "मां, आपको आपके जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई! आप हमेशा खुश रहो और मेरा हमेशा ध्यान रखो।"प्रेम की मां कहती हैं, "बेटा, मैं कब तक तेरा ध्यान रखू

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खाने का बुलावा

17 जून 2024
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प्रेम की मां बाहर आकर देखती हैं कि प्रेम के साथ कोई आया है। प्रेम की मां प्रेम से पूछती हैं: "ये तुम्हारे सागर सर हैं क्या?" प्रेम: "हाँ, वही हैं।" सागर: "आंटी जी, नमस्ते और हाँ! आपको आपके जन्मदि

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मन की बात....

17 जून 2024
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अगले दिन प्रेम सुबह के नौ बजे तक सो रहा होता है कि प्रिया जोर से आवाज लगाती है: "उठ जाओ आलसी, ऑफिस को लेट हो जाओगे वरना।"प्रेम हड़बड़ाकर उठता है और प्रिया से कहता है: "अरे आज क्या मैं फिर लेट उठा हूं?

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अनकहे किस्से

18 जून 2024
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सागर: मैं डरता हूं कि अगर बता दूंगा तो तुम्हें खो दूंगा।प्रेम: मतलब?सागर: अभी इस बात का सही समय नहीं है। जब सही समय आएगा तब बता दूंगा।प्रेम: सागर, तुम तो ऐसे बोल रहे हो जैसे कोई लड़का किसी लड़की से यह

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अनकहे किस्से भाग _2

19 जून 2024
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प्रेम: इसका मतलब हुआ कि मुझे पीटी टीचर अच्छे लगते थे।सागर: मतलब तुम भी...प्रेम: नहीं, मेरा उनके प्रति बस एक खिंचाव था।सागर: मतलब?प्रेम: वो अच्छे थे, उनसे बात करना मुझे पसंद था। लेकिन उनके लिए कुछ ज़्य

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वृद्धाश्रम में दादी

23 जून 2024
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अगली सुबह होती है। प्रेम और सागर गहरी नींद में सो रहे थे। थोड़ी देर बाद प्रेम की आंख खुलती है। प्रेम सागर को अपने बगल में सोता हुआ देखता है। प्रेम लेटे हुए ही सागर को देखता रहता है और सोचता है कि सागर

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प्रेम का दूसरा इंटरव्यू

30 जून 2024
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अगली सुबह हुई, सोमवार का दिन था। प्रेम समय से ऑफिस पहुंच गया। मिली भी ऑफिस पहुंच गई थी। प्रेम ने मिली को देखा और उसके पास जाकर बोला: "गुड मॉर्निंग मिली।"मिली: "वैरी गुड मॉर्निंग प्रेम।"प्रेम: "कैसी हो

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दिल की बातें....एक राज़।

9 जुलाई 2024
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सागर के पापा गुस्से में: सागर तुम यहाँ क्या कर रहे हो?सागर: पापा, वो लंच कर रहा हूँ।प्रेम: वो मैंने ही जोर दिया था।सागर के पापा: प्रेम, तुमसे बात पूछी मैंने, और सागर, तुम्हें पता है मुझे ये सब पसंद नह

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प्यार की शुरुआत

10 जुलाई 2024
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प्रेम घर जाकर बाइक आंगन में खड़ी कर रहा होता है कि प्रेम की मां, जो प्रेम का इंतजार कर रही थी, उसे आता देख बाहर आ जाती है और पूछती है, "आज तुम देर से घर आ रहे हो, काम ज्यादा था क्या?"प्रेम: "हां मां।"

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रूठना मनाना

14 अगस्त 2024
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थोड़ी देर बाद सागर के पापा भी ऑफिस आ जाते हैं और अनुज से पता चलता है कि प्रेम आज सागर सर के साथ उनकी कार में ऑफिस आया था। इतना सुनने के बाद वे गुस्से में सागर के पास जाते हैं, जहां प्रेम पहले से ही मौ

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बिखरी खुशियां

14 अगस्त 2024
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प्रेम: "तो चलो मिली, आज मेरे घर चलो। मेरी माँ के हाथ का खाना खाओ, तुम्हें मज़ा आ जाएगा।"सागर: "हाँ मिली, आंटी बहुत अच्छा खाना बनाती हैं, तुम्हें ज़रूर चलना चाहिए।"मिली: "लेकिन..."प्रेम: "लेकिन-वेकिन क

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मीटिंग का दिन

20 अगस्त 2024
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अगली सुबह प्रेम जल्दी उठ जाता है और नासिक जाने के लिए तैयार होता है। उधर सागर भी तैयार होकर प्रेम को फोन करता है। प्रेम फोन उठाकर: "हां सागर, बोलो।"सागर: "नासिक चलने के लिए तैयार हो?"प्रेम: "हां, बिल्

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ख्यालों की दुनियां

21 अगस्त 2024
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होटल पहुंचकर सागर रिसेप्शन से कमरे की चाबी लेता है, जिस पर लिखा होता है "आठवीं मंजिल, कमरा नंबर 86"। सागर चाबी लेकर प्रेम से लिफ्ट में चलने को कहता है और फिर दोनों लिफ्ट से अपने कमरे तक पहुंच जाते हैं

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खेल खेल में......

25 अगस्त 2024
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दोनों ने सवालों का खेल शुरू किया।सागर: "तो, पहले तुम सवाल पूछो।"प्रेम: "ठीक है, लेकिन याद रखना, सब सच बोलना होगा। न कोई सवाल बदला जाएगा और न ही जवाब देने से मना किया जाएगा।"सागर: "चलो ठीक है, पूछो।"प्

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प्यार का इजहार

28 अगस्त 2024
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प्रेम अब अच्छे से समझ चुका था कि वह सागर के प्रति अपने प्यार को जबरदस्ती रोक रहा था, जबकि सागर उसे सच्चे दिल से प्यार करता है। इसलिए, प्रेम ने अब मन बना लिया था कि वह सागर से अपने प्यार का इज़हार करके

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नासिक का दूसरा दिन

2 अक्टूबर 2024
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अगली सुबह सागर की आँख खुलती है। वह देखता है कि प्रेम उसके पास सो रहा है। यह देखकर सागर के मन में एक अनोखी खुशी होती है। वह देखता है कि अब बारिश रुक चुकी है और खिड़की से सुबह की सूरज की किरणें प्रेम के

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ऑफिस में वापसी

4 अक्टूबर 2024
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सुबह सात बजे तक दोनों प्रेम के घर वापस आ जाते हैं। प्रेम देखता है कि उसकी मां खाना बना रही थी, और चाची पूजा करके तुलसी के पौधे में जल चढ़ा रही थीं। प्रेम और सागर को देख कर प्रेम की मां खुश हो जाती हैं

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