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महत्ता बिंदी की

20 अक्टूबर 2021

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🌷🌹"महत्ता बिंदी की"🌹🌷

बिंदी न केवल इक श्रंगार है, दुल्हन को रब्बी सौगात है।
आभामय मस्तक होता है, बिंदी माथे पे इतनी सुहात है।
बिछुआ चूड़ी सिंदूर बिंदी, ये सुहाग की निशानी 'मोहन'।
वेद-शास्त्र-पुराणों में वर्णित, बिंदी की दिव्य करामात है।

ज्यों इक बिंदी श्रंगार नारी का, त्यों भाषा का श्रृंगार है बिंदी।
बिंदी लगती है कई भाषाओं में, पंजाबी उर्दू फ़ारसी या सिंधी।
बिंदी की बात निराली 'मोहन', ये ऊपर नीचे या आगे लगती है।

बिंदी की वज़ह से हरेक भाषा में,सबसे ख़ास भाषा है हिंदी।


हो माथे या फिर भाषा में बिंदी, इसकी छटा अलौकिक होती है।
श्रृंगार यह करती दोनों जगहों पर, दिव्यज्योति तिलक सी होती है।
न जाति मज़हब भाषा का भेद, जो धारे वही तो सजता 'मोहन'।
बिंदी छोटी बड़ी या फिर चिंदी सी, बिंदी खासमखास होती है।

🌺बिंदी रस श्रृंगार है🌺
🙏सुहागिन व भाषा का मुकुट है बिंदी🙏

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

सुंदर भाव सुंदर भावनाएं 👌

13 जनवरी 2022

Mohan

Mohan

हार्दिक आभार जी

20 अक्टूबर 2021

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत सुंदर बिंदी का वर्णन किया आपने 🙏🙏

20 अक्टूबर 2021

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रचनाएँ
गरिमा लेखनी की
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इस पुस्तक में आध्यात्म या समाज का चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
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लेखनी की गरिमा

11 अक्टूबर 2021
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राब्ता-ए-फ़क़्र: सज़दा

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परछाईं न साथ देती है...

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महत्ता बिंदी की

20 अक्टूबर 2021
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चिराग-ए-उजास

31 अक्टूबर 2021
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13 नवम्बर 2021
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🌷🌹"क़माल की जादुई झप्पी"🌹🌷

15 नवम्बर 2021
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16 नवम्बर 2021
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🌷🌹"राज़-ए-मुहूर्त"🌹🌷

16 नवम्बर 2021
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🌷🌹"अंधेरा फ़क्त उजास की क्षीणता"🌹🌷

17 नवम्बर 2021
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18 नवम्बर 2021
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🌷🌹"नारी जानो सोये.."🌹🌷

25 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"नारी जानो सोये.."</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>"यत्र नार्यस्तु पूज्यंत

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26 नवम्बर 2021
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29 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"झरोखा"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>रसोई में झरोखे लगे होते हैं, इस ढं

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🌷🌹"ओस रब्बी वरदान है.."🌹🌷

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🌷🌹"अपनी दिव्य पनाहों में.."🌹🌷

12 दिसम्बर 2021
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🌷🌹"इश्क़-हक़ीक़ी पूजा है..."🌹🌷

14 दिसम्बर 2021
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🌷🌹"श्रद्धा भक्ति विश्वास रहे, मन में आनंद का वास रहे"🌹🌷

16 दिसम्बर 2021
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21 दिसम्बर 2021
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<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"सब कुछ बदल गया"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr">हर एक मनुष्य को <b>सर्वश्रेष्ठ

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🌷🌹"शरूर-ए-इश्क़ ख़ुमारी"🌹🌷

1 जनवरी 2022
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🌷🌹"तुम... ज़िस्म हो या ज़िस्म में हो..."🌹🌷

13 जनवरी 2022
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🌷🌹"तुम... ज़िस्म हो या ज़िस्म में हो..."🌹🌷 तुम क्या महज़ ज़िस्म हो??? यदि ज़िस्म हो तो नामकरण के पहले एवं मरण के उपरांत... क्या अपनी पहचान बता सकोगे!! और यदि ज़िस्म नहीं हो तो फिर क्या हो और कौन हो!!! न

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🌷🌹"बस मोल है ख़्यालात का..."🌹🌷

21 जनवरी 2022
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🌷🌹"बस मोल है ख़्यालात का..."🌹🌷 भास खुदको तब हुआ,अपनी सही औक़ात का। जब सितारे ने था चीरा, दिल अंधियारी रात का। नश्तर चुभाके दिल में जो,बेदर्दी से ज़ख़्म दिए। दर्द को भी न दर्द हुआ, प्रेम भरे जज़्बात का।

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🌹"कहीं ऐसा इलाही घर न मिलेगा.."🌹🌷

23 जनवरी 2022
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🌷🌹"कहीं ऐसा इलाही घर न मिलेगा.."🌹🌷 इस लुभावने गुलशन के जैसा, कहीं और यह मंजर न मिलेगा। उल्फ़त से महके जहाँ हर ज़र्रा, वहां ख़ौफ़-ए-ख़ंजर न मिलेगा। महकता हुआ हो हरपल ही जहां, हर वक़्त सुबह और शाम। रूहानि

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🌷🌹"पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला संपन्न समरथ सत्ता है..."🌹🌷

27 जनवरी 2022
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🌷🌹"पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला संपन्न समरथ सत्ता है..."🌹🌷 पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला, संपन्न समरथ सत्ता है। बिन इसकी कृपा के तो, खिले न फूल-पत्ता है। सबकुछ लेवे देवे यही,'मोहन' अलौकिक दत्ता है। अज्ञा

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