“मेरा खजूर-बताशा तुम्हारा पहचान बन गया || चाँद मेरा और सूरज तुम्हारा पहचान बन गया || चले थे कहकर सबका साथ-सबका विकास करेंगे, मगर हरा और गेडुआ हमारा पहचान बन गया” ||
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“एक दुसरे को जलील करना हमारा शान बन गया || जानवर के वास्ते इंसानों को मरना ईमान बन गया || राम – रहीम – नानक - बुद्ध की ये पावन भूमि, नफ़रत-हिंसा और कायरता का हिन्दुस्तान बन गया” ||
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“संग लड़े थे जंग ए आजादी की, आज वो अंजन बन गया || प्रेम का राज महल अब खंडहर मकान बन गया || सत्य-अहिंसा और भाईचारे की बहती थी गंगा यहाँ, हमें बांटने का अब ये साजो-सामान बन गया” ||
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“मंदिर-मस्जिद घर्म के ठीकेदारो का दूकान बन गया || दिलो में फुट डालने वाला, धरती का भगवन बन गया || ख़ुशी मिलती थी घंटी और आजान से, अब तो सारी खुशियों का शमशान बन गया” ||
---जहाँगीर----