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पहली मुलाकात.....

22 जनवरी 2023

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प्रेम और सागर की पहली मुलाकात सागर के ऑफिस में हुई थी। प्रेम जो एक नौकरी की तलाश कर रहा था वो उस दिन उसी कम्पनी में इन्टरव्यू के लिए जा रहा था जो सागर के पिता की थी। प्रेम सही समय पर ऑफिस पहुंच गया था काफी सारे और लड़के लड़कियां भी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने आए हुए थे।
तभी एक और लड़का आता है और प्रेम के पास आकर बैठ जाता है। वो सबको देखता है कभी किसी से बात करता है और कभी किसी से ये सब देखकर प्रेम भी उसके साथ खुलकर बात करने लगा। प्रेम बोला कि "तुम भी नौकरी के लिए आए हो और अगर आए हो तो उदास मत होना जब मुझे ये नौकरी मिल जायेगी।" वो लड़का थोड़ा सा हँसा और फिर उसकी नज़र अपनी शर्ट पर गई और अचानक वो प्रेम से बोला " हे भगवान अरे मैं आज अपनी टाई पहनना भूल गया अब क्या होगा और अब अगला नम्बर मेरा ही आने वाला है" इतना बोलकर वो लड़का सबसे टाई माँगने लगा लेकिन कोई उसकी मदद करने के लिए राज़ी नहीं हुआ। प्रेम ये सब देख रहा था और उसको उस लड़के के लिए थोड़ा बुरा भी लग रहा था  तो उसने उस लड़के को बुलाया और अपनी टाई उतारकर उसको दे दी। बाकी सब हैरान होकर उसको देख रहे थे की उसने एक अनजान को टाई देकर एक और दावेदार बढ़ा दिया था वो भी खुद की नौकरी खतरे में डाल कर।
तब वो लड़का प्रेम से कहता है तुमने अपनी टाई मुझे दे दी लेकिन अगर मेरी नौकरी लग गई तो तुम बुरा तो नहीं मानोगे। प्रेम जोर से हँसा और बोला  वापस आकर तुम मेरी टाई वापस कर देना बस नहीं तो मैं घर पर खूब डांट सुनूंगा। वो लड़का बोला क्या बिना टाई के इंटरव्यू दोगे ? प्रेम ने कहा हां मुझे टाई की वजह से नौकरी नहीं मिलेगी मैं अपनी काबिलियत से नौकरी लूंगा। वो लड़का प्रेम को देखता है और प्रेम से पूछता है की तुमको क्या लगता है यह कंपनी कैसी है और प्रेम बड़े ही मजाकिया अंदाज में कहता है की कंपनी का तो पता नहीं लेकिन इस कम्पनी का मालिक बहुत खड़ूस लगता है मैने उसको अखबार में देखा था डरावनी आंखें दो फुट लम्बी नाक हाथी जैसे कान । इतना कहकर प्रेम हंसने लगा और वो लड़का थोड़ा सा मुस्कुराया । थोड़ी देर बाद उस लड़के का नंबर आया और वो इंटरव्यू के लिए ऑफिस के अंदर चला गया थोड़ी देर बाद चपड़ासी को ऑफिस के अंदर बुलाकर कुछ कहा और फिर बाहर आया और सबके सामने जोर से बोला की बॉस का कहना है की उनको नौकरी के लिए योग्य व्यक्ति मिल गया है कृप्या आप सब जा सकते हैं। प्रेम और बाकी सबको अब पता चल गया था कि उस लड़के को ये नौकरी मिल चुकी है ।
फिर सब निराश होकर धीरे धीरे जाने लगते हैं और चपरासी फिर से बोलता है की आप सब में से प्रेम कौन है उसको अंदर ऑफिस में बुलाया गया है इतना सुनके प्रेम हैरान होकर चपरासी को देखने लगा। प्रेम बोला मैं प्रेम हूं क्या मुझे अंदर बुलाया है लेकिन क्यूं। चपरासी झुंझलाकर बोला मुझे नहीं पता क्यूं जाके खुद पूछ लो।
पहली बार प्रेम को डर लग रहा था माथे पे पसीना था उसको लग रहा था कहीं उस लड़के ने सबको बता तो नहीं दिया की मैने कंपनी के मालिक के बारे में क्या क्या बोला था। प्रेम धीरे धीरे ऑफिस के दरवाज़े के बाहर रुक के भगवान से प्रार्थना करता है की हे भगवान बस आज बचा लो जैसे तैसे आगे से किसी की बुराई नहीं करूंगा। फिर प्रेम दरवाजा खोलकर बोलता है की "मे आई कम इन सर"। अंदर से एक लड़की की आवाज आती है "यस"। प्रेम अंदर आता है और देखता है की एक लड़की टेबल के पास खड़ी है और बॉस की अपनी कुर्सी खाली है। वो लड़की प्रेम को बैठने के लिए बोलती है और फिर डरते हुए कुर्सी पर बैठ जाता है। प्रेम इधर उधर देखता है की वो लड़का वहां नहीं था जो इन्टरव्यू देने था। तब वो लड़की पूछती है क्या हुआ किसको ढूंढ़ रहे हो? प्रेम ने कहा कि वो लड़का जो इन्टरव्यू के लिए आया था वो गया क्या ? तब लड़की प्रेम के पीछे इशारा करके कहती है कौन सा लड़का वो वाला। प्रेम पीछे मुड़के देखता है की यह वही लड़का है जिसको उसने टाई दी थी। वो लड़का प्रेम के पास आता है और कहता है थैंक यू टाई देने के लिए लेकिन तुम्हे कम्पनी के बॉस के लिए ऐसा नही बोलना चाहिए  था । ये सुनके प्रेम के मानो तोते उड़ गए उसको लगा इसने बॉस को सब बता दिया और बॉस मुझे आज नहीं छोड़ेगा प्रेम अब घबराने लगा था उसका गला सुख रहा था। लड़की उसको पानी का ग्लास देती है और कहती है लो पानी पियो प्रेम । अब प्रेम ने पानी का ग्लास उठाया और पानी पी ही रहा था कि वो लड़का आगे जाके बॉस की कुर्सी पर जाके बैठ गया उसको कुर्सी पे देख प्रेम को बहुत बड़ा झटका लगा और मुंह का पानी अचानक से निकल गया को कुछ समझ  नही आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा था। फिर वो लड़की बोलती है प्रेम आराम से पानी पियो मैं तुमको सब समझती हूं।यह मिस्टर सागर हैं इस कम्पनी के बॉस के बेटे बड़े सर फिलहाल शहर से बाहर गए हुए हैं इसलिए सागर सर सब कुछ देख रहे हैं और सागर सर ही बाहर ऐसे गए थे और बाहर जो कुछ भी हुआ वो इन्टरव्यू का ही हिस्सा था और जिसमें तुम पास हो गए हो। प्रेम अब भी सागर को ही देख रहा था और ये सोच रहा था की मैने इसके पापा को क्या क्या बोल दिया फिर भी मुझे नौकरी दे रहा है ।
फिर सागर उस लड़की से बोलता है मिली तुमको क्या लगता है मेरे पापा की नाक दो फुट लम्बी है क्या? प्रेम तुरन्त बोला नहीं सर वो तो मैं बस मज़ाक कर रहा था मुझे क्या पता था की वो आपके ही पापा निकलेंगे।
सागर ने कहा निकलेंगे का क्या मतलब है वो मेरे पापा ही हैं लेकिन हां मेरे पापा की आँख थोड़ी डरावनी तो है। इतना कहकर मिली और सागर दोनो हंसने लगे।
सागर ने तब कहा देखो प्रेम मैने देखा था की तुमने कैसे मेरी मदद की थी एक अनजान की तरह और तुमने ये भी बताया कि टाई से नौकरी नहीं मिलती और जहां तक की बात है तुम्हारी क्वालिफिकेशन वो इस नौकरी के लिए ठीक है तो तुम बताओ कब से आओगे
प्रेम ने कहा मैं तो काफी डर गया था लेकिन अब थोड़ा ठीक है मुझे यह नौकरी वैसे भी चाहिए और सागर मैंने तुमको बोला था यह नौकरी मुझे ही मिलेगी।
फिर सागर ने कहा मुझे मेरे नाम से मत बुलाओ मैं तुम्हारा बॉस हूं समझे मुझे सर बुलाओगे आगे से।
प्रेम मन ही मन सोच रहा था की ये भी अपने पापा की तरह ही खड़ूस है तभी सागर ने बोला की मैं तुमको खड़ूस लग रहा हूं। प्रेम फिर चौंक गया की इसको ये कैसे पता चला की मैं क्या सोच रहा हूं और फिर सागर और प्रेम एक दूसरे को देखते हैं सागर मुस्कुराता हुआ ऑफिस से बाहर जाता है और प्रेम अभी सोचता रह जाता है की ये कैसा इंसान है जो इतना खड़ूस है 


शेष अगले भाग में........
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प्रेम का सागर
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ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कहानी का उद्देश्य समलैंगिकता के प्रति गलत मानसिकता को खत्म करना है ।

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